हल्द्वानी: सूचना एवं लोक संपर्क विभाग उत्तराखंड में पंजीकृत लोक सांस्कृतिक दल के कलाकारों ने आगामी 15 अप्रैल से 18 अप्रैल तक होने वाले ऑडिशन को लेकर विरोध जताया है. सांस्कृतिक दल से जुड़े कलाकारों का कहना है कि कोविड-19 के चलते राज्य के कलाकारों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि ऑडिशन को एक साल के लिए स्थगित किया जाए.
वहीं, सांस्कृतिक दल से जुड़े कलाकारों का कहना है कि प्रदेश में दो जगहों पर सांस्कृतिक दलों का ऑडिशन होना है, लेकिन कलाकारों की वित्तीय स्थिति इतनी ठीक नहीं है कि दूरदराज के कलाकार हजारों रुपए वहन कर अल्मोड़ा और देहरादून जाकर ऑडिशन दे सकें. ऐसे में सरकार को चाहिए कि जिस तरह से कोविड-19 में अन्य विभागों को राहत दी गई, ठीक उसी तरह से राज्य के पंजीकृत सांस्कृतिक दलों के ऑडिशन में भी समयावधि की छूट दी जाए.
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कलाकारों का कहना है कि 3 साल में होने वाले ऑडिशन को सरकार 5 अप्रैल से 18 अप्रैल तक कराने जा रही है, लेकिन कोविड-19 की वजह से पहाड़ के कलाकारों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. कलाकारों के पास इतने पैसे नहीं हैं कि ऑडिशन में आने-जाने और खाने के खर्चे में हजारों रुपए खर्च कर सकें. कलाकारों का कहना है सरकार को चाहिए कि संकट की इस घड़ी में प्रदेश सरकार कलाकारों का साथ दें और ऑडिशन खर्च का बोझ नहीं डाले.
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गौर हो है कि राज्य सूचना एवं लोक संपर्क विभाग से जुड़े सांस्कृतिक दल, सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ जन जागरुकता का काम भी करते हैं और बहुत से सांस्कृतिक दल सूचना एवं लोक संपर्क विभाग उत्तराखंड में पंजीकृत हैं. पंजीकृत दलों के कलाकारों का 3 साल में एक बार ऑडिशन किया जाता है, जिसके बाद फिर से उनको सरकार की योजनाओं और जन जागरूकता के प्रचार-प्रसार का जिम्मा दिया जाता है. ऐसे में 3 साल पूरा होने के बाद सूचना एवं लोक संपर्क विभाग इन कलाकारों का ऑडिशन कराने जा रहा है, जिसका कलाकारों ने विरोध जताया है.