हल्द्वानी: कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए लगाए गए लॉकडाउन का असर इंसानों के साथ-साथ बेजुबान जानवरों पर भी पड़ रहा है. वहीं, लॉकडाउन के कारण देश में परिवहन व्यवस्था ठप है. ऐसे में राशन से लेकर अन्य सामाग्री दूसरे प्रदेशों से आ ही नहीं रही है. जिसका असर कुमाऊं के सबसे बड़े गौसेवा आश्रम हरे रामा हरे कृष्णा आश्रम हल्दुचौड़ में पल रही हजारों गायों पर भी देखा जा सकता है. जो लॉकडाउन के चलते चारा और भूसा गौ सेवा आश्रम तक न पहुंचने से संकट खड़ा हो गया है.
बता दें कि गौ सेवा आश्रम संचालक रामेश्वर दास का कहना है कि आश्रम में 1000 गायें हैं. जो पिछले कई सालों से उनकी सेवा कर रहे हैं. गायों के संरक्षण पर रोजाना एक लाख रूपए का खर्च आता है. लेकिन, लॉकडाउन के कारण आश्रम में सेवा करने वाले भक्त और दानदाता भी नहीं आ रहे हैं. ऐसे में इन गायों के लिए मिलने वाला चारा और भूसा भी नहीं उपलब्ध हो पा रहा है.
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आश्रम संचालक ने बताया कि इन पशुओं के लिए भूसा और हरा चारा उत्तर प्रदेश से आता है. लेकिन, लॉगडाउन के चलते वहां से चारा नहीं आ पा रहा है. ऐसे में अगर हालात ऐसी बनी रही तो इन गायों की भूख से मौत भी हो सकती है.
वहीं, आश्रम के प्रबंधक रामेश्वर दास ने प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पशुपालन मंत्री रेखा आर्या, नैनीताल सांसद अजय भट्ट को पत्र भेजकर गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि आश्रम में गायों के लिए चारे,भूसे के लिए आर्थिक मदद नहीं की गई, तो उनकी मृत्यु के दौरान हम सब भी पाप के भागी बनेंगे.