रामनगरः दो दिन पूर्व अल्मोड़ा जिले के सल्ट में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घोषणा की थी कि मानिला महाविद्यालय का नाम स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना के नाम पर रखा जाएगा. अब नाम बदलने का विरोध होने लगा है. दरअसल मानिला महाविद्यालय का नाम पहले से ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित रघुवर दत्त उपाध्याय के नाम पर है. सीएम की घोषणा के बाद से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार में रोष है.
बता दें कि दो दिन पूर्व सल्ट में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का दौरा था. जिसमें उन्होंने स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना व उनकी पत्नी को श्रद्धांजलि दी थी. साथ ही उन्होंने घोषणा की कि मानिला महाविद्यालय का नाम सुरेंद्र सिंह जीना के नाम से रखा जाएगा. इसके बाद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिजन गुस्से में हैं.
वहीं ईटीवी भारत से रूबरू होते हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित रघुवर दत्त उपाध्याय के पुत्र मनोहर दत्त उपाध्याय ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र सल्ट में मानिला महाविद्यालय का नाम पूर्व सीएम हरीश रावत की घोषणाओं में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित रघुवर दत्त उपाध्याय जी के नाम पर रखा गया था. जिसका जीओ भी 2015 में जारी हो गया था. जिस पर वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी घोषणाओं में नाम को बदलकर पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के नाम पर रखने की घोषणा की है. जो कि हमारे उत्तराखंड प्रदेश व हमारे देश के लिए शर्म की बात है कि आज हम राजनीतिक स्तर पर इतना गिर गए हैं कि हम यह भी भूल गए कि किन लोगों ने इस देश को आजाद कराने के लिए अपनी अहम भूमिका निभाई थी.
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इसके साथ ही मनोहर उपाध्याय ने कहा कि देश आज स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवारों को भूलता जा रहा है. सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवार इस बात से बहुत व्यथित हैं. जिन लोगों ने देश की आजादी के लिए युद्ध लड़ा आज सत्ता में बैठे लोग उनके परिवारों का अपमान कर रहे हैं. सीएम की इस घोषणा पर क्षेत्र के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय पंडित रघुवर दत्त उपाध्याय के परिवार ने आपत्ति जताई है.