हल्द्वानी: लगभग 48 साल के बाद जमरानी बांध के निर्माण को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. ऐसे में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पर सिंचाई लाभ कार्यक्रम के तहत बनने वाले जमरानी बांध का निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है. इस बहुउद्देशीय परियोजना से उत्तर प्रदेश को 57,000 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई के साथ हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों को 42 मिलियन क्यूबिक लीटर पानी पीने को मिलेगा.
केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में उठाया था मुद्दा: केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने सांसद बनने के बाद ही इस परियोजना की ना सिर्फ सक्रिय रूप से पैरवी करना शुरू किया, बल्कि लोकसभा में भी जमरानी बांध के मुद्दे को उठाया था. केंद्रीय मंत्री बनने के बाद अजय भट्ट ने इसमें और तेजी दिखाई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई विभागों के मंत्रियों और सचिवों से मुलाकात की. जिसका परिणाम यह हुआ कि जमरानी बांध परियोजना को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है.
जमरानी बांध परियोजना पर एक नजर
1. 1975 में बांध निर्माण की स्वीकृति मिली थी.
2. करीब 9 किलोमीटर की लंबाई में 150 मीटर ऊंचा और 480 मीटर चौड़ा बांध बनना है.
3. 48 साल पहले बांध की लागत 61 करोड़ रुपये थी.
4. वर्तमान में बांध परियोजना की लागत 2,584 करोड़ के आसपास है.
5. यानी 48 सालों में परियोजना की लागत 39 गुना बढ़ गई है.
बांध बनने से 10 लाख से अधिक की आबादी को मिलेगा लाभ: जमरानी बांध के बनने से 10 लाख से अधिक की आबादी को लाभ होगा. मार्च 2028 तक पूरी होने वाली जमरानी बांध परियोजना को पूरा करने के लिए उत्तराखंड सरकार को 1,557 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता मिलेगी. परियोजना को स्वीकृत मिलते ही जमरानी बांध के लिए सालों से संघर्ष करते आ रहे लोगों में खासा उत्साह है.
बीजेपी नेताओं में खुशी की लहर: बीजेपी पदाधिकारियों का कहना है जमरानी बांध बनने से नैनीताल और उधमसिंह नगर के लोगों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा. खास तौर से हल्द्वानी में पेयजल और सिंचाई की समस्या दूर हो जाएगी. वहीं आसपास के क्षेत्र में पर्यटन को भी गति मिलेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि जमरानी बांध के लिए भगीरथ प्रयास आज सफल हुआ है.
टेंडर स्लॉट करने की प्रक्रिया होगी शुरू: जमरानी बांध परियोजना के महाप्रबंधक का कहना है कि अब टेंडर स्लॉट करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस प्रक्रिया में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा और कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर बांध के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया जाए.
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