राजस्थान/उत्तराखंड: राजस्थान के प्रसिद्ध आस्था धाम मेहंदीपुर बालाजी में बालाजी मंदिर के ठीक सामने समाधि वाली गली में मंगलवार देर शाम करीब 7 बजे रामा-कृष्णा धर्मशाला में रूम नंबर 119 में मिले 4 शवों की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है. इस रहस्यमयी घटनाक्रम के पीछे कोई बड़ी साजिश है, या मामला सामूहिक सुसाइड का? टोडाभीम थाना पुलिस मामले से जुड़े हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही है.
हत्या की आशंका का मुकदमा दर्ज: वहीं बुधवार शाम को देहरादून (उत्तराखंड) से मृतक सुरेंद्र कुमार के भाई मुकेश, सुरेंद्र के साले के लड़के सुशील, बड़े भाई के बेटे सहित 4 लोग मेहंदीपुर बालाजी पहुंचे. इन लोगों ने टोडाभीम थाने में पहुंचकर पुलिस से पूरे मामले की जानकारी ली है. साथ ही सुरेंद्र कुमार और उसके पूरे परिवार की मौत के मामले में हत्या की आशंका जताते हुए टोडाभीम थाने में मामला दर्ज कराया है.
एफआईआर में किसी संदिग्ध का नाम नहीं: हालांकि इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में किसी भी संदिग्ध या किसी परिचित का नाम नहीं लिखवाया है. वहीं परिजनों का कहना है कि सुरेंद्र और उनका परिवार किसी भी तरह से परेशान नहीं था, जिससे उसे सामूहिक आत्महत्या करने जैसा कदम उठाना पड़े. उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि सुरेंद्र कुमार और उनका परिवार किसी बड़ी साजिश का शिकार हुआ है.
हमेशा खुश रहता था पूरा परिवार: सुरेंद्र कुमार की पत्नी कमलेश (57) के भतीजे सुशील ने ईटीवी भारत के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के दौरान बताया कि मामले की पुलिस जांच कर रही है. इसलिए इसे सामूहिक रूप से आत्महत्या नहीं कहा जा सकता. वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. उन्होंने बताया कि बुआजी का घर उनके घर से एक घर छोड़कर ही है. बुआजी कमलेश और उनका परिवार खुशमिजाज स्वभाव का था. कई साल पहले बेटी नीलम की बड़े ही धूम-धाम से शादी की थी.
पुलिसकर्मी पति से बेटी की शादी टूटने से थे परेशान: सुशील कुमार ने बताया कि फूफाजी सुरेंद्र कुमार ने नीलम की उत्तराखंड पुलिस में तैनात नरेश कुमार के साथ शादी की थी. लेकिन शादी के एक महीने बाद ही आपसी विवाद के बाद ही नीलम अपने पीहर में माता-पिता के पास ही रहती थी. वहीं नीलम और उत्तराखंड पुलिस में तैनात पति नरेश के बीच दहेज का केस चल रहा था. इसी बीच विवाद ज्यादा बढ़ने पर दोनों के बीच तलाक का मामला भी चल रहा था, जो अभी कोर्ट में विचाराधीन है. इसे लेकर नीलम के पिता सुरेंद्र कुमार परेशान रहते थे. लेकिन इतना भी परेशान नहीं थे कि सामूहिक आत्महत्या जैसा कदम उठा लें.
कुछ माह पूर्व ही मासिक भत्ता बढ़ाने की याचिका लगाई थी: पतंजलि में फिजिशियन डॉक्टर सुशील ने बताया कि नीलम और पति के बीच चल रहे मामले में कोर्ट ने पुलिसकर्मी पति नरेश कुमार को अपनी पत्नी नीलम को 6 हजार रुपए मासिक भत्ता देने के लिए आदेश दे रखे थे. इसके चलते पुलिसकर्मी पति नीलम को 6 हजार रुपए मासिक भत्ता भी देता था. लेकिन करीब 4 महीने पहले ही नीलम के पिता सुरेंद्र ने कोर्ट में नीलम को 6 हजार से बढ़ाकर 15 हजार रुपए मासिक भत्ता देने के लिए याचिका लगाई थी.
