हल्द्वानी: आगामी 4 दिसंबर से शुरू होने जा रहा शीतकालीन सत्र गैरसैंण में कराने की मांग को लेकर एक बार फिर से सियासत शुरू हो गई है. गैरसैंण में सत्र कराने को लेकर जहां मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष आमने-सामने आ गए हैं. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी गैरसैंण में विधानसभा सत्र ना कराए जाने को उत्तराखंड का अपमान बताया है.
हरीश रावत का कहना है कि राज्य के विधायक गैरसैंण में ठंड का बहाना लेकर विधानसभा सत्र कराने से इनकार करने में लगे हुए हैं. उन्होंने हिमाचल प्रदेश के शिमला का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां गैरसैंण से भी अधिक ठंड होती है, लेकिन वहां के नेता वीरभद्र सिंह और सुखराम जिनकी उम्र लगभग 80 साल है, वे दिन-रात राज्य के लिए काम कर रहे हैं. वहीं हमारे यहां नेता गैरसैंण से दूर भाग रहे हैं.
पढे़ं- खुशखबरी: देहरादून नगर निगम खोलेगा 100 वार्डों में जिम, टेंडर प्रक्रिया की कार्रवाई शुरू
हरीश रावत ने कहा कि अगर हमारे यहां के नेताओं को गैरसैंण में बहुत ठंड लगती है, तो वह राज्य के इस महत्वपूर्ण हिस्से को लेकर कहां जाएंगे. हरीश रावत का कहना है कि गैरसैंण में विधानसभा सत्र ना कराए जाने की बात पर मुख्यमंत्री को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए.