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कॉर्बेट प्रशासन कर रहा सागौन और यूकेलिप्टस के उन्मूलन की कार्रवाई, ग्रास लैंड होगा विकसित

कॉर्बेट प्रशासन सागौन और यूकेलिप्टस के पेड़ों का उन्मूलन करने पर जोर दे रहा है. इसके लिए कॉर्बेट प्रशासन ने एक प्रस्ताव बनाया है.

ramnagar Corbett administration
रामनगर कॉर्बेट प्रशासन
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Published : Sep 29, 2020, 5:39 PM IST

रामनगर: कॉर्बेट प्रशासन इन दिनों कॉर्बेट में बढ़ते सागौन और यूकेलिप्टस के पेड़ों के उन्मूलन की कार्रवाई में लगा हुआ है. कॉर्बेट प्रशासन की मानें तो अनुमति मिलने के बाद सागौन और यूकेलिप्टस के पेड़ों का क्षेत्र से उन्मूलन कर इन क्षेत्रों में ग्रास लैंड विकसित किए जायेंगे. जल्द ही इनका आंकड़ा एनटीसीए और भारत सरकार के पास उन्मूलन के लिए भेजा जाएगा.

बता दें कि अब कॉर्बेट प्रशासन सागौन और यूकेलिप्टस के पेड़ों का उन्मूलन करने पर जोर दे रहा है. इसके लिए कॉर्बेट प्रशासन ने एक प्रस्ताव बना दिया है. जिसकी अनुमति मिलने के बाद कॉर्बेट के जंगलों से सागौन और यूकेलिप्टस के पेड़ों का उन्मूलन कर इन क्षेत्रों में ग्रास लैंड विकसित करने की कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें: बड़ी सौगात: 8 STP परियोजनाओं का पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अलग-अलग समय पर अलग-अलग क्षेत्रों से वन क्षेत्र सम्मिलित किए गए हैं. इसमें कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर सागौन और यूकेलिप्टस के पेड़ उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि ये पेड़ बाघों के हैबिटेट या वास्थल के लिए लाभदायक नहीं हैं. ऐसे में इन पेड़ों की गणना कर इनका आंकड़ा एनटीसीए और भारत सरकार के पास उन्मूलन के लिए भेजा जाएगा. सरकार से अनुमित मिलने के बाद इन पेड़ों को हटाकर यहां पर अच्छे वास्थल के ग्रास लैंड विकसित किया जाएगा.

रामनगर: कॉर्बेट प्रशासन इन दिनों कॉर्बेट में बढ़ते सागौन और यूकेलिप्टस के पेड़ों के उन्मूलन की कार्रवाई में लगा हुआ है. कॉर्बेट प्रशासन की मानें तो अनुमति मिलने के बाद सागौन और यूकेलिप्टस के पेड़ों का क्षेत्र से उन्मूलन कर इन क्षेत्रों में ग्रास लैंड विकसित किए जायेंगे. जल्द ही इनका आंकड़ा एनटीसीए और भारत सरकार के पास उन्मूलन के लिए भेजा जाएगा.

बता दें कि अब कॉर्बेट प्रशासन सागौन और यूकेलिप्टस के पेड़ों का उन्मूलन करने पर जोर दे रहा है. इसके लिए कॉर्बेट प्रशासन ने एक प्रस्ताव बना दिया है. जिसकी अनुमति मिलने के बाद कॉर्बेट के जंगलों से सागौन और यूकेलिप्टस के पेड़ों का उन्मूलन कर इन क्षेत्रों में ग्रास लैंड विकसित करने की कार्रवाई की जाएगी.

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कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अलग-अलग समय पर अलग-अलग क्षेत्रों से वन क्षेत्र सम्मिलित किए गए हैं. इसमें कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर सागौन और यूकेलिप्टस के पेड़ उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि ये पेड़ बाघों के हैबिटेट या वास्थल के लिए लाभदायक नहीं हैं. ऐसे में इन पेड़ों की गणना कर इनका आंकड़ा एनटीसीए और भारत सरकार के पास उन्मूलन के लिए भेजा जाएगा. सरकार से अनुमित मिलने के बाद इन पेड़ों को हटाकर यहां पर अच्छे वास्थल के ग्रास लैंड विकसित किया जाएगा.

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