हल्द्वानी: रामनगर वन प्रभाग (Ramnagar Forest Division) के फतेहपुर रेंज में आतंक का पर्याय बन चुके बाघ को आखिरकार वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज (tiger tranquilize) कर नैनीताल चिड़ियाघर भेज दिया है. वहीं, बाघ का मेडिकल परीक्षण के बाद ही पता चल सकेगा कि पकड़ा गया बाघ आदमखोर है या नहीं. फिलहाल बाघ के पकड़े जाने के बाद वन विभाग और लोगों ने राहत की सांस ली है.
फतेहपुर रेंज में पिछले 3 महीने के भीतर बाघ 7 लोगों को अपना निवाला बना चुका है. पूर्व में भी वन विभाग की टीम और गुजरात से आई निजी चिड़ियाघर की टीम ने एक महीने तक जंगल में बाघ को पकड़ने के लिए अभियान चलाया, लेकिन बाघ टीम के हाथ बाघ नहीं लग पाया, 16 जून को बाघ ने एक बार फिर फतेहपुर रेंज के लामाचौड़ क्षेत्र में एक महिला को अपना निवाला बना लिया. जिसके बाद लोगों में काफी आक्रोश देखा गया, जहां लोगों ने बाघ को पकड़ने के लिए सड़क भी जाम किया. जिसके बाद से वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने के लिए जुटी हुई थी.
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वहीं, वन विभाग की टीम को मंगलवार देर शाम बाघ को पकड़ने में सफलता मिली. वन विभाग की टीम ने बाघ को 16 जून को हुई घटना के आसपास से ट्रेंकुलाइज किया. वन क्षेत्रधिकारी ख्यालीराम आर्य ने बताया कि पकड़ा गया बाघ नर है, जिसकी उम्र करीब 8 साल के आसपास है. बाघ को ट्रेंकुलाइज कर नैनीताल चिड़ियाघर ले जाया गया है. जहां बाघ का मेडिकल परीक्षण किया जा रहा है, पकड़ा गया बाघ प्रथम दृष्टया में संभवत आतंक का पर्याय बना लग रहा है, लेकिन डॉक्टरों की टीम द्वारा जांच पड़ताल के बाद ही पता चल सकेगा कि पकड़ा गया बाघ आदमखोर है या नहीं.