ETV Bharat / state

हल्द्वानी: ठंड से बचने के लिए अंगीठी जलाकर सो गए बुजुर्ग दंपति, दम घुटने से मौत

हल्द्वानी में ठंड से बचने के लिए अंगीठी जलाकर सोना बुजुर्ग दंपति को भारी पड़ गया. दोनों की दम घुटने से मौत हो गई.

Elderly couple died due to suffocation
दम घुटने से बुजुर्ग दंपती की मौत
author img

By

Published : Jan 31, 2022, 5:57 PM IST

हल्द्वानी: काठगोदाम थाना क्षेत्र के दमुवाढूंगा में बुजुर्ग दंपति ठंड से बचने के लिए अंगीठी जलाकर सो गए. अंगीठी की गैस लगने से दोनों बेहोश हो गए. आनन-फानन में परिजन उन्हें अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.

जानकारी के मुताबिक, दमुवाढूंगा निवासी वॉर्ड नंबर 35 के रहने वाले 63 वर्षीय किशन राम चन्याल देर रात खाना खाने के बाद अपने पत्नी रेवती देवी (60) के साथ कमरे में सोने चले गए. इस दौरान ठंड से बचने के लिए अंगीठी को कमरे में रख दिया. सुबह देर तक जब कमरा नहीं खुला तो परिजनों की चिंता बढ़ गई.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड मौसमः 3 और 4 फरवरी को बर्फबारी और बारिश की आशंका, चुनाव प्रचार पर पड़ेगा खलल

वहीं, परिजनों ने जब कमरा खोल कर देखा तो दोनों बेहोशी की हालत में पड़े हुए थे. आनन-फानन में परिजन उन्हें नजदीकी अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. मृतक दंपति के दो बेटे हैं. जिसमें एक कारोबारी है. जबकि, दूसरा गंगोलीहाट में पटवारी है. बुजुर्ग दंपत्ति की मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है.

बंद कमरे में न जलाएं अंगीठीः बंद कमरे में अंगीठी जलाना जानलेवा साबित हो सकता है. दरअसल, अंगीठी में इस्तेमाल होने वाले कोयले या लकड़ी के जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं, जिससे जान जा सकती है.

विशेषज्ञों की मानें तो बंद कमरे में अंगीठी जलाने से कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड भर जाता है और ऑक्सीजन का लेवल घट जाता है. जो सीधे दिमाग पर असर डालता है और सांस के जरिए पूरे शरीर में फैल जाता है. साथ ही खून में हीमोग्लोबिन का लेवल घट जाता है. ऐसे में बंद कमरे में सोया इंसान बेहोश हो जाता है.

ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशी में मतदान के दौरान मौसम भी रहेगा बड़ी चुनौती, बर्फबारी कर सकती है मुसीबतें खड़ी

अंगीठी जलाते समय कमरे को पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहिए. इससे धीरे-धीरे कमरे का ऑक्सीजन कम हो जाता है. अगर कमरे में एक से ज्यादा व्यक्ति सो रहे हैं तो ज्यादा देर तक आग नहीं जलानी चाहिए. ज्यादा लोगों के होने से कमरे में ऑक्सीजन घटने लगता है. जो जानलेवा साबित होता है.

हल्द्वानी: काठगोदाम थाना क्षेत्र के दमुवाढूंगा में बुजुर्ग दंपति ठंड से बचने के लिए अंगीठी जलाकर सो गए. अंगीठी की गैस लगने से दोनों बेहोश हो गए. आनन-फानन में परिजन उन्हें अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.

जानकारी के मुताबिक, दमुवाढूंगा निवासी वॉर्ड नंबर 35 के रहने वाले 63 वर्षीय किशन राम चन्याल देर रात खाना खाने के बाद अपने पत्नी रेवती देवी (60) के साथ कमरे में सोने चले गए. इस दौरान ठंड से बचने के लिए अंगीठी को कमरे में रख दिया. सुबह देर तक जब कमरा नहीं खुला तो परिजनों की चिंता बढ़ गई.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड मौसमः 3 और 4 फरवरी को बर्फबारी और बारिश की आशंका, चुनाव प्रचार पर पड़ेगा खलल

वहीं, परिजनों ने जब कमरा खोल कर देखा तो दोनों बेहोशी की हालत में पड़े हुए थे. आनन-फानन में परिजन उन्हें नजदीकी अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. मृतक दंपति के दो बेटे हैं. जिसमें एक कारोबारी है. जबकि, दूसरा गंगोलीहाट में पटवारी है. बुजुर्ग दंपत्ति की मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है.

बंद कमरे में न जलाएं अंगीठीः बंद कमरे में अंगीठी जलाना जानलेवा साबित हो सकता है. दरअसल, अंगीठी में इस्तेमाल होने वाले कोयले या लकड़ी के जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं, जिससे जान जा सकती है.

विशेषज्ञों की मानें तो बंद कमरे में अंगीठी जलाने से कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड भर जाता है और ऑक्सीजन का लेवल घट जाता है. जो सीधे दिमाग पर असर डालता है और सांस के जरिए पूरे शरीर में फैल जाता है. साथ ही खून में हीमोग्लोबिन का लेवल घट जाता है. ऐसे में बंद कमरे में सोया इंसान बेहोश हो जाता है.

ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशी में मतदान के दौरान मौसम भी रहेगा बड़ी चुनौती, बर्फबारी कर सकती है मुसीबतें खड़ी

अंगीठी जलाते समय कमरे को पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहिए. इससे धीरे-धीरे कमरे का ऑक्सीजन कम हो जाता है. अगर कमरे में एक से ज्यादा व्यक्ति सो रहे हैं तो ज्यादा देर तक आग नहीं जलानी चाहिए. ज्यादा लोगों के होने से कमरे में ऑक्सीजन घटने लगता है. जो जानलेवा साबित होता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.