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कोरोना ने नौकरी छीनी तो कड़कनाथ ने चमकाई दुम्का ब्रदर्स की जिंदगी, आज घर पर ही कमा रहे लाखों रुपए

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Published : Mar 25, 2022, 11:33 AM IST

Updated : Apr 5, 2022, 1:05 PM IST

कड़कनाथ मुर्गा अपनी विशिष्ठ पहचान के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं. इस मुर्गे की खासियत है कि यह पूरी तरह से काला होता है.अपने औषधीय गुणों के चलते कड़कनाथ मुर्गे की खासी मांग रहती है और इसी वजह से कड़कनाथ मुर्गा पालन कमाई का बेहतरीन जरिया बन जाता है. उत्तराखंड में भी कई युवाओं ने इसे रोजगार का बेहतर जरिया बनाया है.

कड़कनाथ
kadaknath poultry farm

हल्द्वानी: छत्तीसगढ़ के जंगली प्रजाति का कड़कनाथ मुर्गा आज लोगों के रोजगार का जरिया बन रहा है. देशभर में छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले कड़कनाथ मुर्गे की मांग बढ़ रही है. कड़कनाथ मुर्गा युवाओं को रोजगार की नई राह दिखा रहा है. नैनीताल जिले के रहने वाले दो भाइयों की भी जब कोरोना में नौकरी चली गई तो उन्होंने भी कड़कनाथ मुर्गों का कारोबार किया और आज इस काम से वे अच्छा खासा कमा रहे हैं.

हल्द्वानी के हल्दुचौड़ देवरामपुर के रहने वाले दो भाई राजेश दुम्का और भूपेश दुम्का की कोरोना में नौकरी चली गई थी. जिसके बाद दोनों भाइयों ने स्वरोजगार करने का प्लान बनाया और कड़कनाथ मुर्गों का कारोबार शुरू कर दिया.
पढ़ें- हल्द्वानी में दो स्पा सेंटरों में छापेमारी, अनियमितता मिलने पर किया चालान

इस समय दुम्का ब्रदर्स के पास करीब 500 से अधिक कड़कनाथ मुर्गे हैं. भूपेश के मुताबिक कड़कनाथ मुर्गा का कारोबार मुनाफे का सौदा है, क्योंकि इसके मांस और अंडे की डिमांड अधिक है. कड़कनाथ मुर्गे के अंडे और मांस में काफी प्रोटीन होता है. इसकी खासियत यह है कि इसमें फैट नहीं होता है. अन्य नस्ल के मुर्गों के मुकाबले कड़कनाथ का मांस पौष्टिक औरऔषधीय गुण से भरा हुआ है, जिसके चलते इसकी मांग अधिक है. भूपेश ने बताया कि फार्म के मुर्गे का मांस जहां बाजार में करीब 200 रुपए किलो मिलता है,वहीं कड़कनाथ मुर्गे के मांस की कीमत बाजार में करीब 500 से लेकर 600 रुपए किलो तक है. जबकि इसका अंडा भी 20 रुपए प्रति पीस मिलता है.

कोरोना ने नौकरी छीनी तो कड़कनाथ ने चमकाई दुम्का ब्रदर्स की जिंदगी

भूपेश ने बताया कि कड़कनाथ के अंडे में वसा कम और प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है. इसीलिए बाजार में इसकी काफी मांग है. दुम्का भाइयों का कहना है कि कोरोना काल में उनकी नौकरी चली गई थी. इसके बाद वे अपने गांव आ गए थे. तभी उन्होंने कड़कनाथ मुर्गे का कारोबार शुरू किया. भूपेश दुम्का की मानें तो यदि सरकार इस दिशा में कोई कदम उठाए तो कड़कनाथ मुर्गी फार्म का कारोबार उत्तराखंड के युवाओं के लिए वरदान साबित हो सकता है. सरकार को चाहिए की वो सब्सिडी के माध्यम से युवाओं को इस रोजगार के लिए लोन उपलब्ध कराए.
पढ़ें- कुमाऊं मंडल के पहाड़ों में घूमने आ रहे हैं तो देख लें ट्रैफिक का नया प्लान

कहां से खरीदें कड़कनाथ मुर्गा: कड़कनाथ मुर्गे का बिजनेस करना है तो फिर बड़ी संख्या में इसे आपको खरीदना होगा. मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में कड़कनाथ मुर्गे को बड़ी संख्या में लोग पालते हैं और बेचते हैं. आप भी यहीं से इनकी खरीदारी कर सकते हैं. एक की कीमत तकरीबन 200-300 रुपये तक के बीच में होती है. साल 2018 में झाबुआ ने कड़कनाथ मुर्गे का जीआई टैग भी हासिल कर लिया था. इस मुर्गे में बहुत औषधीय गुण भी होते हैं और इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी बहुत कम होती है, जिसकी वजह से लोग इसका मांस काफी पसंद करते हैं.

