हल्द्वानी: पशुपालन विभाग द्वारा अभी तक केवल बड़े जानवरों की टैगिंग कर उनके कानों में यूनिक नंबर लगाए जाने का काम किया जा रहा था, लेकिन अब पहली बार राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड में भेड़ और बकरियों को भी शामिल किया जा रहा है. जिसके तहत अब इन छोटे पशुओं को भी गाय भैंस की तरह आधार नंबर मिलेगा. भेड़ बकरियों का पूरा डाटा रखने के लिए अब पशुपालन विभाग ने इनकी टैगिंग करने की योजना बनाई है.
योजना के तहत कुमाऊं मंडल के 6 जिलों के 6,91,197 बकरियों के अलावा 7,04,25 भेड़ों को टैगिंग आधार नंबर से जोड़ा जाएगा. पशुपालन विभाग के अपर निदेशक भुवन चंद्र कर्नाटक ने बताया कि राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत गाय भैंस के अलावा अब भेड़ बकरी का भी टीकाकरण किया जाना है. जिसके लिए अब भेड़ बकरी का भी आधार कार्ड नंबर की तरह नंबर जारी कर टैगिंग का काम किया जाएगा.
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उन्होंने कहा कि इस योजना की शुरूआत जुलाई महीने से होने जा रही है. पशुपालन विभाग द्वारा सभी तरह की तैयारियां पूरी की जा रही है. यूनिक नंबर के माध्यम से छोटे पशुओं के मालिक के बारे में का पता चल सकेगा. साथ ही यूनिक नंबर के आधार पर ही टीकाकरण का भी काम होगा. आधार नंबर जारी होने से पता चल सकेगा कि इन पशुओं को कब-कब टीके लगाए गए हैं और अगला टीकाकरण कब किया जाना है. बड़े जानवरों के साथ-साथ अब छोटे जानवरों में भी कई तरह की बीमारियां सामने आ रही हैं, जिसको देखते हुए पशुपालन विभाग भेड़ बकरियों का टीकाकरण अभियान शुरू करने जा रहा है.
उन्होंने बताया कि शासन के निर्देश के बाद अगले महीने से घर-घर जाकर भेड़ बकरियों के कानों में इयर टैग लगाए जाएंगे. टैगिंग के दौरान पशुओं में होने वाले अन्य बीमारियों की भी जांच की जाएगी. इसके अलावा कई बार पशुपालकों के उनके भेड़ बकरियां खो जाती जाती हैं, जिसे टैग लगने के बाद ढूंढने में आसानी होगी.