हल्द्वानी: द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Additional District and Sessions Judge) की कोर्ट ने साल 2013 के दोहरे हत्याकांड में पति पत्नी और साली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने पूरे मामले में आरोपियों के खिलाफ 50-50 हजार का अर्थदंड भी लगाया है. तीनों आरोपी मूलरूप से उत्तर प्रदेश जिला बरेली भोजीपुरा के रहने वाले हैं.
2013 का है मामला: शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि मामला 19 सितंबर 2013 का है. लालकुआं कोतवाली क्षेत्र के जयपुबीसा में 8 साल के एक बच्चे का धड़ मिला था. पूरे मामले में पुलिस जांच पड़ताल कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. बच्चे के कपड़े शिनाख्त के लिए पुलिस ने अपने पास रखे थे. पुलिस ने बच्चे के शव की शिनाख्त करने की कोशिश की, लेकिन उस समय शव की शिनाख्त नहीं हो पाई.
लालता प्रसाद ने की थी दूसरी शादी: शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि पुलिस की जांच पड़ताल में पता चला कि मूलरूप से उत्तर प्रदेश ग्राम मझोला गंगापुर थाना भोजीपुरा जिला बरेली का रहने वाला लालता प्रसाद उर्फ ललित गंगवार हल्द्वानी में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता था. यहां पर अपनी पत्नी सोमवती के साथ नवाबी रोड में किराए पर रहता था. इस दौरान लालता प्रसाद ने भोजीपुरा की रहने वाली एक महिला अनारो देवी से गुपचुप तरीके से शादी कर ली और हल्द्वानी ले आया.
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बहाने से दूसरी पत्नी को ले गया था बरेली: अनारो देवी को उसने गांधीनगर में किराए के घर में रखा था. इस दौरान लालता प्रसाद और अनारो देवी का उससे एक 8 साल का बच्चा भी हो गया. लेकिन पहली पत्नी सोमवती, अनारो देवी से लालता प्रसाद का पीछा छुड़वाना चाह रही थी. इसके लिए उसने पति लालता प्रसाद को तैयार कर लिया. एक दिन लालता प्रसाद अपनी दूसरी पत्नी अनारो देवी उर्फ दीपा और 8 साल के बच्चे को लेकर बरेली घूमने का बहाना बनाकर कार में बिठाकर ले गया.
बहेड़ी में की थी दूसरी पत्नी अनारो देवी की हत्या: जिसके बाद दूसरी पत्नी अनारो देवी उर्फ दीपा की हत्या बहेड़ी में कर शव खेत में फेंक दिया. 8 साल के बेटे सनी उर्फ पुष्कर को उसी दिन 19 सितंबर 2013 को गला रेत कर हत्या कर सिर को नहर में फेंक दिया. जबकि धड़ को दूसरे नहर में फेंक दिया था. पुलिस के अनुसार उस समय बच्चे की शव की शिनाख्त नहीं हुई, लेकिन कुछ दिन बाद दीपा उर्फ काजल नाम की एक महिला अनारो देवी को अपनी मां बताते हुए हल्द्वानी ढूंढने आई. अनारो देवी नहीं मिली तो सौतेले पिता पर शक हुआ, जिसके बाद दीपा उर्फ काजल ने पुलिस को अपनी मां और भाई के बारे में जानकारी दी.
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8 साल के बेटे को भी मार डाला था: पुलिस की पूछताछ में लालता प्रसाद उर्फ ललित गंगवार ने बताया कि पत्नी की हत्या कर बहेड़ी (उत्तर प्रदेश) में फेंक दिया था. बच्चे की हत्या कर लालकुआं कोतवाली क्षेत्र में फेंक दिया था. शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि पूरे मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट और 18 गवाहों के बयान के आधार पर लालता प्रसाद उर्फ ललित गंगवार, उसकी पहली पत्नी सोमवती और साली को पूरे हत्याकांड में दोषी पाया गया है. पूरे मामले में द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हल्द्वानी नीलम पात्रा की कोर्ट ने तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.