कैसे करें कड़कनाथ मुर्गे का पालन? अगर आप कड़कनाथ पालन करने पर विचार कर रहे हैं तो फिर आपको इसके लिए पोल्ट्री फार्म खोलना होगा. यह आप अपने गांव या फिर शहर के बाहरी हिस्से में ही खोल सकते हैं. आप चाहें तो पोल्ट्री फार्म के बारे में ट्रेनिंग ले सकते हैं. हालांकि, इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आप जिन चूजों को पोल्ट्री फार्म में रखने जा रहे हैं, वे स्वस्थ ही हों, अगर ये चूजे बीमार होते हैं तो फिर अन्य चूजों को भी बीमारी हो सकती है. पोल्ट्री फार्म को हमेशा जमीन से थोड़ी ऊंचाई पर ही बनाएं, जिससे यदि कभी इलाके में बारिश हो तो पानी अंदर न घुसे. वहीं, फार्म में तापमान, रोशनी और भोजन व पानी की पूरी व्यवस्था रखें.
पढ़ें- उत्तराखंड में गर्मी से तपने लगे मैदान, पर्वतीय अंचलों में ठंड बरकरार

धोनी भी पाल रहे कड़कनाथ मुर्गे: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी पिछले कुछ सालों से ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने बड़ा सा फार्म हाउस बनाया है, जिसमें वे खेती के अलावा पोल्ट्री फार्मिंग भी करते हैं. बड़ी संख्या में कर्मचारी उनके फार्म हाउस में काम कर रहे हैं. धोनी ने जब कड़कनाथ मुर्गे का पालन शुरू किया था, तब उन्होंने दो हजार से अधिक कड़कनाथ चूजों का ऑर्डर दिया. तकरीबन महीने भर बाद उन्हें इन चूजों की डिलीवरी मिल भी गई थी. उन्होंने मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले से ही कड़कनाथ चूजों का ऑर्डर दिया था.

काले रंग की दुर्लभ मुर्गे की प्रजाति: यह एक दुर्लभ मुर्गे की प्रजाति है. यह काले रंग का मुर्गा होता है जो दूसरी मुर्गा प्रजातियों से ज्यादा स्वादिष्ट, पौष्टिक, सेहतमंद और कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है. जहां कड़कनाथ में 25 प्रतिशत प्रोटीन है, वहीं बाकी मुर्गों में 18-20 फीसदी प्रोटीन ही पाया जाता है.

हल्द्वानी: छत्तीसगढ़ के जंगली प्रजाति का कड़कनाथ मुर्गा आज लोगों के रोजगार का जरिया बन रहा है. देशभर में छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले कड़कनाथ मुर्गे की मांग बढ़ रही है. कड़कनाथ मुर्गा युवाओं को रोजगार की नई राह दिखा रहा है. नैनीताल जिले के रहने वाले दो भाइयों की भी जब कोरोना में नौकरी चली गई तो उन्होंने भी कड़कनाथ मुर्गों का कारोबार किया और आज इस काम से वे अच्छा खासा कमा रहे हैं.

हल्द्वानी के हल्दुचौड़ देवरामपुर के रहने वाले दो भाई राजेश दुम्का और भूपेश दुम्का की कोरोना में नौकरी चली गई थी. जिसके बाद दोनों भाइयों ने स्वरोजगार करने का प्लान बनाया और कड़कनाथ मुर्गों का कारोबार शुरू कर दिया.
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इस समय दुम्का ब्रदर्स के पास करीब 500 से अधिक कड़कनाथ मुर्गे हैं. भूपेश के मुताबिक कड़कनाथ मुर्गा का कारोबार मुनाफे का सौदा है, क्योंकि इसके मांस और अंडे की डिमांड अधिक है. कड़कनाथ मुर्गे के अंडे और मांस में काफी प्रोटीन होता है. इसकी खासियत यह है कि इसमें फैट नहीं होता है. अन्य नस्ल के मुर्गों के मुकाबले कड़कनाथ का मांस पौष्टिक औरऔषधीय गुण से भरा हुआ है, जिसके चलते इसकी मांग अधिक है. भूपेश ने बताया कि फार्म के मुर्गे का मांस जहां बाजार में करीब 200 रुपए किलो मिलता है,वहीं कड़कनाथ मुर्गे के मांस की कीमत बाजार में करीब 500 से लेकर 600 रुपए किलो तक है. जबकि इसका अंडा भी 20 रुपए प्रति पीस मिलता है.

