हल्द्वानी: पहले से बदहाल परिवहन व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रदेश सरकार ने परिवहन निगम के बेड़े में 150 नई बसें शामिल की थी. लेकिन सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ रोड ट्रांसपोर्ट पुणे की जांच में उत्तराखंड रोडवेज की नई बसों में तकनीकी खामियां पाई गई. जिसके बाद परिवहन विभाग ने सभी नई बसों को अपने बेड़े से वापस भेज दिया है. जिसके कारण में प्रदेश की परिवहन व्यवस्था लड़खड़ा गई है.
नई बसों के वापस जाने के बाद इसका बड़ा असर कुमाऊं मंडल से संचालित होने वाली परिवहन सेवा पर पड़ा है. मंडल से करीब 50 नई बसों के हट जाने बाद मंडल के अलग-अलग डिपो से संचालित होने वाली परिवहन व्यवस्था भी चरमरा गई है. इसका सबसे ज्यादा असर हल्द्वानी से दिल्ली जाने वाली बसों और देहरादून रूट पर देखने को मिल रहा है.
इसके साथ ही हल्द्वानी से टनकपुर, रीठा साहिब, हल्द्वानी-नोएडा रूट पर नई बसों की संचालन भी शुरू किया गया था. जिसको अब बंद करना पड़ा है. ऐसे में रोडवेज से यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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प्राप्त जानकारी के अनुसार, परिवहन विभाग ने अपनी नई बसों को हटाने के साथ साथ पुरानी हो चुकी 35 बसों को भी नीलामी के लिए भेज दिया है. जिसके चलते कुमाऊं मंडल में बसों की संख्या काफी कम हो गई है. ऐसे में यात्रियों को मजबूर होकर प्राइवेट टैक्सियों का सहारा लेना पड़ रहा हैं. जिससे यात्रियों अधिक रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं.