रामनगर: नैनीताल जिले के रामनगर में रहने वाले सेना पदक विजेता ब्रिगेडियर जसवीर सिंह बरार आज 2 अप्रैल को पंचतत्व में विलीन हो गए. रामनगर के घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई और अंतिम संस्कार किया गया. जसवीर सिंह बरार का शुक्रवार रात को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. जसवीर सिंह बरार 71 साल के थे.
पूर्व सैनिक नवीन पोखरियाल ने बताया कि ब्रिगेडियर जसवीर सिंह बरार का जन्म रामनगर के देवीपुर मुलिया में 15 मार्च 1951 को हुआ था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा आरआईएमसी देहरादून उत्तराखंड में हुई थी. उसके बाद उनका चयन नेशनल डिफेंस एकेडमी खड़कवासला में हो गया था. 20 फरवरी 1970 को उन्हें चार कुमाऊं रेजीमेंट में कमीशन मिला था.
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पोखरियाल ने बताया कि ब्रिगेडियर जसवीर सिंह बरार बचपन से ही बहुत बहादुर थे. देश प्रेम और वीरता का जज्बा उनमें बचपन से ही कूट-कूट कर भरा हुआ था. 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में उन्होंने दुश्मनों का बहादुरी से मुकाबला किया और पाकिस्तान के 4 सैनिकों को मार गिराया था. इस लड़ाई में ब्रिगेडियर जसवीर सिंह के पैर में गोली लगी थी.
पोखरियाल के मुताबिक उन्होंने कई बार आतंकवादियों से भी लोहा लिया था. इस दौरान उन्होंने कई आतंकवादियों को ढेर भी किया था. ब्रिगेडियर जसवीर सिंह बरार को उनकी उत्कृष्ट वीरता और अदम्य साहस के लिए राष्ट्रपति ने दो बार सेना पदक से सम्मानित किया था. ब्रिगेडियर जसवीर सिंह बरार 2004 में सेवानिवृत्त हुए थे. तब से वे यहीं पर रह रहे थे. ब्रिगेडियर जसवीर सिंह बरार की अंतिम यात्रा में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट समेत कई नेता मौजूद रहे.