नैनीताल: एक ओर देश दीपावली के उत्सव में डूबा हुआ था. वहीं, त्योहार की खुशी में लोगों ने इतने बम पटाखे फोड़े कि ये पटाखे कुछ जीवों के लिए जिंदगी और मौत का सबब बन रहे हैं. धमाकों का शोरगुल वन्य जीवन पर आफत बनकर टूटा है. खासकर पक्षियों पर ये दीपावली बेहद भारी पड़ रही है. आलम यह है कि बीते 3 दिनों में पटाखों की धमक से पक्षी शहर और गांव से गायब हो गए हैं.
साल दर साल दीपावली के मौके पर जिस कदर लोगों में पटाखे छोड़ने का क्रेज बढ़ रहा है. उससे पक्षी जीवन पर खतरा मंडरा रहा है. दीपावली के दौरान पटाखों के धमाके पक्षियों की जान जोखिम में डाल रहे हैं. उत्तराखंड के सभी जंगलों के आसपास विभिन्न प्रकार की दुर्लभ पक्षियों की प्रजातियां मौजूद हैं. लेकिन, पिछले 3 दिनों में ऐसे कई पक्षी है जो घरों के आसपास और इन क्षेत्रों से गायब हो गए हैं.
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नैनीताल और उसके आसपास करीब 700 से लेकर 790 तक पक्षियों की प्रजाति पाई जाती हैं, जिनको देखने के लिए हर साल देश और विदेश से हजारों लोग नैनीताल का रुख करते हैं. लेकिन, जिस तरह से नैनीताल और उसके आसपास के क्षेत्रों में बेतहाशा पटाखों का प्रयोग हो रहा है. उससे आने वाले समय में चिड़ियों के अस्तित्व और बर्ड डेस्टिनेशन पर खतरा मंडरा रहा है.
बता दें कि पटाखों का शोर जानवरों और पक्षियों के लिए बेहद खतरनाक होता है. पक्षियों में किसी भी आवाज को सुनने की सबसे अधिक क्षमता होती है. ऐसे में पक्षियों के आवासीय इलाकों में कहीं भी पटाखे की हल्की धमक भी होती है तो इसकी आवाज सीधे पक्षियों के कानों तक पहुंच जाती है. ऐसे में लगातार हो रहे बड़े धमाके पक्षियों को जबरदस्त आघात पहुंचा रहे हैं. इन धमाकों की वजह से पक्षी अपने दिशा भी भटक रहे हैं, जिस कारण पक्षियों की मौत भी हो रही है.