हल्द्वानीः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (COVID 19) से निपटने के लिए पुरजोर कोशिश की जा रही है. इसी कड़ी में हल्द्वानी राजकीय मेडिकल कॉलेज ने देहरादून के एक कंपनी से डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एक हजार पीपीई किट खरीदी गई थी, लेकिन इन किट के क्वालिटी और खरीद पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं. वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं.
जानकारी के मुताबिक, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के द्वारा देहरादून की एक कंपनी से करीब एक हजार पीपीई (Personal protective equipment) किट खरीदे गए थे, जिसके बाद किट की गुणवत्ता को लेकर डॉक्टरों ने नाराजगी जताई थी. इतना ही नहीं डॉक्टरों ने किट पहने और काम करने से भी मना कर दिया.
डॉक्टरों का आरोप है कि उन्हें दी गई पीपीई किट की गुणवत्ता काफी खराब है और इस किट से संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई है. साथ ही बताया जा रहा की खरीदी गई पीपीई किट की कीमत बाजारों में ₹500 से ₹600 तक है. जबकि, कंपनी ने करीब 900 रुपये की रेट से मेडिकल कॉलेज को पीपीई किट उपलब्ध कराया है.
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वहीं, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य चंद्र प्रकाश भैसोड़ा ने मामले की जांच करानी शुरू कर दी है. साथ ही कंपनी को और दिए गए आर्डर को रद्द कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि पीपीई किट के साथ अलग से मंगाई गई मास्क की क्वालिटी भी ठीक नहीं थी. जिसके बाद कुछ जूनियर डॉक्टरों ने भी मास्क को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है.
उधर, जिलाधिकारी सविन बंसल का कहना है कि मेडिकल कॉलेज के लिए एक नोडल अधिकारी तैनात किया गया है और पूरे मामले की जांच नोडल अधिकारी को सौंपी गई है. जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.