नैनीताल: इन दिनों पूरी दुनियां कोरोना वायरस जैसी प्राण घातक बीमारी से जूझ रही है. भारत के कई राज्य वर्तमान में इस घातक बीमारी की चपेट में हैं. बात करें अगर सरोवर नगरी नैनीताल की, तो इस शहर को इसकी शांत वादियों, हरेभरे वातावारण और खूबसूरती के लिए जाना जाता है, जहां देश ही नहीं विदेशों के भी लोग इसकी खूबसूरती का दिदार करने भारी संख्या में पहुंचते हैं. लेकिन इस समय कोरोना वायरस की वजह से यहां पर विदेशियों के लिए रोक लगा दी गई है. तो वहीं, देश के अन्य प्रदेशों के लोग नहीं दिखाई दे रहे हैं.
सरोवर नगरी नैनीताल में इन दिनों कोरोना का कहर साफ देखा जा सकता है, जिसकी वजह से यहां पर दूर-दूर तक सन्नाटा पसरा हुआ है. शहर के लोग ही नहीं भारत के सभी राज्यों के लोग इस महामारी के डर से घरों में कैद होने को मजबूर हैं. क्योंकि, एक जरा सी लापरवाही से लोगों की जान पर बन सकती है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च यानी की आज कोरोना वायरस को लेकर 'जनता कर्फ्यू' नाम की मुहिम छेड़ी है और हिंदुस्तान की आवाम से आह्वान किया है कि सभी देशवासी दिनांक 22 मार्च दिन रविवार को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक घरों से बाहर न निकलें. साथ ही इस मुहिम से जुड़ने के लिए अपने संबंधियों को भी प्रोत्साहित करें.
ये भी पढ़ें: कोरोना अलर्ट: रेलवे ने बदले टिकट रिफंड के नियम, 15 अप्रैल तक कई ट्रेनों के संचालन पर रोक
उधर, देशभर सहित नैनीताल के सभी पर्यटक स्थलों पर पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस की वजह से सन्नाटा पसरा हुआ है. हालांकि, नैनीताल के लोग आज पीएम मोदी की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए "जनता कर्फ्यू" में सहभाग कर रहे हैं. ऐसे में यहां के सभी बाजार, मंदिर दुकानें और सभी पर्यटन स्थल खास तौर पर बंद कर दिए गए हैं. वहीं, नैनीताल आने वाले पर्यटकों के लिए होटल कारोबारियों समेत रेस्टोरेंट मालिकों ने आदेश जारी किए हैं, कि वह 31 मार्च तक नैनीताल ना आएं, अन्यथा उनको यहां पर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से सभी होटल और रेस्टोरेंट पर तालाबंदी की गई है.
ये भी पढ़ें: कोरोना: डीएम ने की कुमाऊंनी भाषा में अपील, कहा- सबनक सहयोगल कोरोना वायरस बटी छुटकारा मिलौल
वहीं, अगर देखा जाए तो नैनीताल नगरी मार्च के बाद पर्यटकों से गुलजार होने लगती थी. लेकिन कोरोना वायरस के कारण इन दिनों यहां पर वीरानी साफ देखी जा सकती है. यहां के पर्यटन कारोबार पर इस महामारी का असर निश्चित तौर पर पड़ा है. वहीं, नैनी झील में नाव चलाने वाले, टैक्सी चालक, घोड़ा कारोबारी और होटल कारोबारी सहित पर्यटन के हर एक कारोबारियों के चेहरे उतरे हुए है साथ ही उनमें कोरोना का खौफ साफ देखा जा सकता है.