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कोसी नदी को बचाने की कवायद, जागरुकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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Published : Dec 23, 2019, 11:00 PM IST

Updated : Dec 23, 2019, 11:30 PM IST

रामनगर के नगर पालिका ऑडिटोरियम में कोसी नदी के घटते जल स्तर को लेकर एक जागरुकता कार्यशाला का आयोजन किया गया.

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जागरूकता कार्यशाला का आयोजन

रामनगर: सोमवार को नगर पालिका के ऑडिटोरियम में कोसी नदी के घटते जलस्तर को लेकर एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में प्रोफेसर जोगिंदर सिंह रावत ने कोसी को बचाने के लिए कहा कि सबको जागरूक होना पड़ेगा. अगले 20 सालों में नदी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा. इस तरफ कोई ध्यान नही दे रहा है.

जागरुकता कार्यशाला में स्कूली छात्रों के साथ- साथ क्षेत्र विधायक ने भी हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि 1996 में अल्मोड़ा में ग्रीष्मकालीन जल का मॉनिटरिंग की गई थी, तो उस समय 792 लीटर प्रति सेकेंड से पानी बहता था. लगातार यह घटते- घटते 2018 में 48 लीटर हो गया जो चिंता का विषय है.

जागरुकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

ये भी पढ़ें:CAA और NRC पर बोले हरदा- कांग्रेस शासित राज्यों में नहीं किया जाएगा लागू

उन्होंने कहा अगर हम अभी नहीं जागे तो आने वाले 15 से 20 सालों में कोसी नदी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा. रावत ने कहा कि दुर्भाग्य है कि यह महत्वपूर्ण विषय सरकार के एजेंडे में नहीं आ पाया. अगर जल ही नहीं रहेगा तो जीवन कहां से रहेगा.

रामनगर: सोमवार को नगर पालिका के ऑडिटोरियम में कोसी नदी के घटते जलस्तर को लेकर एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में प्रोफेसर जोगिंदर सिंह रावत ने कोसी को बचाने के लिए कहा कि सबको जागरूक होना पड़ेगा. अगले 20 सालों में नदी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा. इस तरफ कोई ध्यान नही दे रहा है.

जागरुकता कार्यशाला में स्कूली छात्रों के साथ- साथ क्षेत्र विधायक ने भी हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि 1996 में अल्मोड़ा में ग्रीष्मकालीन जल का मॉनिटरिंग की गई थी, तो उस समय 792 लीटर प्रति सेकेंड से पानी बहता था. लगातार यह घटते- घटते 2018 में 48 लीटर हो गया जो चिंता का विषय है.

जागरुकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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उन्होंने कहा अगर हम अभी नहीं जागे तो आने वाले 15 से 20 सालों में कोसी नदी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा. रावत ने कहा कि दुर्भाग्य है कि यह महत्वपूर्ण विषय सरकार के एजेंडे में नहीं आ पाया. अगर जल ही नहीं रहेगा तो जीवन कहां से रहेगा.

Intro:intro.-आज रामनगर में कोसी नदी के घटते जल स्तर पर एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया,जिसमें मशहूर प्रोफेसर जोगिंदर सिंह रावत ने कोसी को बचाने के लिए कहा कि हम सब को जागरूक होना पड़ेगा| वरना अगले 20 सालों में नदी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा कई जगह कई बिलों पर हम लगे हैं लेकिन जल को कैसे बचाया जाए कोसी को कैसे बचाया जाए इस ओर किसी का ध्यान नहीं|


Body:आज रामनगर नगरपालिका के ऑडिटोरियम में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें स्कूली विद्यार्थियों के साथ साथ क्षेत्र विधायक ने हिस्सा लिया,आज रामनगर में कोसी नदी के घटते जल स्तर पर एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया,जिसमें मशहूर प्रोफेसर जोगिंदर सिंह रावत ने कोसी को बचाने के लिए कहा कि हम सब को जागरूक होना पड़ेगा| वरना अगले 20 सालों में नदी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा कई जगह कई बिलों पर हम लगे हैं लेकिन जल को कैसे बचाया जाए कोसी को कैसे बचाया जाए इस ओर किसी का ध्यान नहीं| रावत ने कहा कि रामनगर शहर गैरईमानई नदियों के किनारे बसा हुआ शहर है और गैरीईमानी नदियां बहुत संकट में है,क्योंकि गैरईमानी नदियां पुरतः भूमि के जल के द्वारा पूर्तित होती हैं|और भूमि का जल भंडार धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहा है और इसके लक्षण हमें काफी लंबे समय से मिल रहे हैं,1996 में हम अल्मोड़ा में इसके ग्रीष्मकालीन जल का मॉनिटर कर रहे थे कि कितना पानी बहता है और उस समय 792 लीटर प्रति सेकेंड था,जो घटते घटते 2018 में 48 लीटर हो गया है,जो बहुत ही गंभीर और चिंता का विषय है और अगर हम अभी भी नहीं जागे तो आने वाले 15 से 20 सालों में कोसी नदी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा| रावत ने कहा कि दुर्भाग्य है कि यह महत्वपूर्ण विसय सरकार के एजेंडे में नहीं आ पाया|रावत ने कहा कि अगर जल ही नहीं रहेगा तो जीवन कहां से रहेगा|

byte-जोगेंद्र सिंह रावत (प्रोफेसर, वैज्ञानिक)



Conclusion:
Last Updated : Dec 23, 2019, 11:30 PM IST
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