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हल्द्वानी-काठगोदाम हाईवे पर अतिक्रमणकारियों के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई - हल्द्वानी में अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई

लालकुआं-काठगोदाम हाईवे के जद में आ रहे दो दर्जन से अधिक दुकानों और मकानों को जिला प्रशासन ने ध्वस्त किया.

haldwani news
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Published : Dec 16, 2020, 4:40 PM IST

हल्द्वानीः लालकुआं से काठगोदाम तक बनने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 109 की जद में आ रहे करीब 2 दर्जन से अधिक दुकानों और मकानों को जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने जेसीबी से ध्वस्त किया. इस दौरान दुकानदारों, स्थानीय लोग और जिला प्रशासन के बीच जमकर नोक-झोंक भी हुई. लाल कुआं तहसीलदार नितेश डांगर ने बताया कि हाईवे के जद में आ रहे इन दुकानों और मकानों को एक साल पहले ही मुआवजा दिया जा चुका है. उसके बावजूद भी इनके द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा था. इसके बाद आज कार्रवाई की गई.

Haldwani-Kathgodam highway
पुलिस-प्रशासन टीम से व्यापारियों की नोक-झोंक.

नितेश डांगर ने कहा कि जिसके चलते हाईवे के निर्माण में देरी हो रही है. कई बार नोटिस देने के बाद भी 15 दिसंबर तक सभी अतिक्रमणकारियों को खाली करने का अंतिम समय दिया गया था. ऐसे में दुकानदारों द्वारा दुकानों नहीं खाली किए जाने के बाद मजबूरन प्रशासन को दुकानों और मकानों को ध्वस्त करना पड़ा.

पढ़ेंः कुमाऊं के सबसे बड़े अस्पताल में 7 महीने में 633 मरीजों की मौत, हर दिन तीन मौतें

वहीं, जिला प्रशासन द्वारा दुकानों को ध्वस्त करने के दौरान दुकानदारों को काफी सामानों का नुकसान भी हुआ. जिला प्रशासन का कहना है कि मुआवजा देने और अंतिम समय के बाद भी दुकानदारों द्वारा दुकानें खाली नहीं की गई, जिसके बाद मजबूरन कार्रवाई की गई है.

हल्द्वानीः लालकुआं से काठगोदाम तक बनने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 109 की जद में आ रहे करीब 2 दर्जन से अधिक दुकानों और मकानों को जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने जेसीबी से ध्वस्त किया. इस दौरान दुकानदारों, स्थानीय लोग और जिला प्रशासन के बीच जमकर नोक-झोंक भी हुई. लाल कुआं तहसीलदार नितेश डांगर ने बताया कि हाईवे के जद में आ रहे इन दुकानों और मकानों को एक साल पहले ही मुआवजा दिया जा चुका है. उसके बावजूद भी इनके द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा था. इसके बाद आज कार्रवाई की गई.

Haldwani-Kathgodam highway
पुलिस-प्रशासन टीम से व्यापारियों की नोक-झोंक.

नितेश डांगर ने कहा कि जिसके चलते हाईवे के निर्माण में देरी हो रही है. कई बार नोटिस देने के बाद भी 15 दिसंबर तक सभी अतिक्रमणकारियों को खाली करने का अंतिम समय दिया गया था. ऐसे में दुकानदारों द्वारा दुकानों नहीं खाली किए जाने के बाद मजबूरन प्रशासन को दुकानों और मकानों को ध्वस्त करना पड़ा.

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वहीं, जिला प्रशासन द्वारा दुकानों को ध्वस्त करने के दौरान दुकानदारों को काफी सामानों का नुकसान भी हुआ. जिला प्रशासन का कहना है कि मुआवजा देने और अंतिम समय के बाद भी दुकानदारों द्वारा दुकानें खाली नहीं की गई, जिसके बाद मजबूरन कार्रवाई की गई है.

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