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Ramnagar: WWF टीम के साथ मलेशियन डेलीगेट्स रामनगर पहुंचा, टाइगर कंजर्वेशन की जानेंगे बारीकियां - बाघों के संरक्षण

वर्ल्ड वाइड लाइफ फंड की टीम के साथ मलेशियन डेलीगेट्स रामनगर पहुंचा. जो टाइगर कंजर्वेशन की बारिकियां जानेंगे. साथ ही अपने देश को कैट्स (Conservation Assured Tiger Standards) का दर्जा दिलाने के रामनगर वन प्रभाग के प्रयासों को जानेंगे. बता दें कि रामनगर वन प्रभाग कैट्स में अव्वल है. यही वजह है कि मलेशिया का डेलीगेट्स रामनगर पहुंचा है.

Delegation of Malaysia Reached Ramnagar
मलेशियन डेलीगेट्स रामनगर पहुंचा
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Published : Mar 9, 2023, 10:52 PM IST

Updated : Mar 9, 2023, 11:00 PM IST

WWF टीम के साथ मलेशियन डेलीगेट्स रामनगर पहुंचा

रामनगरः मलेशिया की 16 लोगों की टीम डब्लूडब्लूएफ यानी वर्ल्ड वाइड लाइफ फंड के सदस्यों के साथ रामनगर वन प्रभाग पहुंची. रामनगर वन प्रभाग बीते कई सालों से कैट्स यानी कंजर्वेशन एश्योर्ड टाइगर स्टैंडर्ड (CATS) अव्वल रहा है. लिहाजा, मलेशियन डेलिगेट्स यह देखने आया है कि किस तरह से यहां टाइगर कंजर्वेशन के लिए कार्य किया जाता है? किस तरह यहां का वास स्थल है और किस तरह का रामनगर वन प्रभाग बाघों के संरक्षण के लिए काम कर रहा है? जिससे वो कैट्स में अव्वल स्थान प्राप्त कर रहा है.

दरअसल, मलेशियन डेलिगेट्स का मकसद है कि इन सब चीजों को जानना है. जिसे वो अपने देश में इंप्लीमेंट कर सकें. ताकि वो अपने देश में जाकर यह मानक अपनाएं और अपने यहां के फॉरेस्ट डिवीजन को कैट्स में स्थान दिला सके. मलेशिया के फॉरेस्ट अधिकारी और प्रोफेसरों का डेलिगेट्स वर्ल्ड वाइड लाइफ फंड (WWF) की टीम के साथ यहां पहुंचा है. बता दें कि टाइगर जंगल का ऐसा प्राणी है. जिसकी अपनी टेरिटरी है. जिसको सरवाइव करने के लिए काफी ज्यादा जगह चाहिए होती है. लिहाजा, यह डेलीगेट्स फॉरेस्ट में टाइगर की फूड चेन, उसके वास स्थल, वाटर होल्स और ग्रासलैंड आदि का भ्रमण करेगा.
ये भी पढ़ेंः पिछले 5 सालों में कॉर्बेट पार्क में 15 बाघों की हुई मौत, जानिए कारण

बता दें कि पूरी दुनिया में यह सुनिश्चित करती है कि टाइगर की जंगल में उसकी फूड चैन पूरी है या नहीं. टाइगर एक ऐसा जानवर है. जिसको अपनी टेरिटरी के लिए काफी जगह की जरूरत होती है. उस जंगल में वो मानक पूरे हो रहे हैं या नहीं, टाइगर के अनुरूप वास स्थल है या नहीं, इन सभी मानकों पर खरा उतरने वाले वन विभाग को कैट्स का दर्जा मिलता है. जिसमें कैट्स इन वन विभाग के रेंजों को बाघों के संरक्षण के लिए पैसा भी डोनेट करता है. जिससे बाघों के साथ उनके संरक्षण पर भी कार्य किया जा सके.

गौर हो कि रामनगर वन प्रभाग को 2018 से 2022 तक कैट्स का दर्जा प्राप्त था. वहीं, इस बार भी रिन्यूअल के बाद फिर कुछ सालों तक रामनगर वन प्रभाग इस श्रेणी में बरकरार रहेगा. वहीं, डेलीगेट्स में मलेशिया स्टेट लेजिस्लेटिव काउंसिल के मेंबर चौंन वेन, आर्थिक विकास योजना इकाई सुरेंद्रन, डायरेक्टर जनरल फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से दत्तो हज जहारी बिन इब्राहिम, मलेशिया के DWNP डिपार्टमेंट के दत्तो फकरूल हट्टा, स्टेट फॉरेस्ट्री डिपार्टमेंट के अजनी रहमान बिन ऐ वाहीद, एन अजहर बिन अनर, नौरजाहलयटा घाजली, अजरुल एकहौंन, अगकिल्लाह मनींयम, मोहम्मद इडिनूर, समसुद्दीन साथ ही मलेशिया डब्ल्यूडब्ल्यूएफ टीम के थिअग थिंगा नदेसन, रॉ हाजिर, आमिर, लियॉन बिनती, जर्रीस केम, डॉ सिवांनंथंम समेत 16 लोग शामिल हैं.

