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रामनगर: 1 नवंबर से वन विभाग फिर कराएगा बाघों का एस्टीमेशन - रामनगर हिंदी समाचार

वन प्रभाग के तराई पश्चिमी क्षेत्र के अंतर्गत पूरे डिवीजन में 1 नवंबर से बाघों के एस्टीमेशन का कार्य किया जाएगा. इससे बाघों की वास्तविक संख्या का अनुमान लगाया जाएगा.

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वन विभाग पुन: कराएगा बाघों का एस्टीमेशन
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Published : Oct 29, 2020, 2:21 PM IST

रामनगर: नैनीताल के रामनगर स्थित वन प्रभाग के तराई पश्चिमी के संपूर्ण डिवीजन क्षेत्र में 1 नवंबर से एस्टीमेशन का कार्य होना है. इस कार्य के तहत वन प्रभाग के तराई पश्चिमी में बाघों की संख्या का आकलन होगा, जिससे बाघों की वास्तविक संख्या का पता चल सकेगा.

वन विभाग पुन: कराएगा बाघों का एस्टीमेशन

दरअसल रामनगर वन प्रभाग तराई पश्चिमी क्षेत्र में वन प्रभाग 1 नवंबर से पुन: टाइगर एस्टीमेशन का कार्य करवाने जा रहा है. इससे पहले वन विभाग ने साल 2016 में तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अंतर्गत टाइगर का आकलन किया था, जिसमें टाइगरों की संख्या आंकी गई थी. वहीं, साल 2018 में ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन में वन प्रभाग तराई पश्चिमी में 39 बाघ पाए गए, जिसमें 7 बाघों की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई, जिसके बाद से ये क्षेत्र बाघों के लिए भी जाना जाने लगा. बताया जा रहा है कि वन विभाग अब फिर से 1 नवंबर से संपूर्ण तराई पश्चिमी क्षेत्र में बाघों की संख्या का आकलन करेगा.

ये भी पढ़ें: CM के इस्तीफे की मांग को लेकर कल विपक्ष करेगा सीएम आवास और राजभवन कूच

वहीं, वन प्रभाग तराई पश्चिमी के DFO हिमांशु बागड़ी ने बताया कि तराई पश्चिमी के अंतर्गत बाघ काफी संख्या में पाए जाते हैं. इनका आखिरी एस्टीमेशन का कार्य साल 2018 में किया गया था. इस बार टाइगर एस्टीमेशन का कार्य होने जा रहा है, जिससे कि बाघों की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा. उन्होंने कहा कि टाइगर एस्टीमेशन का कार्य संपूर्ण तराई पश्चिमी के डिवीजनों में होगा, जो कि 1 नवंबर से शुरू करा दिया जाएगा.

रामनगर: नैनीताल के रामनगर स्थित वन प्रभाग के तराई पश्चिमी के संपूर्ण डिवीजन क्षेत्र में 1 नवंबर से एस्टीमेशन का कार्य होना है. इस कार्य के तहत वन प्रभाग के तराई पश्चिमी में बाघों की संख्या का आकलन होगा, जिससे बाघों की वास्तविक संख्या का पता चल सकेगा.

वन विभाग पुन: कराएगा बाघों का एस्टीमेशन

दरअसल रामनगर वन प्रभाग तराई पश्चिमी क्षेत्र में वन प्रभाग 1 नवंबर से पुन: टाइगर एस्टीमेशन का कार्य करवाने जा रहा है. इससे पहले वन विभाग ने साल 2016 में तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अंतर्गत टाइगर का आकलन किया था, जिसमें टाइगरों की संख्या आंकी गई थी. वहीं, साल 2018 में ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन में वन प्रभाग तराई पश्चिमी में 39 बाघ पाए गए, जिसमें 7 बाघों की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई, जिसके बाद से ये क्षेत्र बाघों के लिए भी जाना जाने लगा. बताया जा रहा है कि वन विभाग अब फिर से 1 नवंबर से संपूर्ण तराई पश्चिमी क्षेत्र में बाघों की संख्या का आकलन करेगा.

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वहीं, वन प्रभाग तराई पश्चिमी के DFO हिमांशु बागड़ी ने बताया कि तराई पश्चिमी के अंतर्गत बाघ काफी संख्या में पाए जाते हैं. इनका आखिरी एस्टीमेशन का कार्य साल 2018 में किया गया था. इस बार टाइगर एस्टीमेशन का कार्य होने जा रहा है, जिससे कि बाघों की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा. उन्होंने कहा कि टाइगर एस्टीमेशन का कार्य संपूर्ण तराई पश्चिमी के डिवीजनों में होगा, जो कि 1 नवंबर से शुरू करा दिया जाएगा.

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