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नैनीताल: हरेला पर्व का हुआ समापन, वन विभाग ने लगाए 20 हजार फलदार पौधे

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Published : Aug 16, 2019, 7:48 PM IST

नैनीताल के तराई पश्चमी वन प्रभाग के बैलपड़ाव क्षेत्र में हरेला पर्व का शुक्रवार को समापन किया गया. इस दौरान वन विभाग ने 20 हजार फलदार पौधे लगाए. हरेला पर्व पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए हर साल मनाया जाता है.

वन विभाग ने 20 हजार पौधे लगाकर किया हरेला पर्व का समापन.

नैनीताल: शहर के तराई पश्चमी वन प्रभाग के बैलपड़ाव रेंज में हरेला पर्व का समापन किया गया. हरेला पर्व के दौरान वन विभाग ने 20 हजार फलदार पौधे लगाए. हरेला पर्व पर्यावरण को सुरक्षित और हरा-भरा रखने के लिए हर साल मनाया जाता है.

बता दें कि उत्तराखंड प्रदेश अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विदेशों में अपनी अलग पहचान रखता है. यहां की सुंदरता को बरकरार रखना यहां के हर व्यकित का कर्तव्य है. इसके चलते प्रदेश में हरेला पर्व का विशेष महत्व है. यह पर्व हर साल बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. इस पर्व के जरिए फलदार पौधे और अन्य पौधों का रोपण किया जाता है. हरेला पर्व 16 जुलाई से 16 अगस्त तक मनाया जाता है. इस पर्व में जगह-जगह फलदार पौधों को रोपित कर प्रकृति को हरा-भरा रखने का संकल्प लिया जाता है.

वन विभाग ने 20 हजार पौधे लगाकर किया हरेला पर्व का समापन.

यह भी पढ़ें: चंपावत: देवीधुरा में खेली गई ऐतिहासिक बग्वाल, 122 बग्वालीवीर हुए घायल

वहीं, वन विभाग की ओर से वनों में फलदार पौधे लगाने के लिए ज्यादा महत्व दिया जाता है. इससे जंगली जानवर फलदार पौधे खाकर जंगल में ही रहेंगे. कई सालों से जंगली जानवरों का आबादी की ओर रुख करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है. जिसकी रोकथाम के लिए भी जंगलो में भी फलदार पेड़ लगाए जाने लगे हैं.

वन विभाग के अनुसार यह पहल काफी हद तक कारगर साबित हो रही है. साथ ही भविष्य में किसानों की फसल बर्बाद होने से बचाई जा सकती है. इसके चलते वन विभाग ने शुक्रवार को फलदार पौधों से भरी गाड़ी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह गाड़ी ग्रामीण क्षेत्रों में पौधों को वितरित करेगी.

यह भी पढ़ें: गांधी को ही राष्ट्रपिता का दर्जा क्यों ?

इस दौरान तराई पश्चिमी वन प्रभाग के डीएफओ हिमांशु बागरी ने बताया कि हरेला पर्व के दौरान वन कर्मियों ने 20 हजार फलदार पौधे रोपित किए हैं. हरेला पर्व का समापन कर जो पौधे इस दौरान रोपित किए गए हैं उनका संरक्षण भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि आगे भी यह क्रम चलता रहेगा.

नैनीताल: शहर के तराई पश्चमी वन प्रभाग के बैलपड़ाव रेंज में हरेला पर्व का समापन किया गया. हरेला पर्व के दौरान वन विभाग ने 20 हजार फलदार पौधे लगाए. हरेला पर्व पर्यावरण को सुरक्षित और हरा-भरा रखने के लिए हर साल मनाया जाता है.