WWF टीम के साथ मलेशियन डेलीगेट्स रामनगर पहुंचा

रामनगरः मलेशिया की 16 लोगों की टीम डब्लूडब्लूएफ यानी वर्ल्ड वाइड लाइफ फंड के सदस्यों के साथ रामनगर वन प्रभाग पहुंची. रामनगर वन प्रभाग बीते कई सालों से कैट्स यानी कंजर्वेशन एश्योर्ड टाइगर स्टैंडर्ड (CATS) अव्वल रहा है. लिहाजा, मलेशियन डेलिगेट्स यह देखने आया है कि किस तरह से यहां टाइगर कंजर्वेशन के लिए कार्य किया जाता है? किस तरह यहां का वास स्थल है और किस तरह का रामनगर वन प्रभाग बाघों के संरक्षण के लिए काम कर रहा है? जिससे वो कैट्स में अव्वल स्थान प्राप्त कर रहा है.

दरअसल, मलेशियन डेलिगेट्स का मकसद है कि इन सब चीजों को जानना है. जिसे वो अपने देश में इंप्लीमेंट कर सकें. ताकि वो अपने देश में जाकर यह मानक अपनाएं और अपने यहां के फॉरेस्ट डिवीजन को कैट्स में स्थान दिला सके. मलेशिया के फॉरेस्ट अधिकारी और प्रोफेसरों का डेलिगेट्स वर्ल्ड वाइड लाइफ फंड (WWF) की टीम के साथ यहां पहुंचा है. बता दें कि टाइगर जंगल का ऐसा प्राणी है. जिसकी अपनी टेरिटरी है. जिसको सरवाइव करने के लिए काफी ज्यादा जगह चाहिए होती है. लिहाजा, यह डेलीगेट्स फॉरेस्ट में टाइगर की फूड चेन, उसके वास स्थल, वाटर होल्स और ग्रासलैंड आदि का भ्रमण करेगा.
ये भी पढ़ेंः पिछले 5 सालों में कॉर्बेट पार्क में 15 बाघों की हुई मौत, जानिए कारण

बता दें कि पूरी दुनिया में यह सुनिश्चित करती है कि टाइगर की जंगल में उसकी फूड चैन पूरी है या नहीं. टाइगर एक ऐसा जानवर है. जिसको अपनी टेरिटरी के लिए काफी जगह की जरूरत होती है. उस जंगल में वो मानक पूरे हो रहे हैं या नहीं, टाइगर के अनुरूप वास स्थल है या नहीं, इन सभी मानकों पर खरा उतरने वाले वन विभाग को कैट्स का दर्जा मिलता है. जिसमें कैट्स इन वन विभाग के रेंजों को बाघों के संरक्षण के लिए पैसा भी डोनेट करता है. जिससे बाघों के साथ उनके संरक्षण पर भी कार्य किया जा सके.

गौर हो कि रामनगर वन प्रभाग को 2018 से 2022 तक कैट्स का दर्जा प्राप्त था. वहीं, इस बार भी रिन्यूअल के बाद फिर कुछ सालों तक रामनगर वन प्रभाग इस श्रेणी में बरकरार रहेगा. वहीं, डेलीगेट्स में मलेशिया स्टेट लेजिस्लेटिव काउंसिल के मेंबर चौंन वेन, आर्थिक विकास योजना इकाई सुरेंद्रन, डायरेक्टर जनरल फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से दत्तो हज जहारी बिन इब्राहिम, मलेशिया के DWNP डिपार्टमेंट के दत्तो फकरूल हट्टा, स्टेट फॉरेस्ट्री डिपार्टमेंट के अजनी रहमान बिन ऐ वाहीद, एन अजहर बिन अनर, नौरजाहलयटा घाजली, अजरुल एकहौंन, अगकिल्लाह मनींयम, मोहम्मद इडिनूर, समसुद्दीन साथ ही मलेशिया डब्ल्यूडब्ल्यूएफ टीम के थिअग थिंगा नदेसन, रॉ हाजिर, आमिर, लियॉन बिनती, जर्रीस केम, डॉ सिवांनंथंम समेत 16 लोग शामिल हैं.

Last Updated : Mar 9, 2023, 11:00 PM IST
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