हल्द्वानी: चुनाव आयोग ने कोविड-19 की तीसरी लहर के मद्देनजर चुनावी रैलियों और सभाओं पर रोक लगाते हुए राजनीतिक दलों को डिजिटल प्रचार-प्रसार करने की नसीहत दी है. ऐसे में भाजपा-कांग्रेस के डिजिटल प्रचार-प्रसार के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है. हालांकि, भाजपा डिजिटल टेक्नोलॉजी के मामले में अन्य राजनीतिक दलों के मुकाबले आगे है.
कोरोना को देखते हुए चुनाव आयोग ने सभी तरह की चुनावी सभाओं पर 22 जनवरी तक रोक लगा दी है. आगे की स्थिति के लिए चुनाव आयोग ने रैली और सभाओं के लिए जगह तय कर दी हैं. नैनीताल जिले की सभी 6 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं. इसके लिए चुनाव आयोग ने 46 मैदान और 6 भवन चिन्हित किए हैं, लेकिन रैली की अनुमति निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार ही दी जाएगी.
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जिला निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी गई जानकारी के मुताबिक, कोरोना के मद्देनजर जिन जगहों को चयनित किया गया है, वहां पर सीमित संख्या में लोग पहुंचेंगे. नैनीताल की 6 विधानसभा सीटों के लिए कोई बड़े स्टार प्रचारक के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, सोनिया गांधी, अमित शाह, प्रियंका गांधी या कोई बड़ा अन्य नेता जनसभा करना चाहेगा तो केवल 13,333 लोगों की भीड़ से काम चलाना पड़ेगा. हल्द्वानी के सबसे बड़े एमबी इंटर कॉलेज के मैदान में सबसे बड़ी जनपद की रैली हो सकती है, जिसमें मात्र 13,333 लोग शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा हल्द्वानी के रामलीला मैदान में महज 5250 लोग जनसभा में शामिल हो सकते हैं.
मैदान व भवन चिन्हितः नैनीताल विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पर चुनाव के लिए 16 मैदान जबकि दो भवन चिन्हित किए गए हैं. लालकुआं में 8 मैदान, हल्द्वानी में 2 मैदान, भीमताल में 10, कालाढूंगी में 3 मैदान व 2 भवन, जबकि रामनगर में 7 मैदान व दो भवन चिन्हित किए गए हैं. कोविड-19 गाइडलाइन के मुताबिक, सीमित संख्या में चुनाव प्रचार किया जा सकता है.
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भाजपा ने किया स्वागतः भाजपा विधायक नवीन दुम्का ने चुनाव आयोग द्वारा डिजिटल प्रचार-प्रसार का स्वागत किया है. दुम्का ने कहा कि डिजिटल प्रचार में भाजपा पहले से ही काम करती आ रही है. उनके कार्यकर्ता बूथ स्तर पर डिजिटल प्रचार के माध्यम से जुड़े हुए हैं. डिजिटल प्रचार से राजनीतिक दलों के खर्चे कम होंगे. वहीं, जनता का समय भी बचेगा.
कांग्रेस ने भी भरी हामीः कांग्रेस नेता सुमित हृदयेश का कहना है कि कांग्रेस प्रचार-प्रसार के लिए पूरी तरह से तैयार है. कांग्रेस द्वारा पहले से ही डिजिटल प्रचार-प्रसार को माध्यम बनाया गया है. जहां उनके बड़े नेताओं के अपने पेज हैं और उस पेज के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. इसके अलावा एलईडी वाहन के माध्यम से भी प्रचार प्रसार किया जाएगा.
फिलहाल डिजिटल प्रचार-प्रसार ने दोनों पार्टियों के साथ-साथ अन्य छोटे-छोटे दलों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. क्योंकि उनका सोशल मीडिया अभियान ज्यादा मजबूत नहीं है. ऐसे में जिस भी पार्टी का डिजिटल प्रचार मजबूत होगा, उस पार्टी के प्रत्याशी को मजबूती मिलेगी.