हल्द्वानी: कोरोना संकट के बीच परिवहन निगम ने अपने काम शुरू तो कर दिए हैं, लेकिन वाहनों की बिक्री नहीं होने के चलते परिवहन विभाग को राजस्व का घाटा उठाना पड़ रहा है. यही नहीं पिछले साल अप्रैल और मई माह में परिवहन विभाग ने करीब 17 करोड़ राजस्व की कमाई की थी, तो वहीं इस वर्ष लॉकडाउन के चलते मात्र 1 करोड़ 87 लाख रुपए ही राजस्व इकट्ठा कर पाया. ऐसे में परिवहन विभाग को पिछले साल की तुलना में इस वर्ष अप्रैल-मई माह में करीब 15 करोड़ का राजस्व का नुकसान हुआ है.
एआरटीओ संदीप वर्मा के मुताबिक परिवहन विभाग के राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन, भारी वाहनों के टैक्स, यात्री वाहनों पर टैक्स के अलावा परमिट, लाइसेंस और फिटनेस के माध्यम से परिवहन विभाग को भारी राजस्व का इजाफा होता है. ऐसे में वित्तीय वर्ष 2019-20 में परिवहन विभाग को करीब 107 करोड़ राजस्व की प्राप्ति की थी, लेकिन इस साल लॉकडाउन के चलते परिवहन निगम को भारी राजस्व का नुकसान हुआ है. एआरटीओ संदीप वर्मा के मुताबिक पिछले वर्ष अप्रैल और मई माह में जहां 17 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति हुई थी, वहीं इस वर्ष अप्रैल-मई माह में मात्र एक करोड़ 87 लाख रुपए ही राजस्व की प्राप्ति हुई है.
पढ़ें- बीजेपी विधायक बने 'चमार साहब', एक साल पहले का विवाद है वजह
एआरटीओ संदीप वर्मा का कहना है कि कोरोना संकट बीच वाहनों की बिक्री नहीं हो पा रही है. पहले हर माह 1600 से 1700 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ करता था, लेकिन वर्तमान में मात्र 300 से 350 वाहनों का ही रजिस्ट्रेशन हो पा रहा है. प्रदेश सरकार द्वारा अप्रैल मई और जून माह के यात्री वाहनों का टैक्स माफ किए जाने के बाद भारी राजस्व का नुकसान हुआ है. सरकार द्वारा यात्री वाहनों के टैक्स माफ किए जाने से करीब 15,000 वाहनों को लाभ मिला है.