10 साल से आ रहे थे मेहंदीपुर बालाजी: सुशील ने बताया कि-
फूफाजी सुरेंद्र, बालाजी महाराज के भक्त थे. पिछले करीब 10 सालों से वो परिवार के साथ मेहंदीपुर बालाजी धाम में आते रहते थे. इस बार करीब 2 साल बाद वो मेहंदीपुर बालाजी आये थे. जब भी वो बालाजी आते तो भंडारा भी करते थे. भंडारे का प्रसाद वो श्रद्धालुओं में वितरित करते थे.
-डॉ सुशील उपाध्याय, कमलेश के भतीजे-
सुरेंद्र के छोटे भाई मुकेश ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि-
भाई सुरेंद्र कभी सुसाइड नहीं कर सकते. वो बालाजी के भक्त थे. शनिवार, मंगलवार को व्रत रखते थे. वो हमेशा खुश रहते थे.
-मुकेश, सुरेंद्र के भाई-
किसी प्रकार की परेशानी में नहीं थे: मुकेश ने बताया कि उनका भाई और परिवार किसी भी प्रकार की परेशानी में था. भतीजा नितिन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में पिछले 7-8 साल से नौकरी कर रहा था. वो अभी एग्जामिनर की पोस्ट पर था. उसे 40 हजार रुपए से अधिक वेतन मिलता था. वहीं भाई सुरेंद्र भी इसी फैक्ट्री में ड्राइवर के पद पर थे. मेरा भाई जीवन में कभी दुखी नहीं रहा. उन्होंने बताया कि भाई सुरेंद्र और उनका परिवार जब भी बालाजी आता, वो किसी को कुछ भी बताकर नहीं आते थे.
चक्कर आने और उल्टी आने पर गए थे डॉक्टर के पास: वहीं पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 14 जनवरी की सुबह सुरेंद्र कुमार को चक्कर आने की शिकायत हो रही थी. वहीं बेटी नीलम को उल्टी आने की शिकायत हो रही थी. ऐसे में धर्मशाला से ही सभी लोग ई-रिक्शा की मदद से डॉक्टर के पास दिखाने के लिए गए थे. वहीं डॉक्टर द्वारा दोनों को चक्कर आने और उल्टी आने की परेशानी को नॉर्मल बताते हुए टेबलेट्स दी गई थी. साथ ही सुरेंद्र कुमार और नीलम को ड्रिप चढ़ाई थी, जिससे उन्हें आराम मिल गया था. लेकिन मंगलवार देर शाम करीब 7 बजे सुरेंद्र, पत्नी कमलेश, बेटी नीलम और बेटे नितिन के शव धर्मशाला के रूम नंबर 119 में मिले.
जांच के दौरान रूम में दाल और टेबलेट्स मिलीं: कमरे की जांच के दौरान पुलिस को एक दाल का पैकेट मिला है. साथ ही कुछ टेबलेट्स भी मिली हैं. लेकिन कोई संदिग्ध सामान रूम से बरामद नहीं हुआ. वहीं अब इस मामले में मृतकों के परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए मामला दर्ज कराया है. ऐसे में टोडाभीम थाना पुलिस द्वारा मेहंदीपुर बालाजी कस्बे में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं.
आज होगा शवों का पोस्टमार्टम: उधर डॉक्टरों की टीम द्वारा गुरुवार को चारों मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा. इसके बाद शव परिजनों को सुपुर्द किए जाएंगे. वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का स्पष्ट खुलासा हो पाएगा. इससे पहले राजस्थान पुलिस इसे सामूहिक आत्महत्या मानकर चल रही थी.
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