हलद्वानीः प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बॉन्ड के तहत एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद. कम से कम 5 साल तक सेवा दान अनिवार्य है.वहीं, कई डॅाक्टर ऐसे है जो इन शर्तों का उल्लघंन कर रहे हैं. जिसके चलते स्वास्थ्य महानिदेशक ने निर्देश जारी किया है और करीब 25 डॉक्टरों को अंतिम नोटिस जारी कर स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड में ज्वॉइनिंग का निर्देश दिया है.अगर अंतिम तारीख तक ज्वॉइनिंग नहीं करते हैं. तो मेडिकल बॉन्ड की शर्तों के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनसे 18% ब्याज के साथ फीस वसूली जाएगी.
उत्तराखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बॉन्ड के तहत एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन डॉक्टरों को उत्तराखंड में पहाड़ के दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में कम से कम 5 साल तक मेडिकल की सेवा देना अनिवार्य है. लेकिन कई ऐसे डॉक्टर हैं जो इन शर्तों का उल्लंघन कर अपनी सेवाएं नहीं दे रहे हैं. इनमें से अधिकतर डॉक्टर या तो अपना अस्पताल खोल काम कर रहे हैं. इस मामले को हाईकोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए राज्य सरकार से इन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
पढ़ेः ऑल वेदर प्रोजेक्ट से प्रभावित व्यापारियों का प्रदर्शन, सरकार से पुनर्वास और रोजगार की मांग
वहीं, अब स्वास्थ्य महकमा इन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई कार्रवाई करने जा रहा है. राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के प्राचार्य सीपी भैसोड़ा का कहना है कि स्वास्थ्य महानिदेशक के निर्देश के बाद हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई कर चुके करीब 25 डॉक्टरों को अंतिम नोटिस जारी किया गया है. जिन्होंने बॉन्ड का उल्लंघन करते हुए पर्वतीय क्षेत्र में दुर्गम सेवाएं देने से मना कर दिया है.अगर अंतिम नोटिस तक ये डॉक्टर ज्वॉइन नहीं करते है तो इनको 18% ब्याज के साथ मेडिकल की पढ़ाई की फीस वसूली जाएगी.