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सुशीला तिवारी अस्पताल प्रशासन ने मानवता को किया शर्मसार, रुपये न देने पर शव को मोर्चरी में रखवाया

रुद्रपुर निवासी एक महिला का पति एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हो गया था. जिसके इलाज के लिए महिला के पति को सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां, उसकी मौत हो गई. इलाज के रुपये न देने पर शव देने से अस्पताल प्रशासन ने मना कर दिया.

सुशीला तिवारी अस्पताल के प्रशासन ने मानवता को किया शर्मसार.
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Published : Oct 17, 2019, 7:46 PM IST

हल्द्वानी: कुमाऊं के सबसे बड़े सुशीला तिवारी अस्पताल के प्रशासन की ऐसी निर्दयता सामने आई है जो किसी के भी दिल को पसीज के रख दे. एक गरीब महिला के पति की मौत हो जाने के बाद अस्पताल का बिल न चुका पाने पर प्रशासन ने उसके पति के शव को ले जाने से रोक दिया. महिला मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के पैर पकड़कर गिड़गिड़ाने लगी. वहीं, महिला की मजबूरी को देखकर स्थानीय लोगों ने दखल दिया, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने महिला को पति का शव को सौंपा.

सुशीला तिवारी अस्पताल के प्रशासन ने मानवता को किया शर्मसार.

जानकारी के अनुसार, रुद्रपुर निवासी मोनिका वर्मा के पति उमेश वर्मा एक एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसके बाद परिजन ने घायल को हल्द्वानी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. पैसा खत्म हो जाने के बाद परिजन घायल उमेश को इलाज के लिए हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल ले गए. जिसके बाद देर रात उमेश की मौत हो गई. उमेश के इलाज में अस्पताल का 22000 रुपये का खर्च आया, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने रुपयों को घटाकर 11000 रुपये कर दिया, लेकिन गरीब महिला मोनिका के पास देने के लिए कुछ भी नहीं था और पति की मौत से वह पूरी तरह से टूट गई थी. महिला ने अस्पताल प्रशासन से पति के शव के लेने के लिए बार-बार गुहार लगाई, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने एक भी नहीं सुनी और शव को मोर्चरी में रखवा दिया.

ये भी पढ़ें: अब नहीं दिखाई देते कुम्हार की चाक पर बने दीये, दम तोड़ रहा पारंपरिक रोजगार

इस दौरान महिला ने अपनी गुहार अस्पताल के प्रिंसिपल सीपी भैसोड़ा से लगाई, लेकिन उन्होंने भी एक न सुनी. महिला ने प्रिंसिपल के पैर पकड़ कर शव देने की गुहार लगाई. इस बीच कुछ लोग वहां इकट्ठा हो गए और महिला को पैसे से मदद करने लगे. इसके बाद प्रिंसिपल सीपी भैसोड़ा के निर्देश पर शव का पोस्टमार्टम किया गया और शव को एंबुलेंस से महिला के घर रुद्रपुर तक छोड़ा गया.

हल्द्वानी: कुमाऊं के सबसे बड़े सुशीला तिवारी अस्पताल के प्रशासन की ऐसी निर्दयता सामने आई है जो किसी के भी दिल को पसीज के रख दे. एक गरीब महिला के पति की मौत हो जाने के बाद अस्पताल का बिल न चुका पाने पर प्रशासन ने उसके पति के शव को ले जाने से रोक दिया. महिला मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के पैर पकड़कर गिड़गिड़ाने लगी. वहीं, महिला की मजबूरी को देखकर स्थानीय लोगों ने दखल दिया, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने महिला को पति का शव को सौंपा.

सुशीला तिवारी अस्पताल के प्रशासन ने मानवता को किया शर्मसार.

