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'शक्तिमान' मौत मामले को लेकर HC में सुनवाई, आरोपियों को सजा दिलाए जाने पर हुई बहस

शक्तिमान घोड़े की मौत (death of shaktiman horse) के आरोपियों को सजा दिलाये जाने के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट (Hearing in Nainital High Court) में सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता ने मामले में गणेश जोशी को दोष मुक्त करने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती (Ganesh Joshi challenged the acquittal verdict) दी है. मामले की अगली सुनवाई 3 जनवरी को होगी.

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'शक्तिमान' मौत मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई
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Published : Dec 21, 2022, 9:23 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शक्तिमान घोड़े की मौत (death of shaktiman horse) के मामले में आरोपियों को सजा दिलाए जाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने अगली सुनवाई हेतु 3 जनवरी की तिथि नियत की है.

मामले के अनुसार होशियार सिंह बिष्ट (Petitioner Hoshiar Singh Bisht) ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर जिला अदालत के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें निचली अदालत ने गणेश जोशी को दोष मुक्त (Ganesh Joshi challenged the acquittal verdict) कर दिया था. जिसमें कहा गया था कि याचिकाकर्ता होशियार सिंह बिष्ट ना तो शिकायतकर्ता हैं औ ना ही गवाह हैं. याचिका में कहा गया 2016 में विधानसभा घेराव के दौरान पुलिस की लाठी से गणेश जोशी ने घोड़े की टांग पर हमला किया था, जिसके बाद घोड़े की मौत हो गई थी.

पढे़ं- उत्तराखंड में 'हिमयुग'! जम गए नदी-नाले और झरने, जारी है सर्दी का सितम

इस मामले में 23 अप्रैल 2016 को पुलिस ने गणेश जोशी को आरोपी बनाया और देहरादून के नेहरू क्लोनी थाने में मुकदमा भी दर्ज किया. जिसके बाद 16 मई 2016 को चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की. इसी बीच सरकार बदली तो सरकार ने सीजेएम कोर्ट से केस वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल कर दिया.

23 सितंबर 2021 को निचली अदालत ने गणेश जोशी को बरी कर दिया. अपीलीय कोर्ट ने याचिका को सुनवाई योग्य नहीं माना. उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता ने निचली अदालत के निर्णय को निरस्त करने के साथ गणेश जोशी एवं अन्य को सजा दिलाए जाने की मांग की है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शक्तिमान घोड़े की मौत (death of shaktiman horse) के मामले में आरोपियों को सजा दिलाए जाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने अगली सुनवाई हेतु 3 जनवरी की तिथि नियत की है.

मामले के अनुसार होशियार सिंह बिष्ट (Petitioner Hoshiar Singh Bisht) ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर जिला अदालत के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें निचली अदालत ने गणेश जोशी को दोष मुक्त (Ganesh Joshi challenged the acquittal verdict) कर दिया था. जिसमें कहा गया था कि याचिकाकर्ता होशियार सिंह बिष्ट ना तो शिकायतकर्ता हैं औ ना ही गवाह हैं. याचिका में कहा गया 2016 में विधानसभा घेराव के दौरान पुलिस की लाठी से गणेश जोशी ने घोड़े की टांग पर हमला किया था, जिसके बाद घोड़े की मौत हो गई थी.

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इस मामले में 23 अप्रैल 2016 को पुलिस ने गणेश जोशी को आरोपी बनाया और देहरादून के नेहरू क्लोनी थाने में मुकदमा भी दर्ज किया. जिसके बाद 16 मई 2016 को चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की. इसी बीच सरकार बदली तो सरकार ने सीजेएम कोर्ट से केस वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल कर दिया.

23 सितंबर 2021 को निचली अदालत ने गणेश जोशी को बरी कर दिया. अपीलीय कोर्ट ने याचिका को सुनवाई योग्य नहीं माना. उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता ने निचली अदालत के निर्णय को निरस्त करने के साथ गणेश जोशी एवं अन्य को सजा दिलाए जाने की मांग की है.

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