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धूमधाम से मनाया गया नकुवा बूबू मंदिर का स्थापना महोत्सव, ये है रोचक कथा - जानिये नकुवा बूबू की विचित्र कहानी

नैनीताल के बेतालघाट में नकुवा बूबू के मंदिर का स्थापना महोत्सव पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा. गांव के लोगों में नकुवा बूबू को लेकर अटूट आस्था है. नकुवा बूबू के बारे में कई मान्यताएं और कहानियां प्रचलित हैं. आइए आपको बताते हैं नकुवा बूबू का रोचक कथा...

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धूमधाम से मनाया गया नकुवा बूबू मंदिर का स्थापना दिवस
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Published : May 14, 2023, 10:10 AM IST

Updated : May 14, 2023, 11:03 AM IST

धूमधाम से मनाया गया नकुवा बूबू मंदिर का स्थापना महोत्सव

नैनीताल: बेतालघाट के ऐतिहासिक नकुवा बूबू के मंदिर का स्थापना महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर दूर-दूर से श्रद्धालु नकुवा बूबू का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंदिर पहुंचे. जहां पर दो दिवसीय अखंड रामायण का पाठ किया गया. जिसके बाद श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन किया गया. बता दें कि बेतालघाट नकुवा बूबू का मंदिर काफी ऐतिहासिक और पौराणिक है. जिसकी कहानी भी काफी रोचक है.

मंदिर की ये है महिमा: कहा जाता है कि बेतालघाट गांव में सड़क की दिक्कत थी और गांव को सड़क के दूसरे छोर से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा एक पुल बनाने का ठेका किसी बाहरी ठेकेदार को दिया गया. जब ठेकेदार ने गांव पहुंचकर पुल का निर्माण शुरू किया, तब बेतालघाट के लोगों ने ठेकेदार से गांव के स्थानीय देवता नकुवा बूबू की पूजा करने को कहा. लेकिन ठेकेदार भगवान को नहीं मानता था. ऐसे में उसने बगैर पूजा-पाठ के ही पुल का निर्माण शुरू कर दिया और पुल का काम पूरा भी हो गया. जब पुल को स्थानीय लोगों के लिए खोला जाना था. उसी रात को अचानक आंधी आई और पुल अपनी जगह से करीब 3 फीट की दूरी पर खिसक गया. जबकि आंधी का गांव में कोई असर नहीं दिखा गांव में सब कुछ सामान्य था.

इस घटना को देख कर गांव के लोग हैरान थे. जिसके बाद स्थानीय बुजुर्गों द्वारा ठेकेदार से माफी मांगने को कहा गया, जिसके बाद ठेकेदार ने माफी मांगी और पूजा की. तब जाकर ये पुल अपनी जगह पर वापस आया. स्थानीय लोग बताते हैं जब कोई यात्री रात के समय बेतालघाट क्षेत्र में रास्ता भटक जाता है, तो नकुवा बूबू उस भटके हुए यात्री को उसका रास्ता दिखाते हैं. इतना ही नहीं उसको गांव के मुख्य द्वार तक पहुंचा कर अदृश्य हो जाते हैं.

यह भी पढे़ं: देहरादून और मसूरी में पर्यटन को लगेंगे पंख, इको पार्क और पार्किंग को लेकर कवायद तेज

बच्चों को उठा कर ले जाते थे नकुवा बूबू: नकुवा बूबू के बारे में एक मान्यता यह भी है कि नकुवा बूबू दिन में यहां के बच्चों के साथ खेलते थे और रात होते ही एक बच्चे को उठाकर ले जाते थे. इस बात से परेशान होकर स्थानीय लोगों ने देवताओं का आह्वान किया, जिस पर नकुवा बूबू खुद ही प्रकट हुए और बोले कि वो क्षेत्राधीपति हैं. अगर उनकी स्थापना शिव मंदिर के पास कर दी जाएगी तो सब ठीक हो जाएगा. जिसके बाद लोगों ने नकुवा बूबू के कहे अनुसार उनके मंदिर की स्थापना कर दी और बच्चों के गायब होने का सिलसिला खत्म हो गया.

धूमधाम से मनाया गया नकुवा बूबू मंदिर का स्थापना महोत्सव

नैनीताल: बेतालघाट के ऐतिहासिक नकुवा बूबू के मंदिर का स्थापना महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर दूर-दूर से श्रद्धालु नकुवा बूबू का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंदिर पहुंचे. जहां पर दो दिवसीय अखंड रामायण का पाठ किया गया. जिसके बाद श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन किया गया. बता दें कि बेतालघाट नकुवा बूबू का मंदिर काफी ऐतिहासिक और पौराणिक है. जिसकी कहानी भी काफी रोचक है.

मंदिर की ये है महिमा: कहा जाता है कि बेतालघाट गांव में सड़क की दिक्कत थी और गांव को सड़क के दूसरे छोर से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा एक पुल बनाने का ठेका किसी बाहरी ठेकेदार को दिया गया. जब ठेकेदार ने गांव पहुंचकर पुल का निर्माण शुरू किया, तब बेतालघाट के लोगों ने ठेकेदार से गांव के स्थानीय देवता नकुवा बूबू की पूजा करने को कहा. लेकिन ठेकेदार भगवान को नहीं मानता था. ऐसे में उसने बगैर पूजा-पाठ के ही पुल का निर्माण शुरू कर दिया और पुल का काम पूरा भी हो गया. जब पुल को स्थानीय लोगों के लिए खोला जाना था. उसी रात को अचानक आंधी आई और पुल अपनी जगह से करीब 3 फीट की दूरी पर खिसक गया. जबकि आंधी का गांव में कोई असर नहीं दिखा गांव में सब कुछ सामान्य था.

इस घटना को देख कर गांव के लोग हैरान थे. जिसके बाद स्थानीय बुजुर्गों द्वारा ठेकेदार से माफी मांगने को कहा गया, जिसके बाद ठेकेदार ने माफी मांगी और पूजा की. तब जाकर ये पुल अपनी जगह पर वापस आया. स्थानीय लोग बताते हैं जब कोई यात्री रात के समय बेतालघाट क्षेत्र में रास्ता भटक जाता है, तो नकुवा बूबू उस भटके हुए यात्री को उसका रास्ता दिखाते हैं. इतना ही नहीं उसको गांव के मुख्य द्वार तक पहुंचा कर अदृश्य हो जाते हैं.

यह भी पढे़ं: देहरादून और मसूरी में पर्यटन को लगेंगे पंख, इको पार्क और पार्किंग को लेकर कवायद तेज

बच्चों को उठा कर ले जाते थे नकुवा बूबू: नकुवा बूबू के बारे में एक मान्यता यह भी है कि नकुवा बूबू दिन में यहां के बच्चों के साथ खेलते थे और रात होते ही एक बच्चे को उठाकर ले जाते थे. इस बात से परेशान होकर स्थानीय लोगों ने देवताओं का आह्वान किया, जिस पर नकुवा बूबू खुद ही प्रकट हुए और बोले कि वो क्षेत्राधीपति हैं. अगर उनकी स्थापना शिव मंदिर के पास कर दी जाएगी तो सब ठीक हो जाएगा. जिसके बाद लोगों ने नकुवा बूबू के कहे अनुसार उनके मंदिर की स्थापना कर दी और बच्चों के गायब होने का सिलसिला खत्म हो गया.

Last Updated : May 14, 2023, 11:03 AM IST
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