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नैनीताल: रक्षाबंधन को लेकर सजे बाजार, स्वदेशी राखियों की भारी मांग - रक्षा बंधन और स्वतंत्रता दिवस

कालाढूंगी में रक्षा बंधन के अवसर पर बाजारों में रौनक है. 15 अगस्त को रक्षा बंधन व स्वतंत्रता दिवस एक ही दिन होने से लोगों में काफी उत्साह है. इस बार बाजारों में चाइनीज़ की जगह स्वदेशी राखियों की मांग बढ़ गई है.

रक्षा बंधन में बाजारों में दिखी स्वदेशी राखियां.
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Published : Aug 14, 2019, 5:36 PM IST

Updated : Aug 14, 2019, 10:55 PM IST

नैनीताल: रक्षाबंधन के अवसर पर इस बार स्वदेशी राखियों की मांग बाजार में काफी बढ़ गई है. स्वदेशी राखियों की सुंदर बनावट बहनों को भी अपने भाइयों के लिए पंसद आ रही हैं. बाजारों में रक्षाबंधन की धूम और रौनक देखने को मिल रही है.

बता दें कि कालाढूंगी में इस साल रक्षा बंधन और स्वतंत्रता दिवस का पर्व एक ही पड़ने से लोगों में दोगुना उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं, रक्षा बंधन के पर्व पर बहनों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस बार वह अपने देश में बनी राखियां ही अपने भाईयों की कलाई पर बांधेगी.

रक्षा बंधन में बाजारों में दिखी स्वदेशी राखियां.

यह भी पढ़ें: रामगंगा नदी के किनारे पूजा में शामिल होने गए शख्स का पैर फिसला, डूबने से हुई मौत

उन्होंने बताया कि भाईयों के लिए राखियां खरीदी साथ ही देश की रक्षा कर रहे सीमा पर खड़े जवानों के लिए भी राखियां खरीदीं. बहनों का कहना था कि जो जवान देश की सीमा पर रात-दिन पहरा दे रहे हैं, जिनकी वजह से हम अपने घरों में सुकून की नींद सोते हैं, उनको भी राखियां भेजी हैं. इस अवसर पर वहीं, दुकानदारों का कहना है कि इस बार रक्षा बंधन पर चाइनीज़ राखियों की बिल्कुल भी मांग नहीं है.

नैनीताल: रक्षाबंधन के अवसर पर इस बार स्वदेशी राखियों की मांग बाजार में काफी बढ़ गई है. स्वदेशी राखियों की सुंदर बनावट बहनों को भी अपने भाइयों के लिए पंसद आ रही हैं. बाजारों में रक्षाबंधन की धूम और रौनक देखने को मिल रही है.

बता दें कि कालाढूंगी में इस साल रक्षा बंधन और स्वतंत्रता दिवस का पर्व एक ही पड़ने से लोगों में दोगुना उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं, रक्षा बंधन के पर्व पर बहनों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस बार वह अपने देश में बनी राखियां ही अपने भाईयों की कलाई पर बांधेगी.

रक्षा बंधन में बाजारों में दिखी स्वदेशी राखियां.

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उन्होंने बताया कि भाईयों के लिए राखियां खरीदी साथ ही देश की रक्षा कर रहे सीमा पर खड़े जवानों के लिए भी राखियां खरीदीं. बहनों का कहना था कि जो जवान देश की सीमा पर रात-दिन पहरा दे रहे हैं, जिनकी वजह से हम अपने घरों में सुकून की नींद सोते हैं, उनको भी राखियां भेजी हैं. इस अवसर पर वहीं, दुकानदारों का कहना है कि इस बार रक्षा बंधन पर चाइनीज़ राखियों की बिल्कुल भी मांग नहीं है.

Intro:कच्चे धागे से मजबूत रिश्ता निभाने का त्योहार है रक्षाबंधन
कालाढूंगी बाजार में छोटी
बड़ी, महंगी सस्ती, रंग बिरंगी राखियां सज गई हैं, बहनों ने भाई के घर जाने की तैयारी शुरू कर दी है, भाइयो ने बहनों को दिए जाने वाले उपहार खरीद लिए हैं, सड़कों पर चहल पहल है और चेहरों पर रौनक , कच्चे धागे से स्नेह का एक अटूट नाता बांधने का पावन त्यौहार रक्षा बंधन एक बार फिर आने को है।Body:कालाढूंगी मैं रक्षाबंधन के त्योहार पर स्वदेशी राखियों की मांग । इस बार कालाढूंगी के बाजार में स्वदेशी राखियों की मांग काफी बढ़ गई है जिधर देखो उधर स्वदेशी राखियाँ बिक रही है बहनों को भी अपने भाईयों के लिए स्वदेशी राखियाँ ही पंसद आ रही है बाजारों में इस समय काफी रौनक देखने को मिल रही है हर कोई बहन अपने भाईयों के लिए सुंदर राखियाँ पंसद कर रही है वही देश प्रेम की भावना भी देखने को मिली  बहनों से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि इस बार हम अपने देश में बनी ही राखिया जैसे तिरंगे के कलर की राखी ही अपने भाईयों की कलाई पर बाधेगे।

भाईयों के लिए राखियाँ खरीदी साथ ही साथ सीमा पर जो जवान हमारे देश की रक्षा कर रहे हैं उन जवानों के लिए भी राखियाँ खरीदी वही बहनों का कहना था कि जो देश की सीमा पर  रात दिन पहरा दे रहे हैं जिनकी वजह से हम अपने घरों में चेन की नीद सोते हैं उन जवानों को भी मैंने राखिया भेजी है वही दुकानदारों का कहना है कि इस बार चाईना राखियों की बिल्कुल भी माग नही है।Conclusion:रक्षा बंधन के पर्व पर बात सिर्फ राखी या धागे की होती है, लेकिन इस मौके पर भाई के माथे पर तिलक लगाना, मिठाई खिलाना और आरती उतारना भी त्यौहार की कुछ महत्वपूर्ण रस्में हैं। इसके लिए बाजार में रक्षाबंधन की थाली भी उपलब्ध है, जिसमें राखी के अलावा तिलक के लिए अक्षत और चावल, सिर पर रखने के लिए कपड़ा, छोटा सा दीपक, कपूर और मुंह मीठा करने के लिए इलायची और मिसरी के पैकेट उपलब्ध हैं।
Last Updated : Aug 14, 2019, 10:55 PM IST
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