बता दें कि उत्तराखंड प्रदेश अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विदेशों में अपनी अलग पहचान रखता है. यहां की सुंदरता को बरकरार रखना यहां के हर व्यकित का कर्तव्य है. इसके चलते प्रदेश में हरेला पर्व का विशेष महत्व है. यह पर्व हर साल बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. इस पर्व के जरिए फलदार पौधे और अन्य पौधों का रोपण किया जाता है. हरेला पर्व 16 जुलाई से 16 अगस्त तक मनाया जाता है. इस पर्व में जगह-जगह फलदार पौधों को रोपित कर प्रकृति को हरा-भरा रखने का संकल्प लिया जाता है.

वन विभाग ने 20 हजार पौधे लगाकर किया हरेला पर्व का समापन.

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वहीं, वन विभाग की ओर से वनों में फलदार पौधे लगाने के लिए ज्यादा महत्व दिया जाता है. इससे जंगली जानवर फलदार पौधे खाकर जंगल में ही रहेंगे. कई सालों से जंगली जानवरों का आबादी की ओर रुख करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है. जिसकी रोकथाम के लिए भी जंगलो में भी फलदार पेड़ लगाए जाने लगे हैं.

वन विभाग के अनुसार यह पहल काफी हद तक कारगर साबित हो रही है. साथ ही भविष्य में किसानों की फसल बर्बाद होने से बचाई जा सकती है. इसके चलते वन विभाग ने शुक्रवार को फलदार पौधों से भरी गाड़ी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह गाड़ी ग्रामीण क्षेत्रों में पौधों को वितरित करेगी.

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इस दौरान तराई पश्चिमी वन प्रभाग के डीएफओ हिमांशु बागरी ने बताया कि हरेला पर्व के दौरान वन कर्मियों ने 20 हजार फलदार पौधे रोपित किए हैं. हरेला पर्व का समापन कर जो पौधे इस दौरान रोपित किए गए हैं उनका संरक्षण भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि आगे भी यह क्रम चलता रहेगा.

Intro:तराई पश्चमी वन प्रभाग के बैलपड़ाव रेंज मैं मनाया गया हरेला पर्व का समापन दिवस। हरेला पर्व के दौरान वन विभाग ने 20000 फलदार पौधे लगाए और बाटे है। पर्यावरण को हरा भरा रखने के लिए प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है हरेला पर्व।Body:उत्तराखंड प्रदेश अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए देश विदेशो मैं अपनी अलग पहचान रखता है, जिसे संजोकर रखना प्रत्येक उत्तराखण्डी का कर्तव्य है जिसके चलते उत्तराखंड मैं हरेला पर्व का विशेष महत्व है जिसमे फलदार पौधे और अन्य पौधे रोपे जाते है । हरेला पर्व 16 जुलाई से 16 अगस्त तक मनाया जाता है जिसमे फलदार पौधों को रोपित कर प्रकृति को हरा भरा रखने का संकल्प लिया जाता है। वन विभाग की ओर से वनों मैं फलदार पौधे लगाने को ज्यादा महत्व दिया जा रहा जिससे जंगली जानवर उनको खाकर जंगल मे ही रहे । विगत कई वर्षों से जंगली जानवरों का आबादी की ओर रुख करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसकी रोकथाम के लिए भी जंगलो मैं भी फलदार व्रक्ष लगाए जा रहे है, वन विभाग के अनुसार ये पहल काफी हद तक कारगर साबित होगी और भविष्य मे भी किसानों की फसल बर्बाद होने से बचाई जा सकती है। वन विभाग द्वारा एक फलदार पौधों से भरी गाड़ी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया जो ग्रामीण क्षेत्रों मे पौधों को वितरित करेगी।Conclusion:तराई पश्चिमी वन प्रभाग के डीएफओ हिमांशु बागरी ने बताया कि हरेला पर्व के दौरान वन कर्मियों द्वारा 20000 फलदार रोपित किये गए है और आज हरेला पर्व का समापन हुआ है और जो पौधे इस दौरान रोपे गए उनका संरक्षण भी जरूरी है और आगे भी ये क्रम चलता रहेगा।
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