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सहकारिता में बेहतर काम करने वाले किसान जाएंगे विदेश, सीखेंगे आधुनिक खेती के गुर - उत्तराखंड के किसान जाएंगे विदेश

नैनीताल में जिला सहकारी समिति का सहकारिता सम्मेलन का आयोजन हुआ. इसमें समिति सदस्यों और किसानों की समस्याएं सुझाव लिए जाने के साथ ही किसानों की बेहतरी के लिए विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई. समारोह में किसानों को आधुनिक कृषि सीखने के लिए विदेश भेजने की घोषणा की गई.

Cabinet Minister Dhan Singh Rawat
Cabinet Minister Dhan Singh Rawat
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Published : Aug 22, 2022, 10:11 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड के किसानों को भी विदेश में जाकर खेती की बेहतर तकनीक सीखने का मौका मिलेगा. सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत (Cabinet Minister Dhan Singh Rawat) ने इस की घोषणा की है. उन्होंने नैनीताल में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि बेहतर काम करने वाले किसानों को चयन कर विदेश भेजा जाएगा (announced in Nainital Co operative Conference). विदेश में वो खेती की बेहतर तकनीक सीखेंगे और फिर उसे अपने यहां इस्तेमाल करेगा, जिससे उनकी आय दोगुनी होगी.

नैनीताल में जिला सहकारी बैक के द्वारा शैले हॉल में सहकारिता सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें करीब 54 से अधिक समितियों के अध्यक्षों समेत उनके पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया. कार्यक्रम में प्रदेश के सहकारिता मंत्री डाक्टर धन सिह रावत बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे.

सहकारिता में बेहतर काम करने वाले किसान जाएंगे विदेश
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इस दौरान धन सिह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में बीजेपी सरकार के आने से पहले समितियां करीब 56 करोड़ रुपए घाटे में थी, लेकिन जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तब से सहकारिता को नई पहचान मिली है. इन समितियों के माध्य से आज प्रदेश में किसानों और महिलाओं की स्थिति सुधरी है. पिछले पांच सालों में सहकारिता विभाग को प्रदेश में करीब 150 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है.

इसके अलावा 6 लाख से ज्यादा किसानों और चार हजार समूहों को जीरो प्रतिशत के दर से ऋण दिया गया है. जिससे अब किसानों की आय दोगुनी हो रही है. इस दौरान धन सिह रावत ने सभी सहकारिता समिति संचालकों को निर्देश दिए है कि सभी लोग 15 सितंबर से पहले अपनी सोसाइटियों को पूर्ण रूप से कंप्यूटरीकृत कर लें, नहीं तो सहकारिता से जुड़ी समितियों को सरकार की योजनाओं को लाभ नहीं मिल सकेगा.
पढ़ें- अग्निवीर भर्ती परीक्षा में हो रही गड़बड़ियों का मंत्री सतपाल ने लिया संज्ञान, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री से की बात

सम्मेलन के दौरान धन सिंह रावत ने कहा कि अब प्रदेश के हर जिले से एक किसान का चयन किया जाएगा, जो विदेश में जाकर वहां की खेती के गुर सीखेगा और उसका प्रयोग यहां करेंगे. इसके अलावा 15 किसानों को हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश और सिक्किम समेत देश के अन्य पहाड़ी राज्यों में भेजा जाएगा.

सहकारीता मंत्री से की मांग: लोगों ने सहकरिता मंत्री धन सिह रावत से सभी समितियों में रिक्त पड़े पदों को भरने की मांग की है. इसके अलावा क्षतिग्रस्त हो चुके समीतियों के कार्यालयों की मरमम्त करने की मांग की है. इसके साथ ही पहाड़ों में बेची जा रही जमीनों को बिना सहकारी समितियों की सहमति पर बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गई.

गैरसैंण में होगा चिंतन शिविर: धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश सहकारिता को और मजबूत करने के लिए 15 और 16 सितंबर को गैरसैंण में सहकारिता समितियों का दो दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश भर से करीब 100 बैंक और समितियों के लोग पहुंचेंगे.

नैनीताल: उत्तराखंड के किसानों को भी विदेश में जाकर खेती की बेहतर तकनीक सीखने का मौका मिलेगा. सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत (Cabinet Minister Dhan Singh Rawat) ने इस की घोषणा की है. उन्होंने नैनीताल में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि बेहतर काम करने वाले किसानों को चयन कर विदेश भेजा जाएगा (announced in Nainital Co operative Conference). विदेश में वो खेती की बेहतर तकनीक सीखेंगे और फिर उसे अपने यहां इस्तेमाल करेगा, जिससे उनकी आय दोगुनी होगी.

नैनीताल में जिला सहकारी बैक के द्वारा शैले हॉल में सहकारिता सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें करीब 54 से अधिक समितियों के अध्यक्षों समेत उनके पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया. कार्यक्रम में प्रदेश के सहकारिता मंत्री डाक्टर धन सिह रावत बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे.

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इस दौरान धन सिह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में बीजेपी सरकार के आने से पहले समितियां करीब 56 करोड़ रुपए घाटे में थी, लेकिन जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तब से सहकारिता को नई पहचान मिली है. इन समितियों के माध्य से आज प्रदेश में किसानों और महिलाओं की स्थिति सुधरी है. पिछले पांच सालों में सहकारिता विभाग को प्रदेश में करीब 150 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है.

इसके अलावा 6 लाख से ज्यादा किसानों और चार हजार समूहों को जीरो प्रतिशत के दर से ऋण दिया गया है. जिससे अब किसानों की आय दोगुनी हो रही है. इस दौरान धन सिह रावत ने सभी सहकारिता समिति संचालकों को निर्देश दिए है कि सभी लोग 15 सितंबर से पहले अपनी सोसाइटियों को पूर्ण रूप से कंप्यूटरीकृत कर लें, नहीं तो सहकारिता से जुड़ी समितियों को सरकार की योजनाओं को लाभ नहीं मिल सकेगा.
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सम्मेलन के दौरान धन सिंह रावत ने कहा कि अब प्रदेश के हर जिले से एक किसान का चयन किया जाएगा, जो विदेश में जाकर वहां की खेती के गुर सीखेगा और उसका प्रयोग यहां करेंगे. इसके अलावा 15 किसानों को हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश और सिक्किम समेत देश के अन्य पहाड़ी राज्यों में भेजा जाएगा.

सहकारीता मंत्री से की मांग: लोगों ने सहकरिता मंत्री धन सिह रावत से सभी समितियों में रिक्त पड़े पदों को भरने की मांग की है. इसके अलावा क्षतिग्रस्त हो चुके समीतियों के कार्यालयों की मरमम्त करने की मांग की है. इसके साथ ही पहाड़ों में बेची जा रही जमीनों को बिना सहकारी समितियों की सहमति पर बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गई.

गैरसैंण में होगा चिंतन शिविर: धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश सहकारिता को और मजबूत करने के लिए 15 और 16 सितंबर को गैरसैंण में सहकारिता समितियों का दो दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश भर से करीब 100 बैंक और समितियों के लोग पहुंचेंगे.

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