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औषधीय गुणों से भरपूर है ये पेड़, हृदय रोग और शूगर से लड़ने में करता है मदद, जानें और फायदें

beneficial arjuna tree औषधीय गुणों से भरपूर अर्जुन का पेड़ हृदय रोग और मधुमेह से राहत दिलाता है. लोग इसे चमत्कारी पेड़ भी कहते हैं. पेड़ छाल का उपयोग आयुर्वेद में कई बीमारियों का रामबाण इलाज साबित हुआ है.

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हल्द्वानी
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 27, 2023, 3:49 PM IST

Updated : Dec 27, 2023, 5:36 PM IST

औषधीय गुणों से भरपूर है ये पेड़

हल्द्वानी: आपके आसपास कई ऐसे पेड़-पौधे होंगे जिसकी औषधि गुणों के बारे में आप नहीं जानते होंगे. ऐसा ही एक पेड़ होता है जिसका नाम है अर्जुन. अर्जुन के पेड़ में कई औषधीय गुण होते हैं. अर्जुन के पेड़ की छाल को आयुर्वेदिक औषधि के रूप में जाना जाता है. कई तरह की बीमारियां दूर करने में इसका इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है. पेड़ की छाल उपयोगी इसलिए भी मानी जाती है क्यों कि इसका उपयोग काढ़ा बनाने में किया जाता है. अर्जुन की छाल के पानी में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है. जिससे यह काफी स्वास्थ्य लाभों को प्रदान करता है.

अर्जुन के पेड़ के बारे में अधिक जानकारी रखने वाले हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र के प्रभारी मदन बिष्ट ने बताया कि अर्जुन का पेड़ लगभग 50 से 80 फीट ऊंचा होता है. हिमालय की तराई, शुष्क पहाड़ी क्षेत्रों में नालों के किनारे में काफी पाया जाता है. इसकी छाल पेड़ से उतार लेने पर फिर उग आती है. एक वृक्ष में छाल तीन साल के चक्र में मिलती हैं. छाल बाहर से सफेद और अंदरर से चिकनी, मोटी व हल्के गुलाबी रंग की होती है. इसके छाल को उतारकर सुखाकर उसको बारीक पीसकर तैयार कर रोज एक चम्मच चूरन का काढ़ा तैयार कर पीने से मुख्य रूप से हृदय रोग के साथ-साथ कई अन्य बीमारियां दूर होती है.
ये भी पढ़ेंः मां बाल सुंदरी देवी मंदिर में स्थित है 'चमत्कारी' पेड़, श्रद्धालुओं की आस्था को करता है प्रगाढ़

जानें फायदें: अर्जुन के छाल के एक चम्मच बारीक चूर्ण को एक गिलास पानी में उबालकर काढ़ा तैयार कर सुबह खाली पेट या सुबह शाम नियमित सेवन करते रहने से हृदय के समस्त रोगों में लाभ मिलता है. साथ ही हृदय को बल मिलता है और कमजोरी दूर होती है. इससे हृदय की बढ़ी हुई धड़कन सामान्य होती है. सर्दी-खांसी की समस्या से राहत पाने के लिए भी अर्जुन की छाल का उपयोग किया जाता है. अर्जुन की छाल का उपयोग डायबिटीज को कंट्रोल करने में काफी मददगार सिद्ध होता है. क्योंकि इसमें कुछ विशेष प्रकार के एंजाइम्स पाए जाते हैं, जिस वजह से अर्जुन की छाल में एंटीडायबिटिक गुण मौजूद होते हैं.

अस्थमा और सांस की बीमारी में कामगार: आयुर्वेद में अर्जुन की छाल के पानी को सांस संबंधी बीमारियों के लिए काफी कारगर माना गया है. कहा जाता है कि अस्थमा जैसी सांस से जुड़ी बीमारियों से राहत देने में यह काफी काम आ सकता है. अर्जुन छाल में मौजूद यह गुण किडनी और लीवर की कार्यक्षमता को बढ़ाकर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है.
ये भी पढ़ेंः परिवार की तरह बसाया जंगल, यह अद्भुत निर्माण कर देगा हैरान

अधिक मात्रा में सेवन करना भी खतरनाक: आयुर्वेद डॉक्टर लव पांडे के मुताबिक अर्जुन का छाल कई बीमारियों के लिए रामबाण इलाज है. अगर व्यक्ति नियमित इसका सेवन करें तो कई बीमारियां से मुक्ति पा सकता है. लेकिन इसमें सावधानी बरतने की जरूरत है. डॉक्टर के मुताबिक, अधिक मात्रा में सेवन करने से उल्टी या सिर दर्द जैसी शिकायतें होने लगती है. ऐसे में अधिक मात्रा में सेवन कर रहे हैं तो डॉक्टर के सलाह से ही अर्जुन के छाल का सेवन करें.

