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स्वास्थ्य विभाग ने बॉन्डेड डॉक्टरों को थमाया लास्ट नोटिस, ज्वॉइन नहीं किया तो भरना होगा ब्याज

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Published : Aug 29, 2019, 3:59 PM IST

Updated : Aug 29, 2019, 4:25 PM IST

उत्तराखंड सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद कम से कम 5 साल सेवा दान अनिवार्य है. लेकिन 25 डॉक्टरों ने ऐसा करने से मना कर दिया है. जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने ज्वॉइनिंग का निर्देश दिया है.

स्वास्थ्य विभाग ने दिया निर्देश

हलद्वानीः प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बॉन्ड के तहत एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद. कम से कम 5 साल तक सेवा दान अनिवार्य है.वहीं, कई डॅाक्टर ऐसे है जो इन शर्तों का उल्लघंन कर रहे हैं. जिसके चलते स्वास्थ्य महानिदेशक ने निर्देश जारी किया है और करीब 25 डॉक्टरों को अंतिम नोटिस जारी कर स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड में ज्वॉइनिंग का निर्देश दिया है.अगर अंतिम तारीख तक ज्वॉइनिंग नहीं करते हैं. तो मेडिकल बॉन्ड की शर्तों के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनसे 18% ब्याज के साथ फीस वसूली जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अंतिम नोटिस.

उत्तराखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बॉन्ड के तहत एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन डॉक्टरों को उत्तराखंड में पहाड़ के दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में कम से कम 5 साल तक मेडिकल की सेवा देना अनिवार्य है. लेकिन कई ऐसे डॉक्टर हैं जो इन शर्तों का उल्लंघन कर अपनी सेवाएं नहीं दे रहे हैं. इनमें से अधिकतर डॉक्टर या तो अपना अस्पताल खोल काम कर रहे हैं. इस मामले को हाईकोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए राज्य सरकार से इन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ेः ऑल वेदर प्रोजेक्ट से प्रभावित व्यापारियों का प्रदर्शन, सरकार से पुनर्वास और रोजगार की मांग

वहीं, अब स्वास्थ्य महकमा इन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई कार्रवाई करने जा रहा है. राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के प्राचार्य सीपी भैसोड़ा का कहना है कि स्वास्थ्य महानिदेशक के निर्देश के बाद हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई कर चुके करीब 25 डॉक्टरों को अंतिम नोटिस जारी किया गया है. जिन्होंने बॉन्ड का उल्लंघन करते हुए पर्वतीय क्षेत्र में दुर्गम सेवाएं देने से मना कर दिया है.अगर अंतिम नोटिस तक ये डॉक्टर ज्वॉइन नहीं करते है तो इनको 18% ब्याज के साथ मेडिकल की पढ़ाई की फीस वसूली जाएगी.

हलद्वानीः प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बॉन्ड के तहत एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद. कम से कम 5 साल तक सेवा दान अनिवार्य है.वहीं, कई डॅाक्टर ऐसे है जो इन शर्तों का उल्लघंन कर रहे हैं. जिसके चलते स्वास्थ्य महानिदेशक ने निर्देश जारी किया है और करीब 25 डॉक्टरों को अंतिम नोटिस जारी कर स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड में ज्वॉइनिंग का निर्देश दिया है.अगर अंतिम तारीख तक ज्वॉइनिंग नहीं करते हैं. तो मेडिकल बॉन्ड की शर्तों के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनसे 18% ब्याज के साथ फीस वसूली जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अंतिम नोटिस.

उत्तराखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बॉन्ड के तहत एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन डॉक्टरों को उत्तराखंड में पहाड़ के दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में कम से कम 5 साल तक मेडिकल की सेवा देना अनिवार्य है. लेकिन कई ऐसे डॉक्टर हैं जो इन शर्तों का उल्लंघन कर अपनी सेवाएं नहीं दे रहे हैं. इनमें से अधिकतर डॉक्टर या तो अपना अस्पताल खोल काम कर रहे हैं. इस मामले को हाईकोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए राज्य सरकार से इन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ेः ऑल वेदर प्रोजेक्ट से प्रभावित व्यापारियों का प्रदर्शन, सरकार से पुनर्वास और रोजगार की मांग

वहीं, अब स्वास्थ्य महकमा इन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई कार्रवाई करने जा रहा है. राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के प्राचार्य सीपी भैसोड़ा का कहना है कि स्वास्थ्य महानिदेशक के निर्देश के बाद हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई कर चुके करीब 25 डॉक्टरों को अंतिम नोटिस जारी किया गया है. जिन्होंने बॉन्ड का उल्लंघन करते हुए पर्वतीय क्षेत्र में दुर्गम सेवाएं देने से मना कर दिया है.अगर अंतिम नोटिस तक ये डॉक्टर ज्वॉइन नहीं करते है तो इनको 18% ब्याज के साथ मेडिकल की पढ़ाई की फीस वसूली जाएगी.

Intro:sammry- बोर्ड धारक डॉक्टरों को उत्तराखंड में सेवा नहीं देने पर मेडिकल प्रशासन ने किया नोटिस जारी। एंकर- प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बांड के तहत एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद उत्तराखंड में मेडिकल की सेवा नहीं देने पर स्वास्थ महानिदेशक के निर्देश के बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी ने करीब 25 डॉक्टर को अंतिम नोटिस जारी कर स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड में जॉइनिंग का निर्देश दिया है। डॉक्टर अंतिम नोटिस तक जॉइनिंग नहीं करते हैं तो मेडिकल बांड के शर्तों के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 18% ब्याज के साथ फीस वसूला जाएगा।


Body:दरअसल उत्तराखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बांड के तहत एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन डॉक्टरों को उत्तराखंड में पहाड़ के दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में कम से कम 5 साल तक मेडिकल की सेवा देना अनिवार्य है लेकिन कई ऐसे डॉक्टर हैं जो इन शर्तों का उल्लंघन कर अपनी सेवाएं नहीं दे रहे हैं। इनमें से अधिकतर डॉक्टर या तो अपना अस्पताल खोल काम कर रहे हैं या कहीं अन्य सेवाएं दे रहे हैं। इस मामले को हाईकोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए राज्य सरकार से इन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए है जिसके बाद अब स्वास्थ्य महकमा इन डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दिया है। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के प्राचार्य सीपी भैसोड़ा का कहना है कि स्वास्थ्य महानिदेशक के निर्देश के बाद हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई कर चुके करीब 25 डॉक्टरों को अंतिम नोटिस जारी किया गया है जिन्होंने बॉन्ड का उल्लंघन करते हुए पर्वतीय क्षेत्र के दुर्गम में सेवाएं देने से इंकार कर दिया है। ये डॉक्टर अंतिम नोटिस तक अपनी जोइनिंग नहीं लेते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए 18% ब्याज के साथ मेडिकल की पढ़ाई में आए हुए खर्च को वसूला जाएगा। बाइट-सीपी भैसोड़ा प्राचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी


Conclusion:दरअसल उत्तराखंड में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले डॉक्टर को बांड के अनुसार इसमें फीस में काफी छूट दी गई थी। लेकिन डॉक्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद पर्वतीय क्षेत्र के दुर्गम में मेडिकल की जोइनिंग लेने से इंकार कर दिया था जिसके बाद से स्वास्थ्य विभाग इस मामले में लगातार कार्रवाई कर रहा था लेकिन अब हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सरकार इस पूरे मामले को गंभीरता से ले रही है।
Last Updated : Aug 29, 2019, 4:25 PM IST
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