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वन विभाग ने बार-बार चकमा देने वाला आदमखोर बाघ को किया ट्रेंकुलाइज, नैनीताल चिड़ियाघर भेजा - Ramnagar Forest Division

आतंक का पर्याय बन चुके बाघ को आखिरकार वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज (tiger tranquilize) कर नैनीताल चिड़ियाघर भेज दिया है. फतेहपुर रेंज में पिछले 3 महीने के भीतर बाघ 7 लोगों को अपना निवाला बना चुका है. वहीं, बाघ के पकड़े जाने के बाद वन विभाग और लोगों ने राहत की सांस ली है.

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बाघ
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Published : Jun 22, 2022, 8:19 AM IST

हल्द्वानी: रामनगर वन प्रभाग (Ramnagar Forest Division) के फतेहपुर रेंज में आतंक का पर्याय बन चुके बाघ को आखिरकार वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज (tiger tranquilize) कर नैनीताल चिड़ियाघर भेज दिया है. वहीं, बाघ का मेडिकल परीक्षण के बाद ही पता चल सकेगा कि पकड़ा गया बाघ आदमखोर है या नहीं. फिलहाल बाघ के पकड़े जाने के बाद वन विभाग और लोगों ने राहत की सांस ली है.

फतेहपुर रेंज में पिछले 3 महीने के भीतर बाघ 7 लोगों को अपना निवाला बना चुका है. पूर्व में भी वन विभाग की टीम और गुजरात से आई निजी चिड़ियाघर की टीम ने एक महीने तक जंगल में बाघ को पकड़ने के लिए अभियान चलाया, लेकिन बाघ टीम के हाथ बाघ नहीं लग पाया, 16 जून को बाघ ने एक बार फिर फतेहपुर रेंज के लामाचौड़ क्षेत्र में एक महिला को अपना निवाला बना लिया. जिसके बाद लोगों में काफी आक्रोश देखा गया, जहां लोगों ने बाघ को पकड़ने के लिए सड़क भी जाम किया. जिसके बाद से वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने के लिए जुटी हुई थी.

पढ़ें-बार-बार चकमा दे रहा आदमखोर बाघ, 60 कैमरे लगाने के बाद भी नहीं हो रहा ट्रैप

वहीं, वन विभाग की टीम को मंगलवार देर शाम बाघ को पकड़ने में सफलता मिली. वन विभाग की टीम ने बाघ को 16 जून को हुई घटना के आसपास से ट्रेंकुलाइज किया. वन क्षेत्रधिकारी ख्यालीराम आर्य ने बताया कि पकड़ा गया बाघ नर है, जिसकी उम्र करीब 8 साल के आसपास है. बाघ को ट्रेंकुलाइज कर नैनीताल चिड़ियाघर ले जाया गया है. जहां बाघ का मेडिकल परीक्षण किया जा रहा है, पकड़ा गया बाघ प्रथम दृष्टया में संभवत आतंक का पर्याय बना लग रहा है, लेकिन डॉक्टरों की टीम द्वारा जांच पड़ताल के बाद ही पता चल सकेगा कि पकड़ा गया बाघ आदमखोर है या नहीं.

हल्द्वानी: रामनगर वन प्रभाग (Ramnagar Forest Division) के फतेहपुर रेंज में आतंक का पर्याय बन चुके बाघ को आखिरकार वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज (tiger tranquilize) कर नैनीताल चिड़ियाघर भेज दिया है. वहीं, बाघ का मेडिकल परीक्षण के बाद ही पता चल सकेगा कि पकड़ा गया बाघ आदमखोर है या नहीं. फिलहाल बाघ के पकड़े जाने के बाद वन विभाग और लोगों ने राहत की सांस ली है.

फतेहपुर रेंज में पिछले 3 महीने के भीतर बाघ 7 लोगों को अपना निवाला बना चुका है. पूर्व में भी वन विभाग की टीम और गुजरात से आई निजी चिड़ियाघर की टीम ने एक महीने तक जंगल में बाघ को पकड़ने के लिए अभियान चलाया, लेकिन बाघ टीम के हाथ बाघ नहीं लग पाया, 16 जून को बाघ ने एक बार फिर फतेहपुर रेंज के लामाचौड़ क्षेत्र में एक महिला को अपना निवाला बना लिया. जिसके बाद लोगों में काफी आक्रोश देखा गया, जहां लोगों ने बाघ को पकड़ने के लिए सड़क भी जाम किया. जिसके बाद से वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने के लिए जुटी हुई थी.

पढ़ें-बार-बार चकमा दे रहा आदमखोर बाघ, 60 कैमरे लगाने के बाद भी नहीं हो रहा ट्रैप

वहीं, वन विभाग की टीम को मंगलवार देर शाम बाघ को पकड़ने में सफलता मिली. वन विभाग की टीम ने बाघ को 16 जून को हुई घटना के आसपास से ट्रेंकुलाइज किया. वन क्षेत्रधिकारी ख्यालीराम आर्य ने बताया कि पकड़ा गया बाघ नर है, जिसकी उम्र करीब 8 साल के आसपास है. बाघ को ट्रेंकुलाइज कर नैनीताल चिड़ियाघर ले जाया गया है. जहां बाघ का मेडिकल परीक्षण किया जा रहा है, पकड़ा गया बाघ प्रथम दृष्टया में संभवत आतंक का पर्याय बना लग रहा है, लेकिन डॉक्टरों की टीम द्वारा जांच पड़ताल के बाद ही पता चल सकेगा कि पकड़ा गया बाघ आदमखोर है या नहीं.

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