कोरोना ने नौकरी छीनी तो कड़कनाथ ने चमकाई दुम्का ब्रदर्स की जिंदगी

भूपेश ने बताया कि कड़कनाथ के अंडे में वसा कम और प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है. इसीलिए बाजार में इसकी काफी मांग है. दुम्का भाइयों का कहना है कि कोरोना काल में उनकी नौकरी चली गई थी. इसके बाद वे अपने गांव आ गए थे. तभी उन्होंने कड़कनाथ मुर्गे का कारोबार शुरू किया. भूपेश दुम्का की मानें तो यदि सरकार इस दिशा में कोई कदम उठाए तो कड़कनाथ मुर्गी फार्म का कारोबार उत्तराखंड के युवाओं के लिए वरदान साबित हो सकता है. सरकार को चाहिए की वो सब्सिडी के माध्यम से युवाओं को इस रोजगार के लिए लोन उपलब्ध कराए.
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कहां से खरीदें कड़कनाथ मुर्गा: कड़कनाथ मुर्गे का बिजनेस करना है तो फिर बड़ी संख्या में इसे आपको खरीदना होगा. मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में कड़कनाथ मुर्गे को बड़ी संख्या में लोग पालते हैं और बेचते हैं. आप भी यहीं से इनकी खरीदारी कर सकते हैं. एक की कीमत तकरीबन 200-300 रुपये तक के बीच में होती है. साल 2018 में झाबुआ ने कड़कनाथ मुर्गे का जीआई टैग भी हासिल कर लिया था. इस मुर्गे में बहुत औषधीय गुण भी होते हैं और इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी बहुत कम होती है, जिसकी वजह से लोग इसका मांस काफी पसंद करते हैं.

कैसे करें कड़कनाथ मुर्गे का पालन? अगर आप कड़कनाथ पालन करने पर विचार कर रहे हैं तो फिर आपको इसके लिए पोल्ट्री फार्म खोलना होगा. यह आप अपने गांव या फिर शहर के बाहरी हिस्से में ही खोल सकते हैं. आप चाहें तो पोल्ट्री फार्म के बारे में ट्रेनिंग ले सकते हैं. हालांकि, इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आप जिन चूजों को पोल्ट्री फार्म में रखने जा रहे हैं, वे स्वस्थ ही हों, अगर ये चूजे बीमार होते हैं तो फिर अन्य चूजों को भी बीमारी हो सकती है. पोल्ट्री फार्म को हमेशा जमीन से थोड़ी ऊंचाई पर ही बनाएं, जिससे यदि कभी इलाके में बारिश हो तो पानी अंदर न घुसे. वहीं, फार्म में तापमान, रोशनी और भोजन व पानी की पूरी व्यवस्था रखें.
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धोनी भी पाल रहे कड़कनाथ मुर्गे: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी पिछले कुछ सालों से ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने बड़ा सा फार्म हाउस बनाया है, जिसमें वे खेती के अलावा पोल्ट्री फार्मिंग भी करते हैं. बड़ी संख्या में कर्मचारी उनके फार्म हाउस में काम कर रहे हैं. धोनी ने जब कड़कनाथ मुर्गे का पालन शुरू किया था, तब उन्होंने दो हजार से अधिक कड़कनाथ चूजों का ऑर्डर दिया. तकरीबन महीने भर बाद उन्हें इन चूजों की डिलीवरी मिल भी गई थी. उन्होंने मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले से ही कड़कनाथ चूजों का ऑर्डर दिया था.

काले रंग की दुर्लभ मुर्गे की प्रजाति: यह एक दुर्लभ मुर्गे की प्रजाति है. यह काले रंग का मुर्गा होता है जो दूसरी मुर्गा प्रजातियों से ज्यादा स्वादिष्ट, पौष्टिक, सेहतमंद और कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है. जहां कड़कनाथ में 25 प्रतिशत प्रोटीन है, वहीं बाकी मुर्गों में 18-20 फीसदी प्रोटीन ही पाया जाता है.

Last Updated : Apr 5, 2022, 1:05 PM IST
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