नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शहर के लिए नए टैक्सी परमिटों पर लगी रोक मामले में सुनवाई की. इस दौरान मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने जिला अधिकारी नैनीताल, एसएसपी और ईओ नगर पालिका को निर्देश दिए हैं कि इस मामले में एक बैठक कर अपने सुझाव 4 अक्टूबर तक कोर्ट में पेश करें. मामले की अगली सुनवाई के लिए 4 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की गई है.
मामले में आज टैक्सी यूनियन की तरफ से प्रार्थना पत्र देकर कहा गया कि कोर्ट के पूर्व के आदेश में संसोधन कर उन्हें नैनीताल शहर में जाने की अनुमति दी जाए. प्रशासन उन्हें तल्लीताल और मल्लीताल में पार्किंग की सुविधा मुहैया कराए. शहर में टैक्सी प्रतिबंधित होने के कारण उनकी रोजी-रोटी को लेकर समस्या होने लगी है. प्रशासन द्वारा बाहरी राज्यों की टैक्सियों को शहर में आने की अनुमति दी जा रही है, लेकिन उच्च कोर्ट के आदेश होने के कारण उन्हें शहर में नहीं आने दिया जा रहा है. पुलिस उनके वाहनों का बार-बार चालान करती है, इसलिए पुराने आदेश को संशोधित किया जाए.
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मामले के अनुसार प्रोफेसर अजय रावत की जनहित याचिका की सुनवाई में हाईकोर्ट ने 2017 में नैनीताल के लिए नए टैक्सी परमिट जारी करने पर रोक लगा दी थी. मामले में टैक्सी यूनियन नैनीताल ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद परिवहन विभाग द्वारा पुराने परमिट के नवीनीकरण में भी एक मुहर लगाई जा रही है. जिसमें लोकल टैक्सी को नैनीताल में प्रवेश की अनुमति नहीं है और वे 2017 के पहले की टैक्सियों को भी नैनीताल में नहीं ला पा रहे हैं. टैक्सी यूनियन के अनुसार उनके पास नैनीताल में 250 टैक्सियों के लिए पार्किंग की जगह है, लेकिन इसके बावजूद उनकी टैक्सियों को नैनीताल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है.
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