नैनीताल: प्रदेश के सीटेट अभ्यर्थियों को एलटी परीक्षा में शामिल न करने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को 31 मार्च तक अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि देहरादून निवासी याचिकाकर्ता अनु पंत ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार के द्वारा प्रदेश में करीब 1400 शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की, लेकिन इस भर्ती प्रक्रिया में शैक्षणिक सत्र 2020 में सीटेट की परीक्षा दे चुके अभ्यर्थियों को इससे वंचित रखा गया.
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अनु पंत ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी. हाईकोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता का कहना है कि जिस परीक्षा को जुलाई 2020 में हो जाना चाहिए था. उस परीक्षा को सरकार के द्वारा दिसंबर 2020 में संपन्न कराया गया. जिस वजह से इस परीक्षा का परिणाम जनवरी 2021 में आया. सैकड़ों अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो रहे हैं, लिहाजा योग्य अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल कराया जाए. आवेदन व फीस भरने की तिथि को भी आगे बढ़ाया जाए.
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आज मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने छात्र हितों को देखते हुए राज्य सरकार को 31 मार्च तक अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.