हल्द्वानी: भाजपा पार्षद तन्मय रावत की गिरफ्तारी के बाद सोमवार को कोतवाली में जमकर हंगामा हुआ. गिरफ्तारी का विरोध करने पहुंचे हल्द्वानी के मेयर जोगिंदर पाल सिंह रौतेला और दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री तरुण बंसल सहित भारी संख्या में भाजपा नेताओं ने पुलिस के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस से भाजपा नेताओं की तीखी नोकझोंक भी हुई.
दरअसल, भाजपा पार्षद तन्मय रावत द्वारा रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ और मारपीट की शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था. कोतवाली में प्रदर्शन कर रहे भाजपा नेताओं ने कहना है कि पुलिस बदले की भावना से बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ ऐसा व्यवहार कर रही है.
ये भी पढ़ेंः जोशीमठ जल प्रलयः रैणी गांव पहुंचे केंद्रीय मंत्री निशंक, आपदाग्रस्त इलाकों का लिया जायजा
बीजेपी मेयर जोगिंदर पाल सिंह रौतेला का कहना है कि जबतक कोतवाल का तबादला नहीं हो जाता तब तक वह अनिश्चितकालीन धरने पर कोतवाली पर ही बैठे रहेंगे. मेयर ने भाजपा कार्यकर्ताओं की लगातार उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस किसी भी मामले में भाजपा जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनती, लिहाजा ऐसे अधिकारियों के खिलाफ जबतक कार्रवाई नहीं होगी, तबतक वह धरने पर बैठे रहेंगे.
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किया सड़क जाम
हल्द्वानी में भाजपा पार्षद तन्मय रावत की गिरफ्तारी के बाद से कोतवाली में भाजपा नेताओं का धरना प्रदर्शन धीरे-धीरे और उग्र हो गया. कोतवाल को हटाए जाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे भाजपा कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर दी. मेयर जोगेंद्र रौतेला, दर्जा राज्यमंत्री तरुण बंसल, प्रदेश प्रवक्ता अनिल कपूर डब्बू सहित कई पार्षद और भाजपा पदाधिकारी 4 घंटे से कोतवाली में धरने पर डटे हैं. प्रदर्शन कर रहे भाजपाइयों का सीधा आरोप था कि जब पार्षद तन्मय रावत अपनी जमानत के लिए कोर्ट जा रहे थे तो उन्हें जबरदस्ती गिरफ्तार करने की क्या जरूरत थी. तन्मय रावत की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही भाजपाइयों का कोतवाली परिसर में तांता लग गया. देखते ही देखते मेयर सहित कई राज्यमंत्री और भाजपाई मौके पर पहुंच गए और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस बीच पुलिस से उनकी तीखी नोकझोंक भी हुई.
देर रात खत्म हुआ धरना
वहीं, भाजपा पार्षद तन्मय रावत की गिरफ्तारी के बाद से कोतवाली में मेयर और भाजपा नेताओं का चल रहा धरना प्रदर्शन आखिरकार देर रात समाप्त हो गया. कोतवाल को हटाए जाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे भाजपा कार्यकर्ता रात 2 बजे कोतवाली में धरने पर डटे रहे.
अंत में पुलिस प्रशासन को भाजपाइयों के आगे झुकना पड़ा और कोतवाल को एसएसपी कार्यालय से अटैच कर दिया गया और पूरे मामले की 5 दिन में जांच कर कोतवाल के खिलाफ उचित कार्रवाई के आश्वासन के बाद भाजपाइयों ने अपना धरना प्रदर्शन खत्म किया.