नैनीताल: ठंडी सड़क पर नया लैंडस्लाइड जोन तैयार हो रहा है. बीते एक सप्ताह से यहां पर लगातार भूस्खलन हो रहा है. बुधवार को नैनीताल जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल और एसडीएम प्रतीक जैन इलाके का निरीक्षण करने गए थे. तभी पहाड़ी से पत्थर गिरने लगे. इस दौरान वे लैंडस्लाइड की चपेट में आने से बाल-बाल बच गए. जब सभी लोग निरीक्षण के दौरान मलबे के ढेर को पार कर रहे थे. उसी दौरान पहाड़ी से पत्थर गिर गए.
वहीं जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग को भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र के ट्रीटमेंट की योजना बनाने के निर्देश दिए हैं. वहीं जिलाधिकारी ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के भू-गर्भ वैज्ञानिकों से सलाह लेने की बात कही है. उन्होंने कहा कि कुमाऊं विश्वविद्यालय के भू-गर्भ वैज्ञानिकों से क्षेत्र का निरीक्षण कर एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा है. ताकि ठंडी सड़क पर हो रहे लैंसस्लाइड का स्थायी सामाधान निकाला जा सके.
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बता दें कि इस साल नैनीताल की ठंडी सड़क पर पाषाण देवी मंदिर के पास नया लैंडस्लाइड जोन बन गया है. यहां से लगातार भूस्खलन हो रहा है. सोमवार रात ठंडी सड़क क्षेत्र में फिर पहाड़ी से भूस्खलन हो गया था. मिट्टी और पेड़ के साथ भारी मलबा सड़क से होते हुए झील में समा गया था. अभी भी वहां से पत्थरों के गिरने का सिलसिला जारी है.
प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा को देखते हुए ये मार्ग आवाजाही के लिए बंद कर दिया है. जिस पहाड़ी से भूस्खलन हो रहा है, उसके ऊपर एसआर हॉस्टल बना हुआ है. इससे हॉस्टल को भी खतरा पैदा हो गया है. बुधवार को निरीक्षण के दौरान डीएम और एसडीएम भी बाल-बाल बच गए थे.
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बता दें कि भूस्खलन के लिहाज से नैनीताल काफी संवेदनशील है. नैनीताल में पहला भूस्खलन 1867 में हुआ था. वहीं दूसरा बड़ा भूस्खलन 1880 में हुआ था. इसमें 151 लोगों की मौत हुई थी.