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टपक रही गोदाम की छत, तिरपाल और पन्नी के सहारे लाखों टन सरकारी अनाज - खाद्य एवं रसद विभाग

मॉनसून के सीजन में हल्द्वानी का खाद एवं रसद विभाग का जर्जर गोदाम अब खतरे की जद में आ गया है. गोदाम जगह-जगह से टपक रहा है, जिसके चलते विभाग को लाखों टन अनाज और चीनी भीगने का डर सता रहा है. हालात यह है कि अब धीरे-धीरे राशन खराब होने की स्थिति में आ गया है.

टपक रही गोदाम की छत
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Published : Jul 19, 2019, 1:30 PM IST

हल्द्वानी: टपकती छत के बीच गोदाम में उतरते अनाज की ये तस्वीरें हल्द्वानी के खाद्य एवं रसद विभाग के गोदाम की हैं. जहां प्रतिदिन लाखों टन अनाज की लोडिंग और अनलोडिंग की जाती है. यह अनाज पहाड़ी इलाकों में भेजा जाता है, लेकिन अब इस अनाज को गोदाम में सुरक्षित कैसे रखा जाए ? यह बड़ा सवाल है. गोदाम कर्मचारी भी डर के साए में काम करने को मजबूर हैं, क्योंकि गोदाम जर्जर हालत में है. उसकी छत जगह-जगह से टपक रही है.

क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक अधिकारी ललित मोहन रयाल ने बताया कि साल 1970 में बने इस खाद एवं रसद के गोदाम का अभी तक मेंटेनेंस नहीं किया गया है. जिसकी वजह से गोदाम की छत जगह-जगह से टपकने लगी है. इस बारे में उन्होंने शासन को कई बार अवगत कराया है. अधिकारियों ने गोदाम का निरीक्षण भी किया है लेकिन शासन से बजट उपलब्ध न हो पाने के कारण गोदाम का मेंटेनेंस नहीं हो पाया है.

सरकारी राशन खतरे में

पढ़ें- डीएम के आदेश पर सिंचाई विभाग के अधिकारी रोका वेतन

गोदाम के लाखों टन खाद्यान्न सुरक्षित नहीं है. गरीब जनता के लिए रखा गया अनाज सड़ने की कगार पर है, डबल इंजन की सरकार इससे अनजान बनी हुई है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आखिर इस राशन को खराब होने से कैसे बचाया जाए ?

हल्द्वानी: टपकती छत के बीच गोदाम में उतरते अनाज की ये तस्वीरें हल्द्वानी के खाद्य एवं रसद विभाग के गोदाम की हैं. जहां प्रतिदिन लाखों टन अनाज की लोडिंग और अनलोडिंग की जाती है. यह अनाज पहाड़ी इलाकों में भेजा जाता है, लेकिन अब इस अनाज को गोदाम में सुरक्षित कैसे रखा जाए ? यह बड़ा सवाल है. गोदाम कर्मचारी भी डर के साए में काम करने को मजबूर हैं, क्योंकि गोदाम जर्जर हालत में है. उसकी छत जगह-जगह से टपक रही है.

क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक अधिकारी ललित मोहन रयाल ने बताया कि साल 1970 में बने इस खाद एवं रसद के गोदाम का अभी तक मेंटेनेंस नहीं किया गया है. जिसकी वजह से गोदाम की छत जगह-जगह से टपकने लगी है. इस बारे में उन्होंने शासन को कई बार अवगत कराया है. अधिकारियों ने गोदाम का निरीक्षण भी किया है लेकिन शासन से बजट उपलब्ध न हो पाने के कारण गोदाम का मेंटेनेंस नहीं हो पाया है.

सरकारी राशन खतरे में

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गोदाम के लाखों टन खाद्यान्न सुरक्षित नहीं है. गरीब जनता के लिए रखा गया अनाज सड़ने की कगार पर है, डबल इंजन की सरकार इससे अनजान बनी हुई है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आखिर इस राशन को खराब होने से कैसे बचाया जाए ?

Intro:sammry- खतरे में गोदाम भीगता सरकारी राशन। एंकर- मानसून के सीजन में हल्द्वानी का खाद रसद विभाग का जर्जर गोदाम भी अब खतरे की जद में हैं। गोदाम जगह-जगह से टपक रहा है जिसके चलते लाखों टन अनाज और चीनी विभाग को भीगने का डर सता रहा है। हालात यह है कि अब धीरे-धीरे राशन खराब होने की स्थिति में आ रहा है।


Body:टपकती छत के बीच गोदाम में उतरते अनाज के यह तस्वीरें हल्द्वानी के खाद्य और रसद विभाग के गोदाम का है जहां प्रतिदिन लाखों टन अनाज लोडिंग और अनलोडिंग किया जाता है। सैकड़ों टन अनाज पहाड़ी इलाकों के लिए भेजा जाता। लेकिन अब इन अनाज के गोदाम में सुरक्षित कैसे रखा जाए यहां के काम करने वाले कर्मचारी भी डर के साए में काम कर रहे हैं क्योंकि गोदाम और उनके बैठने का ऑफिस जर्जर हालत में है और जगह-जगह से छत तक रहा है। यही नहीं कई जगह पर छत टपकने के चलते गोदाम में रखी चीनी और गेहूं और चावल में सीलन भी पकड़ चुके हैं ऐसे में साफ अनुमान लगाया जा सकता है कि सैकड़ों टन यह अनाज खराब होने के कगार पर है जिनको प्लास्टिक से ढक कर भी रखा जा रहा है जिससे कि यह सुरक्षित बच सकें। गोदाम में काम करने वाले कर्मचारी और मजदूर भी डर के साए में इस गोदाम में काम करने को मजबूर हैं क्योंकि बारिश में यह गोदाम में काम करना खतरे से खाली नहीं है। बाइट- अनीता पांडेय गोदाम प्रभारी वहीं इस पूरे मामले में क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक अधिकारी ललित मोहन रयाल का कहना है कि सन 1970 में बने इस खाद और रसद के गोदाम का अभी तक कोई मेंटेनेंस और जीर्णोद्धार नहीं हो पाया है। गोदाम कई जगह से टपक रहा है दिकते बहुत हैं। शासन को भी इससे अवगत कराया जा चुका है कई बार आला अधिकारी ने गोदाम परीक्षण भी किया लेकिन गोदाम का हालात जस के तस बनी हुई है शासन से बजट उपलब्ध हो जाने के बाद गोदाम का मेंटेनेंस किया जाएगा। बाइट- ललित मोहन रयाल आरएफसी कुमाऊं मंडल


Conclusion:गोदाम के अंदर लाखो टन खाद्यान्न सुरक्षित नहीं है और खराब होने के कगार पर हैं ऐसे में सवाल यही उठता है कि जिस अनाजों को गरीब जनता के लिए बड़ी मेहनत से लाया जाता है डबल इंजन की सरकार भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है आखिर इस राशन को खराब होने से कैसे बचाया जायेगा।
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