नैनीतालः जिला प्राधिकरण की टीम ने आज अतिक्रमण (Encroachment) को ध्वस्त करने के लिए सूखा ताल, बारापत्थर क्षेत्र में अभियान चलाया. जो महज औपचारिकताओं तक सीमित रहा. प्राधिकरण की टीम की ओर से अतिक्रमण हटाने के नाम पर सड़कों के किनारे लगे साइन बोर्ड को हटाकर इतिश्री कर ली गई. प्राधिकरण की टीम उन क्षेत्रों तक पहुंची ही नहीं, जिन स्थानों पर अतिक्रमण किया गया था. वहीं, अतिक्रमणकारी ने झील में कूदकर आत्महत्या की चेतावनी दी.
नैनीताल में अतिक्रमण जोरों पर है. इसी कड़ी में प्राधिकरण की टीम ने कार्रवाई के दौरान बारापत्थर क्षेत्र में सड़क किनारे चाय बेचकर अपनी आजीविका चला रहे लोगों को खदेड़ा और उनके सामान को तितर-बितर कर दिया. जिस पर प्राधिकरण की टीम को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. स्थानीय निवासी भूपाल सिंह कार्की ने प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में अवैध बहुमंजिला भवनों का निर्माण किया जा रहा है. प्राधिकरण की टीम उन स्थानों तक नहीं जा रही है. अतिक्रमण हटाने के नाम पर सड़कों के किनारे हुए निर्माण को हटाकर केवल खानापूर्ति कर रही है.
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प्राधिकरण की टीम के आगे लेट गए लोगः वहीं, भूपाल कार्की ने कहा कि अगर प्राधिकरण की ओर से अतिक्रमण के नाम पर उनका उत्पीड़न किया गया तो वो झील में कूदकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर देंगे. उधर, जब प्राधिकरण की टीम क्षेत्र में बने एक घर को ध्वस्त करने के लिए पहुंची तो लोगों ने लेटकर और छत में चढ़कर प्राधिकरण की टीम का विरोध किया. साथ ही उन्हें कार्रवाई करने से रोका. जिसके बाद टीम बिना कार्रवाई किए बैरंग लौट गई. आरोप है कि प्राधिकरण के अवर अभियंता सतीश चौहान ने अतिक्रमणकारियों के सामान को खाई में फेंका और सड़क किनारे खड़ी मोटरसाइकिल को भी पलटा.