हल्द्वानी: बीते दिन लालकुआं से रामनगर जा रही ट्रेन की चपेट में आने से दो हाथियों की मौत हो गई थी. यह घटना तब हुई जब हाथियों का झुंड रेलवे ट्रैक पार कर रहा था. इस मामले में अब तराई केंद्रीय वन प्रभाग के पीपल पड़ाव रेंज में ट्रेन के लोको पायलट विजेय चंद्र के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है और जांच तराई केंद्रीय वन प्रभाग के उप प्रभागीय वन अधिकारी ध्रुव सिंह मर्तोलिया को सौंपी है.
प्रभागीय वन अधिकारी अभिलाषा सिंह ने रेलवे की लापरवाही मानते हुए लोको पायलट विजेय चंद्र के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इसके साथ ही भविष्य में इस प्रकार की घटना दोबारा न हो इसके लिए वन विभाग व रेलवे की संयुक्त टीम रेलवे ट्रैक पर रात में गश्त करेगी. वहीं वन विभाग ने पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल को पत्र लिखकर मामले से अवगत करा दिया है.
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कैसे हुई थी हाथियों की मौत: बुधवार (18 अगस्त) सुबह करीब 5.25 पर तराई केंद्रीय वन प्रभाग के पीपलपड़ाव रेंज स्थित भूरा खत्ता के पास रेलवे की पुलिया नम्बर 10 के पास ट्रेन से टकरा कर दो हाथियों की मौत हो गयी थी. आगरा फोर्ड एक्सप्रेस यात्रियों को लेकर काशीपुर जा रही थी, तभी भूरा खत्ता के पास ट्रैक पार कर रहे हाथियों के झुंड में 6 माह का हाथी का बच्चा और 30 साल की मादा हाथी ट्रेन की चपेट में आ गयी.
दरअसल, हथिनी ने ट्रेन से अपने 6 माह के बच्चे को बचाने का प्रयास किया लेकिन जब बच्चा ट्रेन की पटरी से नीचे नहीं उतर पाया तो सामने से आ रही ट्रेन के आगे अपने बच्चे को बचाने के लिए खड़ी हो गई. इस दौरान इंजन से धक्का लगने पर दोनों जख्मी हो गए. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बच्चे का शव करीब 10 मीटर और हथिनी का शव करीब 50 मीटर तक इंजन में फंसकर घसीटता रहा, जिसकी वजह से दोनों की मौत हो गई. टक्कर के बाद हथिनी और उसके बच्चे का शव काफी दूर तक घसीटता रहा, जिसकी वजह से ट्रेन का हौज पाइप टूटकर पटरियों पर गिर गया.
इस घटना के बाद हाथियों के झुंड का झुंड पटरी पर आ खड़ा हुआ, जिसके बाद ट्रेन को वापस लालकुआं भेजा गया. यही नहीं, काशीपुर से लालकुआं आने वाली काशीपुर पैसेंजर को भी रद्द करना पड़ा. वन विभाग ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम कर दफना दिया था.