रामनगर: विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में कोरोना संक्रमण को देखते हुए हाथी महावतों एवं स्क्वायड डॉग सुरक्षा में लगे कर्मचारियों की छुट्टी पर पाबंदी लगा दी है. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के दिशा निर्देशों के बाद कॉर्बेट प्रशासन ने यह निर्णय लिया है. वर्तमान में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 16 पालतू हाथी हैं, जिसका कॉर्बेट में गश्त के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. कॉर्बेट में चार डॉग स्क्वायड भी हैं, जो लगातार बॉर्डर पर निगरानी करते हैं.
कोरोना संक्रमण को देखते हुए लिया गया निर्णय
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के जो पालतू जानवर हैं, उनका मानव के साथ ज्यादा दखल ना हो इसलिए यह निर्णय लिया गया है. मानव से जानवरों में कोरोना संक्रमित होने के खतरे को देखते हुए यह कदम उठाए गए हैं.
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हाथी के साथ रहने वाले महावतों को पूरी तरीके से सैनिटाइज वातावरण में रहने के लिए निर्देशित किया गया है. साथ ही उनको अनावश्यक रूप से भीड़भाड़ वाले इलाके में ना जाने के भी निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा जो कॉर्बेट के पालतू स्क्वायड डॉग की देखरेख करते हैं, उनको भी एहतियात बरतने को कहा गया है.
वनकर्मियों के संक्रमित होने रेस्ट हाउस में होगा उपचार
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में तैनात कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने पर उनका इलाज गर्जिया में बने गेस्ट हाउस में डॉक्टरों के माध्यम से किया जाएगा. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की उपनिदेशक कल्याणी ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व विभिन्न चौकियों में वनकर्मी एक ही कमरे में कमरा शेयर करके रहते हैं. अगर वे लोग संक्रमित पाए जाते हैं तो उनके लिए गर्जिया में रेस्ट हाउस बनाया गया है. जहां 6 बेड मरीजों के लिए लगाए गए हैं. साथ ही कॉर्बेट प्रशासन की तरफ से उन्हें दवाइयां भी उपलब्ध कराई जाएगी.