जानकारी के अनुसार, रुद्रपुर निवासी मोनिका वर्मा के पति उमेश वर्मा एक एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसके बाद परिजन ने घायल को हल्द्वानी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. पैसा खत्म हो जाने के बाद परिजन घायल उमेश को इलाज के लिए हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल ले गए. जिसके बाद देर रात उमेश की मौत हो गई. उमेश के इलाज में अस्पताल का 22000 रुपये का खर्च आया, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने रुपयों को घटाकर 11000 रुपये कर दिया, लेकिन गरीब महिला मोनिका के पास देने के लिए कुछ भी नहीं था और पति की मौत से वह पूरी तरह से टूट गई थी. महिला ने अस्पताल प्रशासन से पति के शव के लेने के लिए बार-बार गुहार लगाई, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने एक भी नहीं सुनी और शव को मोर्चरी में रखवा दिया.

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इस दौरान महिला ने अपनी गुहार अस्पताल के प्रिंसिपल सीपी भैसोड़ा से लगाई, लेकिन उन्होंने भी एक न सुनी. महिला ने प्रिंसिपल के पैर पकड़ कर शव देने की गुहार लगाई. इस बीच कुछ लोग वहां इकट्ठा हो गए और महिला को पैसे से मदद करने लगे. इसके बाद प्रिंसिपल सीपी भैसोड़ा के निर्देश पर शव का पोस्टमार्टम किया गया और शव को एंबुलेंस से महिला के घर रुद्रपुर तक छोड़ा गया.

Intro:sammry- सुशीला तिवारी अस्पताल में मानवता हुई शर्मसार अस्पताल प्रशासन को पैसे नहीं दिए जाने पर को शव को रोका गरीब महिला अस्पताल के प्रिंसिपल की पैर पकड़ कर गिड़गिड़ाती रही।( खबर को मेल से उठाएं )

एंकर- हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में अस्पताल प्रशासन द्वारामानवता शर्मसार करने का मामला सामने आया है। गरीब महिला द्वारा अस्पताल की बिल नहीं चुकाने पर महिला को अपने पति को शव लेने के लिए अस्पताल के प्रिंसिपल के पैर पकड़ने पड़े जिसके बाद स्थानीय लोगों के दखलंदाजी के बाद अस्पताल प्रशासन को मजबूरन महिला के पति को शव देना पड़ा।


Body:रुद्रपुर निवासी मोनिका वर्मा के पत्ती उमेश एक एक्सीडेंट का शिकार हो गए थे जिसके बाद परिवार वाले उनको हल्द्वानी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां पैसा खत्म हो जाने के बाद परिवार वाले उमेश को इलाज के लिए हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल ले आए जिसके बाद देर रात उमेश की मौत हो गई। उमेश के इलाज में अस्पताल का 22000 का खर्चा आया जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने घटाकर ₹11000 कर दिया लेकिन गरीब महिला मोनिका के पास देने के लिए कुछ भी नहीं बचा था और पति की मौत से वह पूरी तरह से टूट गई थी। महिला ने अस्पताल प्रशासन से पति के शव के लेने के लिए बार-बार गुहार लगाई लेकिन अस्पताल प्रशासन ने एक भी नहीं सुना और शव को मोर्चरी में रखवा दिया और बिल चुकता नहीं किए जाने और डेड बॉडी को देने से मना कर दिया। इस दौरान महिला ने अपनी गुहार अस्पताल के प्रिंसिपल सीपी भैसोड़ा से लगाए लेकिन उन्होंने भी एक भी नहीं सुनी जिसके बाद महिला ने प्रिंसिपल का पैर पकड़ लिया और लाश देने की गुहार लगाई। इस बीच कुछ लोग वहां इकट्ठा हो गए और महिला को पैसे से मदद करने लगे । इस बीच अस्पताल प्रशासन से इस रवैया से नाराज मामले में हस्तक्षेप किया जिसके बाद प्रिंसिपल सीपी भैसोड़ा के निर्देश पर पोस्टमार्टम किया गया और शव को एंबुलेंस से महिला के घर रुद्रपुर तक छोड़ा गया।


Conclusion:मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में घटी है जिसके बाद एक बार फिर से सुशीला तिवारी अस्पताल सुर्खियों में आ गया है गरीब मरीजों के साथ सुशीला तिवारी अस्पताल में किस तरह से व्यवहार किया जाता है

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