रामनगर: कुमाऊं स्वास्थ्य निदेशक शैलजा भट्ट आज रामनगर स्थित रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने डॉक्टर और आशा वर्करों को ड्रेस न पहनने पर कड़ी फटकार लगाई. निदेशक ने अस्पताल में अबतक शुरू नहीं की गईं वेंटिलेटर मशीनें तुरंत इंस्टॉल करने के सख्त निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही अस्पताल द्वारा महिला के शरीर में एक किडनी न होने की रिपोर्ट देने के मामले में जांच करने की बात भी कही.
गौर हो कि पीपीपी मोड पर चल रहे रामदत्त संयुक्त चिकित्सालय को एक महीने पहले ही वेंटिलेटर मिल चुके हैं लेकिन वेंटिलेटर इंस्टॉल करने वाला इंजीनियर नहीं आया, जिस कारण इनका अबतक इस्तेमाल नहीं हो पाया है और वेंटिलेटर का अभाव बताकर मरीजों को रेफर किया जा रहा है. कुमाऊं डीजी हेल्थ शैलजा भट्ट के निरीक्षण के दौरान अस्पताल आए मरीजों के तीमारदारों से बातचीत में ये बात सामने आई जब उन्होंने बताया कि वेंटिलेटर का अभाव बताकर उन्हें हल्द्वानी रेफर किया जा रहा है. डीजी हेल्थ ने तुरंत चिकित्सालय में रखी 5 वेंटिलेटर मशीनों को चालू करने के निर्देश दिये हैं. इसके साथ ही कहा कि जबतक कोरोना रिपोर्ट न आए तबतक किसी भी मरीज को हल्द्वानी न भेजा जाए.
इसके साथ ही कुमाऊं डीजी हेल्थ शैलजा भट्ट ने निरीक्षण के दौरान निदेशक ने बिना ड्रेस में ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों व आशा वर्करों को फटकार लगाते हुए ड्रेस पहनने की बात कही. स्वास्थ्य निदेशक ने बताया कि आशा वर्कर और डॉक्टरों की पहचान आम आदमी उनके ड्रेस से करता है.
वहीं, पीपीपी मोड पर चल रहे अस्पताल में कोरोना काल में लोगों से सोशल डिस्टेंसिग का पालन कराने के लिए अस्पताल प्रबंधक को निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है. प्रबंधन ने बताया कि कोरोना की वजह से डॉक्टरों में कमजोरी है, वो लोग छुट्टी पर हैं.
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वहीं, दूसरी तरफ बीते दिनों अस्पताल की लैब में एक गर्भवती महिला की जांच में केवल एक किडनी होने की रिपोर्ट आई थी. हालांकि, महिला ने जब काशीपुर स्थित लैब में टेस्ट कराया तो शरीर में दोनों किडनियां होने की पुष्टि हुई. स्वास्थ्य निदेशक ने मामले संज्ञान में न होने की बात कही और प्रकरण की जांच करने को कहा है.