औषधीय गुणों से भरपूर है ये पेड़

हल्द्वानी: आपके आसपास कई ऐसे पेड़-पौधे होंगे जिसकी औषधि गुणों के बारे में आप नहीं जानते होंगे. ऐसा ही एक पेड़ होता है जिसका नाम है अर्जुन. अर्जुन के पेड़ में कई औषधीय गुण होते हैं. अर्जुन के पेड़ की छाल को आयुर्वेदिक औषधि के रूप में जाना जाता है. कई तरह की बीमारियां दूर करने में इसका इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है. पेड़ की छाल उपयोगी इसलिए भी मानी जाती है क्यों कि इसका उपयोग काढ़ा बनाने में किया जाता है. अर्जुन की छाल के पानी में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है. जिससे यह काफी स्वास्थ्य लाभों को प्रदान करता है.

अर्जुन के पेड़ के बारे में अधिक जानकारी रखने वाले हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र के प्रभारी मदन बिष्ट ने बताया कि अर्जुन का पेड़ लगभग 50 से 80 फीट ऊंचा होता है. हिमालय की तराई, शुष्क पहाड़ी क्षेत्रों में नालों के किनारे में काफी पाया जाता है. इसकी छाल पेड़ से उतार लेने पर फिर उग आती है. एक वृक्ष में छाल तीन साल के चक्र में मिलती हैं. छाल बाहर से सफेद और अंदरर से चिकनी, मोटी व हल्के गुलाबी रंग की होती है. इसके छाल को उतारकर सुखाकर उसको बारीक पीसकर तैयार कर रोज एक चम्मच चूरन का काढ़ा तैयार कर पीने से मुख्य रूप से हृदय रोग के साथ-साथ कई अन्य बीमारियां दूर होती है.
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जानें फायदें: अर्जुन के छाल के एक चम्मच बारीक चूर्ण को एक गिलास पानी में उबालकर काढ़ा तैयार कर सुबह खाली पेट या सुबह शाम नियमित सेवन करते रहने से हृदय के समस्त रोगों में लाभ मिलता है. साथ ही हृदय को बल मिलता है और कमजोरी दूर होती है. इससे हृदय की बढ़ी हुई धड़कन सामान्य होती है. सर्दी-खांसी की समस्या से राहत पाने के लिए भी अर्जुन की छाल का उपयोग किया जाता है. अर्जुन की छाल का उपयोग डायबिटीज को कंट्रोल करने में काफी मददगार सिद्ध होता है. क्योंकि इसमें कुछ विशेष प्रकार के एंजाइम्स पाए जाते हैं, जिस वजह से अर्जुन की छाल में एंटीडायबिटिक गुण मौजूद होते हैं.

अस्थमा और सांस की बीमारी में कामगार: आयुर्वेद में अर्जुन की छाल के पानी को सांस संबंधी बीमारियों के लिए काफी कारगर माना गया है. कहा जाता है कि अस्थमा जैसी सांस से जुड़ी बीमारियों से राहत देने में यह काफी काम आ सकता है. अर्जुन छाल में मौजूद यह गुण किडनी और लीवर की कार्यक्षमता को बढ़ाकर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है.
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अधिक मात्रा में सेवन करना भी खतरनाक: आयुर्वेद डॉक्टर लव पांडे के मुताबिक अर्जुन का छाल कई बीमारियों के लिए रामबाण इलाज है. अगर व्यक्ति नियमित इसका सेवन करें तो कई बीमारियां से मुक्ति पा सकता है. लेकिन इसमें सावधानी बरतने की जरूरत है. डॉक्टर के मुताबिक, अधिक मात्रा में सेवन करने से उल्टी या सिर दर्द जैसी शिकायतें होने लगती है. ऐसे में अधिक मात्रा में सेवन कर रहे हैं तो डॉक्टर के सलाह से ही अर्जुन के छाल का सेवन करें.

Last Updated : Dec 27, 2023, 5:36 PM IST
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