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पूछ रहे बच्चे, बैलपड़ाव राजकीय कॉलेज में कब आएंगे अच्छे दिन?

सरकार के तमाम दावों के बाद भी शिक्षा व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है. कालाढूंगी के राजकीय इंटर कॉलेज में न तो स्थाई प्रधानाचार्य है न ही अंग्रेजी के प्रवक्ता. इसके साथ ही इस कॉलेज में शौचालय भी स्वच्छ नहीं हैं.

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Published : May 18, 2019, 8:02 PM IST

बैलपड़ाव राजकीय कॉलेज.

कालाढूंगी: पहाड़ी क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर सुधारने के सरकार तमाम दावे करती है, लेकिन स्थिति धरातल से काफी दूर है. तहसील के कोटाबाग ब्लॉक के अन्तर्गत बैलपड़ाव राजकीय इंटर कॉलेज में स्थाई प्रधानाचार्य और अंग्रेजी के प्रवक्ता न होने के कारण बच्चे मूलभूत शिक्षा से वंचित हैं.

बैलपड़ाव राजकीय कॉलेज.

शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सरकार तमाम मुहिम चला रही है. लेकिन शिक्षा स्तर के साथ इस इंटर कॉलेज में स्वच्छता की कमी ने सरकार की लापरवाही को सामने ला दिया है. राजकीय इंटर कॉलेज के शौचालयों का हाल भी बहुत बुरा है. यहां इतनी गन्दगी होने के बावजूद भी छात्र इन शौचालयों में जाने को मजबूर हैं. इस प्रकार से शिक्षण संस्थान में गंदगी और शिक्षकों का न होना बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है.

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बैलपड़ाव कन्या विद्यालय का एकीकरण करके राजकीय इंटर कॉलेज में कर दिया गया. एकीकरण करने के बाद भी इस विद्यालय की दशा पर न ही जनप्रतिनिधियों की नजर पहुंची है और न ही शिक्षा विभाग की. इस कारण छात्रों को इस बदइंतजामी से गुजरना पड़ रहा है.

कालाढूंगी: पहाड़ी क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर सुधारने के सरकार तमाम दावे करती है, लेकिन स्थिति धरातल से काफी दूर है. तहसील के कोटाबाग ब्लॉक के अन्तर्गत बैलपड़ाव राजकीय इंटर कॉलेज में स्थाई प्रधानाचार्य और अंग्रेजी के प्रवक्ता न होने के कारण बच्चे मूलभूत शिक्षा से वंचित हैं.

बैलपड़ाव राजकीय कॉलेज.

शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सरकार तमाम मुहिम चला रही है. लेकिन शिक्षा स्तर के साथ इस इंटर कॉलेज में स्वच्छता की कमी ने सरकार की लापरवाही को सामने ला दिया है. राजकीय इंटर कॉलेज के शौचालयों का हाल भी बहुत बुरा है. यहां इतनी गन्दगी होने के बावजूद भी छात्र इन शौचालयों में जाने को मजबूर हैं. इस प्रकार से शिक्षण संस्थान में गंदगी और शिक्षकों का न होना बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है.

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बैलपड़ाव कन्या विद्यालय का एकीकरण करके राजकीय इंटर कॉलेज में कर दिया गया. एकीकरण करने के बाद भी इस विद्यालय की दशा पर न ही जनप्रतिनिधियों की नजर पहुंची है और न ही शिक्षा विभाग की. इस कारण छात्रों को इस बदइंतजामी से गुजरना पड़ रहा है.

Intro:कालाढूंगी तहसील के कोटाबाग ब्लॉक के अन्तर्गत बैलपड़ाव राजकीय इंटर कॉलेज मे न ही स्थाई प्रधानाचार्य है और न ही अंग्रेजी विषय के प्रवक्ता जहाँ एक ओर सरकार मूलभूत सुविधाओं को हर व्यक्ति तक पहुचाने की बात करती है वहीं इस तरह से स्कूल के बच्चों के साथ शिक्षा के प्रति लापरवाही को साफ दर्शाता है।Body:शिक्षा मंत्री द्वारा उत्तराखंड में शिक्षा पर अधिक ध्यान देकर शिक्षा को रोजगार परक बनाने की बात कहीं जाते रही है परन्तु धरातल पर इस तरह की बात कहीं दिखाई नहीं देती।

यही नहीं शौचालयों का हाल भी बहुत बुरा है इतनी गन्दगी है पर छात्र की इन शौचालयों मे जाना मजबूरी है । जहां एक ओर शिक्षा को मूलभूत सुविधाओं में जाना जाता है वहीं इस प्रकार से शिक्षा के मंदिर में गंदगी और शिक्षकों को ना होना दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जायेगा।Conclusion:शिक्षा विभाग ने कई स्कूलों को एकीकृत किया है जिसमें बैलपड़ाव कन्या विद्यालय का एकीकरण राजकीय इंटर कॉलेज बैलपड़ाव में किया गया है एकीकरण करने के बाद भी इस विद्यालय की दशा पर ना ही जनप्रतिनिधियों की नजर है इसके साथ ही न ही शिक्षा विभाग और न ही सरकार की सरकारी स्कूलों की दशा कब सुधरेगी ये कहना मुश्किल होगा।
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