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अधर में जमरानी बांध परियोजना, कांग्रेस ने टेंडर प्रक्रिया पर उठाये सवाल - 480 crore drinking water scheme under Jamrani Dam

जमरानी बांध परियोजना को अभी भी स्वीकृति बाकी है, लेकिन टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जिसको लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने कहना है कि जिस परियोजना को स्वीकृति नहीं मिला है, उसका टेंडर निकालने से क्या फायदा होगा.

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अधर में जमरानी बांध परियोजना
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Published : Oct 6, 2022, 5:57 PM IST

हल्द्वानी: जमरानी बांध का निर्माण (construction of jamrani dam) कब शुरू होगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. बता दें कि जमरानी बांध निर्माण के लिए अभी स्वीकृति बाकी है, लेकिन टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. वहीं, इसको लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर (Congress attack on Dhami government) है.

कांग्रेस प्रवक्ता दीपक बलुटिया ने कहा पहले किसी भी परियोजना की स्वीकृति हो जानी चाहिए. उसके बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए. क्योंकि अभी जिस परियोजना की स्वीकृति ही नहीं हुई है, उसमें टेंडर प्रक्रिया शुरू करने का क्या फायदा, यह बात समझ से परे है.

राज्य की सबसे बड़ी योजना जमरानी बांध 2584 करोड़ की लागत से बननी है. जमरानी बांध के तहत 480 करोड़ की पेयजल योजना (480 crore drinking water scheme under Jamrani Dam) भी है, जिसका उद्देश्य हल्द्वानी सहित आसपास के इलाकों में पेयजल संकट से निजात दिलाना है, लेकिन अभी यह योजना खुद ही संकट में नजर आ रही है.

अधर में जमरानी बांध परियोजना.
ये भी पढ़ें: Uttarkashi Avalanche: खराब मौसम रेस्क्यू में बन रहा बाधा, चॉपर से शवों को लाने की तैयारी

बता दें कि जमरानी से 16 किलोमीटर की पेयजल लाइन दमुआढूंगा प्लांट तक ले जाना है. ताकि जनता को पीने का पानी सुचारू रूप से मुहैया कराया जा सके. पूर्व में इस योजना को एडीबी से वित्तीय सहमति मिली थी, लेकिन अब विभाग ने अज्ञात कारणों के चलते वित्तीय संस्था को इस कार्य योजना से बाहर कर दिया है. यानी एडीबी अब इस योजना को फंड मुहैया नहीं कराएगी.

इसके चलते अब ये योजना अधर में लटकती नजर आ रही है. क्योंकि राज्य सरकार के पास इस योजना को फंड मुहया करने के लिए अब कोई विकल्प नहीं है. अब सवाल ये उठता है कि इतने बड़े बजट के कार्य के लिए सरकार के पास कौन सा नया प्लान है?

हल्द्वानी: जमरानी बांध का निर्माण (construction of jamrani dam) कब शुरू होगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. बता दें कि जमरानी बांध निर्माण के लिए अभी स्वीकृति बाकी है, लेकिन टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. वहीं, इसको लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर (Congress attack on Dhami government) है.

कांग्रेस प्रवक्ता दीपक बलुटिया ने कहा पहले किसी भी परियोजना की स्वीकृति हो जानी चाहिए. उसके बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए. क्योंकि अभी जिस परियोजना की स्वीकृति ही नहीं हुई है, उसमें टेंडर प्रक्रिया शुरू करने का क्या फायदा, यह बात समझ से परे है.

राज्य की सबसे बड़ी योजना जमरानी बांध 2584 करोड़ की लागत से बननी है. जमरानी बांध के तहत 480 करोड़ की पेयजल योजना (480 crore drinking water scheme under Jamrani Dam) भी है, जिसका उद्देश्य हल्द्वानी सहित आसपास के इलाकों में पेयजल संकट से निजात दिलाना है, लेकिन अभी यह योजना खुद ही संकट में नजर आ रही है.

अधर में जमरानी बांध परियोजना.
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बता दें कि जमरानी से 16 किलोमीटर की पेयजल लाइन दमुआढूंगा प्लांट तक ले जाना है. ताकि जनता को पीने का पानी सुचारू रूप से मुहैया कराया जा सके. पूर्व में इस योजना को एडीबी से वित्तीय सहमति मिली थी, लेकिन अब विभाग ने अज्ञात कारणों के चलते वित्तीय संस्था को इस कार्य योजना से बाहर कर दिया है. यानी एडीबी अब इस योजना को फंड मुहैया नहीं कराएगी.

इसके चलते अब ये योजना अधर में लटकती नजर आ रही है. क्योंकि राज्य सरकार के पास इस योजना को फंड मुहया करने के लिए अब कोई विकल्प नहीं है. अब सवाल ये उठता है कि इतने बड़े बजट के कार्य के लिए सरकार के पास कौन सा नया प्लान है?

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