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नैनीताल HC में जिला सहकारी बैंकों में ग्रुप-डी भर्ती मामले की सुनवाई, चार सप्ताह में मांगा जवाब

जिला सहकारी बैंकों में ग्रुप डी की भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमिताओं के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर आज नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले कोर्ट ने राज्य सरकार, रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसायटी व अन्य जिलों के जिला सहकारी बैंकों के सेक्रेटरी से चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है.

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Published : Aug 5, 2022, 3:19 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के जिला सहकारी बैंकों में ग्रुप डी की भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमिताओं के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर आज सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने राज्य सरकार, रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसायटी व अन्य जिलों के जिला सहकारी बैंकों के सेक्रेटरी से चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. ऐसे में अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 नवम्बर को होगी.

बता दें कि इस मामले में याचिकाकर्ता ने सीबीआई व सीआईडी को भी जांच करने हेतु पक्षकार बनाया है. हरिद्वार निवासी प्रियांशु त्यागी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2020 में प्रदेश के सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के लिए 423 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी हुई थी. जिसमें भर्ती प्रक्रिया के दौरान कई अनियमितताएं सामने आईं. याचिकाकर्ता का कहना है कि इस भर्ती प्रक्रिया में अधिकारियों व नेताओं के रिश्तेदारों का चयन किया गया और कई अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर भर्ती की जा रही है.
पढ़ें- मोरा तारा ज्वैलर्स पर अटैक: रंगदारी मांगने वाले यूपी के 5 बदमाश गिरफ्तार, लैपटॉप ने बचाई जान

वहीं, उन्होंने इसकी शिकायत ज्वालापुर हरिद्वार से विधायक सुरेश राठौर और मुख्यमंत्री से की. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. समाचार पत्रों में अनियमितताओं की खबर छपने के बाद मुख्य सचिव के निर्देश पर सचिव सहकारिता ने हरिद्वार में इस भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया. हालांकि, नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून व पिथौरागढ़ में इसके बाद भी भर्तियां की गईं. याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा है कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई या सीआईडी से कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के जिला सहकारी बैंकों में ग्रुप डी की भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमिताओं के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर आज सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने राज्य सरकार, रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसायटी व अन्य जिलों के जिला सहकारी बैंकों के सेक्रेटरी से चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. ऐसे में अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 नवम्बर को होगी.

बता दें कि इस मामले में याचिकाकर्ता ने सीबीआई व सीआईडी को भी जांच करने हेतु पक्षकार बनाया है. हरिद्वार निवासी प्रियांशु त्यागी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2020 में प्रदेश के सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के लिए 423 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी हुई थी. जिसमें भर्ती प्रक्रिया के दौरान कई अनियमितताएं सामने आईं. याचिकाकर्ता का कहना है कि इस भर्ती प्रक्रिया में अधिकारियों व नेताओं के रिश्तेदारों का चयन किया गया और कई अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर भर्ती की जा रही है.
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वहीं, उन्होंने इसकी शिकायत ज्वालापुर हरिद्वार से विधायक सुरेश राठौर और मुख्यमंत्री से की. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. समाचार पत्रों में अनियमितताओं की खबर छपने के बाद मुख्य सचिव के निर्देश पर सचिव सहकारिता ने हरिद्वार में इस भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया. हालांकि, नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून व पिथौरागढ़ में इसके बाद भी भर्तियां की गईं. याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा है कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई या सीआईडी से कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

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