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बकरीद पर कोरोना का साया, बिक्री नहीं होने से बकरा कारोबारियों में मायूसी

बकरीद को देखते हुए हल्द्वानी की बकरा मंडी सज चुकी है. यहां बकरा कारोबारी विभिन्न नस्लों के बकरों को लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन कोरोना महामारी के कारण बकरों की बिक्री नहीं हो पा रही है, जिससे कारोबारी मायूस हैं.

Haldwani Bakrid 2020
हल्द्वानी बकरा मंडी
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Published : Jul 28, 2020, 11:16 AM IST

हल्द्वानी: इस साल बकरीद पर कोरोना महामारी का साया है. बकरीद के कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में हल्द्वानी के बाजार में बकरों की मंडी सज चुकी है, लेकिन बाजारों में बकरों के खरीदार नहीं मिलने के चलते बकरा कारोबारी मायूस हैं. अन्य प्रदेशों से आने वाले बकरा कारोबारी कोरोना के चलते इस बार यहां नहीं पहुंच पाए हैं.

बकरीद पर कोरोना का साया.

लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के भय से बाजारों में सन्नाटा पसरा है. बकरों की बिक्री नहीं होने के कारण बकरा मालिक परेशान हैं. बकरा कारोबारियों का कहना है कि अगर बिक्री नहीं हुई तो सालभर बकरों का चारा खिलाने का खर्चा भी नहीं निकल पाएगा.

हल्द्वानी में हर साल करोड़ों का बकरों का व्यापार होता है लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते कई प्रदेशों के बकरा कारोबारी भी यहां नहीं पहुंच पा रहे हैं. बकरा कारोबारियों की मानें तो पिछले साल अच्छे नस्ल के ₹30-₹40 हजार में बिकने वाले बकरे इस साल ₹25 से ₹30 हजार में उपलब्ध हैं.

बकरा कारोबारियों का कहना है कि इस साल उनको काफी घाटा उठाना पड़ सकता है. अगर इस साल बकरे नहीं बिके तो पूरे साल बकरे को चारा खिलाने के लाले पड़ जाएंगे.

पढ़ें- पिथौरागढ़ में जल प्रलय, बारिश में बह गए पुल, धंस गईं सड़कें, 100 गांवों का संपर्क टूटा

हल्द्वानी बकरा बाजार में कई नस्ल और कई राज्यों के बकरे भी उपलब्ध हैं. लोग बकरों को देखकर उत्साहित तो हो रहे हैं, लेकिन रेट पूछने के बाद खरीदने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं.

हल्द्वानी: इस साल बकरीद पर कोरोना महामारी का साया है. बकरीद के कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में हल्द्वानी के बाजार में बकरों की मंडी सज चुकी है, लेकिन बाजारों में बकरों के खरीदार नहीं मिलने के चलते बकरा कारोबारी मायूस हैं. अन्य प्रदेशों से आने वाले बकरा कारोबारी कोरोना के चलते इस बार यहां नहीं पहुंच पाए हैं.

बकरीद पर कोरोना का साया.

लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के भय से बाजारों में सन्नाटा पसरा है. बकरों की बिक्री नहीं होने के कारण बकरा मालिक परेशान हैं. बकरा कारोबारियों का कहना है कि अगर बिक्री नहीं हुई तो सालभर बकरों का चारा खिलाने का खर्चा भी नहीं निकल पाएगा.

हल्द्वानी में हर साल करोड़ों का बकरों का व्यापार होता है लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते कई प्रदेशों के बकरा कारोबारी भी यहां नहीं पहुंच पा रहे हैं. बकरा कारोबारियों की मानें तो पिछले साल अच्छे नस्ल के ₹30-₹40 हजार में बिकने वाले बकरे इस साल ₹25 से ₹30 हजार में उपलब्ध हैं.

बकरा कारोबारियों का कहना है कि इस साल उनको काफी घाटा उठाना पड़ सकता है. अगर इस साल बकरे नहीं बिके तो पूरे साल बकरे को चारा खिलाने के लाले पड़ जाएंगे.

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हल्द्वानी बकरा बाजार में कई नस्ल और कई राज्यों के बकरे भी उपलब्ध हैं. लोग बकरों को देखकर उत्साहित तो हो रहे हैं, लेकिन रेट पूछने के बाद खरीदने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं.

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