हल्द्वानी: सनातन धर्म में चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है. इस वर्ष का आखिरी ग्रहण शरद पूर्णिमा तिथि पर लगने वाला है. ज्योतिष के अनुसार पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर को प्रातः 4 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी और 29 अक्टूबर को देर रात 1 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगी.
28- 29 अक्टूबर की मध्य रात्रि शुरू होगा चंद्र ग्रहण: ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी की मानें तो चंद्र ग्रहण 28- 29 अक्टूबर की मध्य रात्रि यानी 29 अक्टूबर को 1 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगा और देर रात 2 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा. कुल मिलाकर 1 घंटे 16 मिनट का चंद्र ग्रहण लगेगा. उपछाया से पहला स्पर्श देर रात 11 बजकर 32 मिनट पर होगा. भारत समेत एशिया के कई अन्य देशों में चंद्र ग्रहण दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल 9 घंटे का होता है. अतः सूतक 28 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 6 मिनट से शुरू होगा.
चंद्र ग्रहण पर बन रहा महासंयोग: ज्योतिष के अनुसार शरद पूर्णिमा पर साल का आखिरी और दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. ग्रहण कई मायनों में बेहद खास है. यह चंद्र ग्रहण साल 2023 का एकमात्र ग्रहण है, जो भारत में नजर आएगा. अब तक लगे सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिए थे. दशकों बाद ऐसा योग बना है, जब शरद पूर्णिमा की रात को चंद्र ग्रहण लग रहा है. इस बार चंद्र ग्रहण पर एक साथ चंद्र ग्रहण, शरद पूर्णिमा और गजकेसरी योग का महासंयोग बन रहा है. मिथुन,सिंह,तुला,मकर और कुंभ राशि वालों के लिए चंद्र ग्रहण बेहद शुभ रहने वाला है, जबकि मेष ,वृष, कर्क,कन्या, वृश्चिक और मीन राशि वाले लोगों को कष्ट होगा.
ग्रहण के दौरान ये ना करें: ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है. ग्रहण के दौरान कोई शुभ कार्य या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. इस दौरान ना तो भोजन पकाना चाहिए और ना ही खाना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के दौरान सोने से भी मनाही है. साथ ही गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
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ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं का निकलना वर्जित: मान्यता है कि इससे गर्भ में पल रहे शिशु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इससे बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान लोहे का कोई नुकीला हथियार अपने पास रखना चाहिए. इसके अलावा ग्रहण के दौरान ना तो पूजा करनी चाहिए और ना ही मंदिर के पट खुले रखने चाहिए. गायत्री मंत्र या अपने इष्ट देव या ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. इससे बुरे प्रभावों का असर नहीं पड़ता है.
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