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नई बसों के हटने से लड़खड़ाई परिवहन विभाग की व्यवस्था

परिवहन विभाग के बेड़े से नई बसों के हटते ही परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल होगी है. जिसका सबसे ज्यादा असर हल्द्वानी, दिल्ली और देहरादून रूट पर पड़ा रहा है.

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नई बसों के हटने से लड़खड़ाई परिवहन विभाग की व्यवस्था
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Published : Dec 18, 2019, 2:26 PM IST

हल्द्वानी: पहले से बदहाल परिवहन व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रदेश सरकार ने परिवहन निगम के बेड़े में 150 नई बसें शामिल की थी. लेकिन सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ रोड ट्रांसपोर्ट पुणे की जांच में उत्तराखंड रोडवेज की नई बसों में तकनीकी खामियां पाई गई. जिसके बाद परिवहन विभाग ने सभी नई बसों को अपने बेड़े से वापस भेज दिया है. जिसके कारण में प्रदेश की परिवहन व्यवस्था लड़खड़ा गई है.

नई बसों के वापस जाने के बाद इसका बड़ा असर कुमाऊं मंडल से संचालित होने वाली परिवहन सेवा पर पड़ा है. मंडल से करीब 50 नई बसों के हट जाने बाद मंडल के अलग-अलग डिपो से संचालित होने वाली परिवहन व्यवस्था भी चरमरा गई है. इसका सबसे ज्यादा असर हल्द्वानी से दिल्ली जाने वाली बसों और देहरादून रूट पर देखने को मिल रहा है.

नई बसों के हटने से लड़खड़ाई परिवहन विभाग की व्यवस्था.

इसके साथ ही हल्द्वानी से टनकपुर, रीठा साहिब, हल्द्वानी-नोएडा रूट पर नई बसों की संचालन भी शुरू किया गया था. जिसको अब बंद करना पड़ा है. ऐसे में रोडवेज से यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: त्रिवेंद्र सरकार ने घोषित किया गन्ने का समर्थन मूल्य, किसानों में मायूसी

प्राप्त जानकारी के अनुसार, परिवहन विभाग ने अपनी नई बसों को हटाने के साथ साथ पुरानी हो चुकी 35 बसों को भी नीलामी के लिए भेज दिया है. जिसके चलते कुमाऊं मंडल में बसों की संख्या काफी कम हो गई है. ऐसे में यात्रियों को मजबूर होकर प्राइवेट टैक्सियों का सहारा लेना पड़ रहा हैं. जिससे यात्रियों अधिक रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं.

हल्द्वानी: पहले से बदहाल परिवहन व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रदेश सरकार ने परिवहन निगम के बेड़े में 150 नई बसें शामिल की थी. लेकिन सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ रोड ट्रांसपोर्ट पुणे की जांच में उत्तराखंड रोडवेज की नई बसों में तकनीकी खामियां पाई गई. जिसके बाद परिवहन विभाग ने सभी नई बसों को अपने बेड़े से वापस भेज दिया है. जिसके कारण में प्रदेश की परिवहन व्यवस्था लड़खड़ा गई है.

नई बसों के वापस जाने के बाद इसका बड़ा असर कुमाऊं मंडल से संचालित होने वाली परिवहन सेवा पर पड़ा है. मंडल से करीब 50 नई बसों के हट जाने बाद मंडल के अलग-अलग डिपो से संचालित होने वाली परिवहन व्यवस्था भी चरमरा गई है. इसका सबसे ज्यादा असर हल्द्वानी से दिल्ली जाने वाली बसों और देहरादून रूट पर देखने को मिल रहा है.

नई बसों के हटने से लड़खड़ाई परिवहन विभाग की व्यवस्था.

इसके साथ ही हल्द्वानी से टनकपुर, रीठा साहिब, हल्द्वानी-नोएडा रूट पर नई बसों की संचालन भी शुरू किया गया था. जिसको अब बंद करना पड़ा है. ऐसे में रोडवेज से यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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प्राप्त जानकारी के अनुसार, परिवहन विभाग ने अपनी नई बसों को हटाने के साथ साथ पुरानी हो चुकी 35 बसों को भी नीलामी के लिए भेज दिया है. जिसके चलते कुमाऊं मंडल में बसों की संख्या काफी कम हो गई है. ऐसे में यात्रियों को मजबूर होकर प्राइवेट टैक्सियों का सहारा लेना पड़ रहा हैं. जिससे यात्रियों अधिक रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं.

Intro:sammry-परिवहन विभाग के बड़े से नई बसों के हटते ही परिवहन व्यवस्था लड़खड़ाया, सबसे ज्यादा असर हल्द्वानी दिल्ली ,देहरादून रूट पर पड़ा।( रेडी टू कैरी पैकेज) एंकर- पहले से बदहाल परिवहन व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रदेश सरकार ने परिवहन निगम के बेड़े में 150 नई बसें शामिल की थी लेकिन सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ रोड ट्रांसपोर्ट पुणे की जांच में उत्तराखंड रोडवेज की नई बसों में तकनीकी खामियां पाई गई जिसके बाद परिवहन विभाग ने सभी नई बसों को अपने बेड़े से वापस भेज दिया है ।ऐसे में प्रदेश की परिवहन व्यवस्था लड़खड़ा गई है।


Body:नई बसों के परिवहन विभाग के बेड़े से वापस भेज दिएजाने के बाद इसका सबसे बड़ा असर कुमाऊं मंडल से संचालित होने वाली परिवहन सेवा पर पड़ा है। मंडल की करीब 50 नई बसों के बेड़े से हटने के बाद मंडल के अलग-अलग परिवहन डिपो से संचालित होने वाली परिवहन व्यवस्था लड़खड़ा गई है। इसका सबसे ज्यादा असर हल्द्वानी से दिल्ली और देहरादून रूट पर पड़ा है। यही नहीं हल्द्वानी से टनकपुर, रीठा साहिब ,हल्द्वानी नोएडा रूट पर नई बसों की संचालन भी शुरू किया गया था जिनको अब बंद करना पड़ा है। ऐसे में रोडवेज से यात्रा करने वाले यात्रियों को खासा फजीहत उठाना पड़ रहा है। यही नहीं मंडल परिवहन विभाग ने अपनी पुरानी हो चुकी 35 बसों को नीलामी के लिए भेज दिया है जिसके चलते कुमाऊं मंडल के परिवहन डिपो से संचालित होने वाली बसों की संख्या काफी कम हो गई है। बाइट-यशपाल सिंह क्षेत्रीय प्रबंधक परिवहन विभाग


Conclusion:रोडवेज परिवहन व्यवस्था लड़खड़ा जाने के बाद यात्रियों को खासी फजीहत उठाना पड़ रहा है ।ऐसे में यात्री मजबूर होकर प्राइवेट टैक्सियों का सहारा ले रहे हैं जो यात्रियों को जेब पर भारी पड़ रहा है
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