नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट की मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एचएमटी कामगार संघ की एकलपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई हुई. जिस पर केंद्र व एचएमटी प्रबन्धन को नोटिस जारी कर जबाव दाखिल करने के निर्देश दिए गये हैं. याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायधीश न्यायमूति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ में हुई.
मामले के अनुसार 17 नवम्बर 2016 को केंद्र सरकार ने एचएमटी रानीबाग को सशर्त बन्द करने की अनुमति दी थी. जिसमें प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा लिये गए नीतिगत निर्णय के अनुसार फैक्ट्री को बंद करने से पूर्व कर्मचारियों को वर्ष 2007 में निर्धारित वेतनमान व उसी के तहत वीआरएस पैकेज देने को कहा था, मगर एचएमटी प्रबन्धन ने इस शर्त का पालन किये बिना एचएमटी को बंद कर दिया.
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जिसके खिलाफ एचएमटी कामगार संघ ने पूर्व में इस मामले में हाईकोर्ट की एकलपीठ के समक्ष याचिका दायर की थी. जिसे एकलपीठ ने खारिज कर दिया था. जिसे अब संघ द्वारा खण्डपीठ के समक्ष चुनौती दी गई है. खण्डपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार व एचएमटी प्रबन्धन को नोटिस जारी किया है. जिसमें केंद्र व एचएमटी प्रबन्धन को नोटिस जारी कर जबाव दाखिल करने के निर्देश दिए गये हैं.
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बता दें एचएमटी रानीबाग हल्द्नानी में स्थित है. एक समय में एचएमटी रानीबाग की फैक्ट्री इस इलाके में रोजगार का बड़ा जरिया हुआ करती थी. एचएमटी रानीबाग की फैक्ट्री किसी दौर में उत्तराखंड की शान हुआ करती थी. इसकी स्थापना साल 1985 में हुई थी. एचएमटी रानीबाग में 500 से अधिक मशीनें थीं. यहां हर साल 20 लाख से अधिक घड़िया बना करती थी. इसका सालाना टर्नओवर 500 करोड़ से अधिक था. देश में कभी एचएमटी रानीबाग की चर्चा हुआ करती थी.