हल्द्वानीः अल्मोड़ा पुलिस और एसटीएफ टीम ने एक माओवादी को गिरफ्तार किया है. आरोपी साल 2017 से फरार चल रहा था. उसके ऊपर 20 हजार रुपए का इनाम घोषित था. जानकारी के मुताबिक, पुलिस और एसटीएफ की टीम ने आरोपी को अल्मोड़ा से गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तारी का खुलासा करते हुए कुमाऊं डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि भास्कर पांडे उत्तराखंड का एक ऐसा माओवादी है, जिस पर इनाम घोषित है. भास्कर पांडे पर आरोप है कि वह उत्तराखंड समेत देश के कई राज्यों में माओवादी गतिविधि संचालित कर रहा था. भास्कर पांडे माओवादियों का ट्रेंड कमांडर बताया जा रहा है.
माओवादी गतिविधियों में शामिल अल्मोड़ा के जागेश्वर निवासी भास्कर पांडे के खिलाफ धारी में सरकारी वाहन जलाने, नैनीसार में तोड़फोड़ और दीवारों पर नारे लिखने और पोस्टर लगाने के आरोप हैं. फरार चल रहे भास्कर पांडे पर सोमेश्वर और द्वाराहाट थाने के अलावा राजस्व क्षेत्र पल्यों में विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज हैं.
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इसकी जानकारी डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने दी है. उधर, डीजीपी अशोक कुमार ने माओवादी को गिरफ्तार करने वाली टीम को 20 हजार के इनाम और मेडल देने की घोषणा की है. पुलिस के मुताबिक 2017 में अल्मोड़ा और नैनीताल के लोक संपत्ति अधिनियम और विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत था. इन तीनों मामले में आरोपी फरार चल रहा था. वहीं, भास्कर पर इनामी राशि बढ़ाकर 50 हजार किए जाने का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया था.
भास्कर पांडे ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अल्मोड़ा के सोमेश्वर में दूसरे माओवादी साथी खीम सिंह बोरा के साथ मिलकर माओवादी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश की थी. पुलिस के मुताबिक भास्कर पांडे एक शख्स को कोरियर के जरिए पेनड्राइव औक कुछ लिखित मटेरियल देने जा रहा था, तभी उसे पकड़ा गया. भास्कर पांडे इस दौरान किसान आंदोलन में भी काफी सक्रिय था. भास्कर पांडे खीम सिंह बोरा का सबसे खास साथी माना जाता है, जिसे यूपी एसटीएफ ने पकड़ा था. पुलिस के मुताबिक आरोपी में माओवाद को लेकर कई जगह पर ट्रेनिंग ली थी और उत्तराखंड का आखिरी वांटेड माओवादी भास्कर पांडे ही था.