हल्द्वानी: पहाड़ पर उगने वाले आलू की बुआई जनवरी माह से शुरू होने जा रही है. पहाड़ के आलू की डिमांड कोलकाता सहित अन्य मंडियों में खूब की जाती है. लेकिन हिमाचल के आलू के बीज उपलब्ध नहीं होने के चलते यहां के किसान आलू उत्पादन के क्षेत्र में और आगे बढ़ नहीं पा रहे हैं. वर्तमान में सरकार कुमाऊं मंडल के किसानों को मुनस्यारी के बीज को सब्सिडी के माध्यम से उपलब्ध करा रही है. ऐसे में किसानों में हिमाचल के आलू के बीज की डिमांड को देखते हुए सरकार ये बीज उपलब्ध कराने जा रही है.
हल्द्वानी मंडी परिषद के अध्यक्ष मनोज शाह ने बताया कि पहाड़ के किसानों के लिए हिमाचली आलू का बीज उपलब्ध कराने को लेकर वार्ता की जा चुकी है. बजट भी जारी कर दिया गया है. आलू बीज खरीद और किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इसको लेकर सरकार जल्द निर्णय लेने जा रही है.
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मनोज शाह ने बताया कि हिमाचली आलू के बीज पहाड़ के किसानों को उपलब्ध हो जाने से कुमाऊं मंडल में आलू की पैदावार में इजाफा होगा. किसानों की आय में भी वृद्धि होगी. गौरतलब है कि कुमाऊं के रामगढ़, धारी, ओखल कांडा, नैनीताल सहित कई इलाकों में भारी मात्रा में आलू की खेती की जाती है. यहां के किसान आलू की खेती पर निर्भर हैं जो हर साल दिसंबर, जनवरी महीने से आलू लगाने का काम शुरू कर देते हैं.
लेकिन किसानों को हिमाचल प्रदेश का बीज उपलब्ध नहीं होने से किसान चिंतित हैं. किसानों ने सरकार से मांग की है कि मुनस्यारी के आलू की क्वालिटी अच्छी नहीं होने के चलते आलू उत्पादन में उनको नुकसान हो रहा है. इसी कारण किसानों ने सरकार से हिमाचल का बीज उपलब्ध कराने की गुहार लगाई थी.
मंडी समिति के अध्यक्ष मनोज शाह का कहना है कि हिमाचल प्रदेश के आलू के बीज की कीमत ₹55 से लेकर ₹60 किलो है. जबकि मुनस्यारी के बीज की कीमत ₹35 किलो है. सरकार द्वारा हिमाचल से बीज खरीद के लिए वार्ता चल रही है. जनवरी माह में किसानों को बीज उपलब्ध करा दिया जाएगा.