हल्द्वानीः केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट आज लालकुआं विधानसभा पहुंचे, जहां उन्होंने भाजपा प्रत्याशी मोहन बिष्ट के लिए प्रचार किया. चुनाव प्रचार के बाद अजय भट्ट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता में उत्साह है. जनता एक बार फिर भाजपा की सरकार बनाने जा रही है. इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस को मुस्लिम यूनिवर्सिटी मसले पर नसीहत भी दी. उन्होंने कहा चुनाव में तुष्टिकरण की राजनीति नहीं होनी चाहिए.
अजय भट्ट ने कहा कि कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है. उन्होंने हरीश रावत का नाम लेते हुए कहा कि बड़े भाई हरीश रावत मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नाम पर आत्महत्या कर रहे हैं. कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि चुनाव में तुष्टिकरण की राजनीति नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भाजपा जाति, धर्म, वर्ग और क्षेत्र से ऊपर उठकर काम कर रही है.
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उन्होंने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने नैनीताल में केंद्रीय यूनिवर्सिटी खोलने का निर्णय लिया है. अगर ऐसे ही राजनीतिक दल सिख यूनिवर्सिटी या कोई अन्य धर्म की यूनिवर्सिटी खोलने की बात करेगा, तो यह समाज के लिए ठीक नहीं है. विद्या के केंद्रों को धर्म में नहीं बांटा जा सकता है.
यहां से उठा मुस्लिम यूनिवर्सिटी का मुद्दा: दरअसल, उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अकील अहमद का एक वीडियो वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में अकील अहमद कह रहे है कि उन्होंने सहसपुर विधानसभा सीट से अपना नामांकन वापस ले लिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उनसे वादा किया है कि अगर उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की सरकार बनती है तो मुस्लिम छात्रों के लिए एक विश्वविद्यालय बनाया जाएगा. इसीलिए उन्होंने अपना नामांकन वापस लिया.
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बता दें कि देहरादून जिले की सहसपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने आर्येंद्र शर्मा को टिकट दिया है. इसी से नाराज होकर कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अकील अहमद ने निर्दलीय नामांकन किया था, लेकिन हरीश रावत के कहने पर ही 31 जनवरी को उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया है. अकील अहमद ने कहा कि उन्होंने नामांकन वापस लेने के लिए हरीश रावत से मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने की बात कही थी, जिस पर हरीश रावत ने सहमति जताई और उन्हें भरोसा दिया. हालांकि बाद में जब ये मुद्दा उत्तराखंड की राजनीति में उठा और कांग्रेस को बीजेपी ने घेरना शुरू कर दिया तो अकील अहमद ने ईटीवी भारत के साथ अपनी सफाई पेश की थी.
अकील अहमद की सफाई: वायरल वीडियो वाले बयान पर अकील अहमद ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने हरीश रावत से मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने के लिए बात जरूर की है, लेकिन हरीश रावत ने उनसे कोई वादा नहीं किया है. अकील अहमद ने कहा कि राज्य में 18 प्रतिशत मुस्लिम हैं. उनके लिए यूनिवर्सिटी बननी चाहिए. हालांकि कांग्रेस ने इस पर कोई सहमति नहीं जताई है. इसके बावजूद इस बयान पर विवाद गहराने लगा है. वहीं अब हरीश रावत दावा कर रहे है कि कांग्रेस के किसी भी नेता ने उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी की मांग नहीं है. जबकि अकील अहमद उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष है.