हल्द्वानी: उत्तराखंड को दुग्ध क्रांति के क्षेत्र में सरकार द्वारा बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं, जिसका नतीजा है कि उत्तराखंड में पिछले सात सालों में गाय के दूध के उत्पादन में वृद्धि हुई है. लेकिन भैंस के दूध उत्पादन में गिरावट देखी जा रही है. पिछले चार सालों की बात करें तो उत्तराखंड में लगातार दुग्ध के उत्पादन में वृद्धि हुई है. लेकिन वित्तीय वर्ष 2020-21 में दूध उत्पादन में गिरावट है. जिसकी मुख्य वजह उत्तराखंड में भैंसों की कमी होना बताया जा रहा है.
अपर निदेशक पशुपालन विभाग कुमाऊं मंडल बीसी कर्नाटक ने बताया कि उत्तराखंड में स्वदेशी और क्रॉस ब्रीड प्रजाति की गाय हैं, जिसमें विदेशी गाय के साथ-साथ क्रॉस ब्रीड गाय के दूध के उत्पादन में वृद्धि हुई है, जबकि भैंसों के दूध उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है, जिसका मुख्य कारण मैदानी क्षेत्रों में भैंस की संख्या में लगातार कमी हो रही है, जिसका नतीजा है कि भैंस के दूध उत्पादन में गिरावट हुई है.
वित्तीय वर्ष 2020-21में करीब 47 मीट्रिक टन दूध के गिरावट हुई है, जिसका मुख्य कारण भैंसों की संख्या में कमी होना है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में दूध उत्पादन के लिए विभाग द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसका किसान लाभ ले रहे हैं. पर्वतीय क्षेत्रों में गाय के दूध के उत्पादन में वृद्धि हुई है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में भैंस के दूध के उत्पादन में कमी आ रही है.